"आज मकरसंक्रांति है ।
आज मकरसंक्रान्ति 14 जनवरी का दिन अनादि काल से चला आ रहा है । जब इस समय मे लोगो को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वह ग्रह नक्षत्रों को मान रहे और सलाह ले रहे है । आज 21 वी शदि चल रही है लोगो को सभी बातो की जानकारी आसानी से पता चल जाती है । पहले ऐसी व्यवस्था नही थी । पहले जानकार व्यक्ति तो थे साथ ही जानकारी लेने वाले लोगो की भी कमी नही थी ।
आज मकरसंक्रांति का दिन 14 जनवरी के पावन पर्व मे धार्मिक स्थलो पर पवित्र नदियों मे स्नान करके साफ कपड़े पहन कर , तांबे के लोटे में पानी लेकर उसमे काले तिल,लाल चंदन,गुड़ और लाल फूल डाल कर सूर्य भगवान को जल अर्पित करते हैं । सूर्य की पूजा करने के पश्चात शनि देव की पूजा काले तिल चढ़ाकर करना चाहिए । पोष माह की शुक्ल पक्ष की व्वादश तिथि को मकरसंक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है । मकरसंक्रांति की तिथि सूर्य देव की चाल तय करती हैं । जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि मे प्रवेश करते हैं ।
गंगा सागर मेला हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है । इसे गंगासागर स्नान व गंगासागर यात्रा के नाम से जाना जाता है । कहावत भी है कि "बार बार की तीर्थ यात्रा से भली एक गंगासागर की यात्रा" ।
यह मेला हिन्दू पंचाग के अनुसार प्रत्येक वर्ष मकरसंक्रांति पर मनाया जाता है । प बंगाल राज्य में सागर व्दीप या सागर व्दीप के किनारे मनाया जाता है । यह मेला पहले से शुरू होकर मकरसंक्रांति पर समाप्त होता है ।
इस पावन मकरसंक्रांति पर्व पर सभी देशवासियों को गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन की ओर हार्दिक बधाई ।
"ज्यौतिर्विद" गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन, टीलेश्वर माहराज ।
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