मै तो चला "बुध्द" की राह पर !
"पूरे भारत मे धर्म की जय-जयकार की धूम-धाम मची हुई है । धार्मिक कार्य जोरो-शोरो से चल रहे है और भारत सरकार इसे बढ़ावा देने के लिऐ सरकारी धन भी खर्च कर रही है ताकि विदेशी लोग यहां आकर इन भव्य मंदिरो को देखने आऐ ताकि सरकार की कमाई बढ़ सके " मंदिरों का निर्माण कार्य बड़ी तेजी से हो रहा है । इसी बीच धर्म - परिवर्तन भी होना रुक नही रहा है। दोनो ही कार्यो मे सरकार की क्या मंशा चल रही है वह आज तक समझ मे नही आ रही है । भारत की राजनीति मे जातिवाद को ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है । इसी वजय से भारत मे जातिवाद तो कभी समाप्त नही हो सकता । लेकिन हाँ आरक्षण को समाप्त करने मे सरकार द्वारा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष से कोशिश जरुरी की जा रही है । अब ऐसी स्थिति मे हिन्दुराष्ट्र घोषित करने मे जरुर बाधा आ सकती है । इसके लिऐ भी सरकार ने पहले से ही सोच रखा है । गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन सम्पादक-संस्थापक-काउसंलर