"सोना" अरुचिकर क्यो ?
आज से कुछ वर्ष पूर्व मोदी सरकार ने घर मे रखा हुआ और धार्मिक स्थलो पर रखा हुआ,पड़ा हुआ सोना पर ब्याज देने की प्रलोभन स्कीम निकाली थी जिस पर ना तो आमलोगो ने और ना ही धार्मिक स्थलो ने रुचि दिखाई थो। मोदी सरकार के अफसर भी भूल गए अथवा समय का इंतेजार करते रहे अगले आदेशो का इंतजार करते रहे। लेकिन सरकार यह भूल ग ई कि ये हिन्दुस्तान की जनता है जो धर्म और धार्मिकता लिऐ जी रही है और मरने को तैय्यार रहती है । तो ऐसे मे सरकार के बहकावे मे कैसे आऐगे ?सरकार मंदिरो पर भी दबाव नही डाल सकती चूंकि सरकार तो धर्म के ही नाम से चल रही है ।
" केंद्र सरकार ने सोने के आयात को कम करने के लिए गहनों को बैंक में जमा करने की अनूठी अनूठी योजना शुरू की थी इससे लोन अपने ज्वेलरी की बैंक में जमात कर उसे ब्याज के 7 केस में पुराना सकते हैं इसके लिए 2.5% ब्याज है लेकिन योजना में लोगों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई अब भारत का व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है तब यह योजना कारगर हो सकती है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार लोगों को समझाने की कोशिश करती रही कि लोग ज्वेलरी को बैंकों में जमा करके ब्याज अर्जित करें करीब 7 साल पहले वर्ष 2015 में शुरू की गई यह योजना कारगर होती नहीं दिखी इस योजना में अब तक सिर्फ 25 टन सोना जमा हुआ जबकि वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि भारतीय घरों में ज्वेलरी और मंदिरों में चाहा वह के रूप में 25000 टन से ज्यादा सोना पड़ा है एक अनुमान है कि भारत में मंदिर ट्रस्टों के पास लगभग 4000 टन सोना है यह अमेरिका के मूल्य रेफ्रिजरेटर के जितना बड़ा भंडार है केंद्र सरकार को इस योजना का मकसद देश में बड़े पैमाने पर सोने के आयात को रोकना और देश में पहले से मौजूद सोने की गहनों को पिघलाकर इसे दोबारा बाजार में लेकर व्यापार घाटे को कम करना है अब जब डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में गिरावट आई तब इस योजना पर जोर देने की जरूरत है। लोग कहना जमा करें तो आयत कम होगा
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा यदि आप घरों में रखे सोने को लाकर री साइकिल कर सकते हैं तो सोने के आयात पर निर्भरता कम होगी इससे चालू खाते के घाटे पर दबाव कम होगा इसके साथ ही इस्तेमाल नहीं हो रहे गहनों को केस में बना सकते हैं एच डी एफ सी बैंक लिमिटेड किए प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा कि जब भारत में आयात दिल को कम करने के प्रयासों की बात आती है चाहे वह सोना पर हो या तेल पर हो इस समय हर प्रतिशत बिंदु मायने रखता है
सरकार ने जुलाई में सोने पर आयात कर को अब तक के उच्चतम स्तर पर लाकर सर्राफा की खरीद की हतोत्साहित करने की कोशिश की लेकिन वैश्विक कीमतों में गिरावट ने प्रभाव को कम कर दिया या वर्तमान भारतीय त्योहारों के मौसम के द्वारा स्पष्ट हो गया है
वर्ष 2015 में शुरू की गई थी यह स्कीम 2015 सोने की फिजिकल मांग को कम करने के इरादे से सबसे पहले सरकारी गोल्ड केंद्र योजना नवंबर 2015 में लाई गई थी लोगों को जमा सोने के मूल्य पर 2.5% तक के ब्याज भुगतान का प्रस्ताव है इसमें 1 साल से 15 साल की अवधि के लिए अपना सोना बैंक में जमा किया जा सकता है ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
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