आज का सुविचार के साथ गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन
" किसी कार्य का संकल्प ले और पूरा करने मे निश्चित सफलता मिलती है ।"ऐसा मानना है गुरूजीसत्यवादी श्री रामधुन का ।आज इंटर "नेशनल प्ले डे" है ।
बच्चों के लिए खेलने की तारीख वो दर्शाता है ।जो मुख्य रूप से अमेरिका में बच्चों के खेलने के लिए कुछ घंटों के लिए एक साथ रहने के लिए एक व्यवस्थित नियुक्ति के लिए उपयोग की जाती है ।इसे डेटिंग के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए क्योंकि इसमें कोई नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे कोई इसमे रोमांटिक घटना नहीं है । बदलने की तारीख आम हो गई है क्योंकि अ-व्यस्त माता-पिता के लिए काम के कार्यक्रम बच्चों को लावारिश छोड़ने के बारे में मीडिया के साथ पोस्ट तरह के खेल को रोकते हैं । जिससे अन्य वीडियो में के बच्चे भाग देते हैं खेलने की तारीख के उन गंतव्य द्वारा ही व्यवस्थित की जाती है जिनमें ःसं
ग्रहालय जैसे बच्चों के अनुकूल कार्यक्रम होते हैं ।वा के मैदान एक नाटक की तरह नाटक की तारीख का राधा बच्चों को अनियोजित गतिविधियों की तुलना में कम संरक्षित बादाम में स्वतंत्र रूप से बातचीत करने का समय देना चाहिए खेलने की चीजें संगठित गतिविधियां या निर्धारित होना चाहिए क्योंकि वह आमतौर पर संरक्षित नहीं होते हैं खेलने की तारीख लोक संस्कृति की स्थानीय भाषा का बन रही है और बच्चों के डाउन टाइम का हिस्सा बन रही है और वर्तमान समय में या हिस्सा एक मोबाइल के द्वारा निश्चित किया जा रहा है ।।आज के बच्चे मोबाइल गेम के अलावा गेम में रुचि नहीं रख रहे हैं । है । ऐसी स्थिति में खेलने की तारीख एक अभिव्यक्ति है जैसे प्ले डे एक ऐसी तारीख है जो बच्चों के लिए अमेरिका सरकार ने निश्चित की है ।ऐसा करने से बच्चो के उपर बौध्दिक विकास की शुरूआत होती है । मोबाइल से हटाने या छुड़ा लेने तथा मोबाइल बंद करने से भारत क ई बच्चे आत्महत्याऐ कर रहे । कोरोना महामारी के कारण और लाँकडाउन मे यह मोबाइल एक टाईम पास बन गया था किंतु वह आदत बन गई है । अमेरिका एक ऐसा देश विकसित तो है इसके लिए नये नये प्रयोग और रिसर्च कर लागू करते रहता है इसी वजय से वहाँ इंटरनेशनल प्ले डेट मनाऐ जाने की व्यवस्था लागे कर, मनाया जाता है । अब यह व्यवस्था धीरे विश्व के क ई शहरो चल पड़ी है ।
भारत मे ऐसी कोई व्यवस्था नही है जबकि यहाँ जरूरी है ।सरकार और सरकारी तंत्र अभी इस तरफ ध्यान नही दे रहे है । बहुत जल्द भारत मे भी प्ले डेट मनाया जाऐगा । पूरे भारत मे क ई ऐसे खेल है जो भारत मे ही पहले
से ही गाँव-गाँव मे खेले जाते थे जो बाद मे सुधार लिया जाकर उपयोग मे लाऐ जा रहे है ,गिल्ली-डंडा,तैराकी, छुआई-बिल्ली से ,खो-खो,कब्बड्डी आदि आदि अनेकों गेम है ।भारत मे मोदीसरकार ने इस तरफ विशेष ध्यान दिया है और वह दिन दूर नही जब भारत मेभी "इंटरनेशनल प्ले डे"पर विशेष व्यवस्था की जा सकेगी ।
संस्थापक, सम्पादक,अध्यक्ष, काउंसलर
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