स्वर्णिम भारत बनाने मे, गाँव, कस्बों की भूमिका.......

गांधी जी की ग्रामीण स्व-रोजगार का ध्यान नही देने के कारण देश की उन्नति संभव नही आज भी वह स्थिति नही बन रही है।कस्बों के काँलेजेस मे छात्रों की कमी होती जा रही है। कोरोना का भय अभी भी निकल पा रहा है। शहर जाने अभी भी लोग डर रहे है अतः इसका लाभ सरकार को उठना चाहिए और गाँव से गांव से कस्बों के लिए   योजना बनाकर लागू करना चाहिए ताकि वहां लोगों को रोज-गार मिल सके और वे बहार जाने से बच सके।गांव हो या फिर शहर हो सभी जगह महगाई बेरोजगारी है। इस तरफ सरकार आखिर अपना ध्यान क्यों नही दे रही है।म०प्र०राज्य इस मामले में शुरू से ही नकारा रहा है।यहाँ पर रोजगार हेतु बड़े संस्थान, फैक्ट्री, कम्पनी नहीं है जो गांव गांव जाकर गांधी ग्रामीण स्वराज योजनाओं पर कार्य कर सके ऐसी पहल यहाँ के नेताओं ने की ही नहीं ,वे अपनी कुर्सी बचाने मे ही रहे इसी वजय से गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन  ने कहा है कि "प्रदेश का मुखिया गाँव से हो,आदिवासी, हरिजन व छोटे तबके का हो।"

Comments

Popular posts from this blog

दिलिप बिल्डकाँन के कर्मचारी अर्पित कुंवर का निधन !

28 जून 2024-श्रृध्दाजली दिवस !

आज के इतिहास मे 16 जून 2024 का विशेष महत्व !