बुजुर्गो को गुस्सा करना घातक है!
बुजुर्गो के गुस्सा करना घातक होता है इसलिये उन्हे गुस्सा ना दिलाया जाये ,उनकी हिफाजत करे और खुश रखने के लिऐ हर संभव कोशिश करे रहे । यही हमारा धर्म है ।
आपने लोगों को को कहते हुए सुना होगा कि गुस्से में दिमाग फटने लगता है लेकिन हकीकत इससे भी कहीं ज्यादा खतरनाक है गुस्सा पूरे शरीर को बीमार कर देता है यह दिमाग की नहीं देती और पेट भी खराब कर देता है यह पुरानी बीमारियों को उपहार देता है अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर कहते हैं कि गुस्से या हताशा में शरीर के न्यूरो हार्मोनल सिस्टम पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है जो अहमद इमरजेंसी तक पहुंच सकता है लंबे समय तक हो सकती है हमारे लिए कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम से नर्वस सिस्टम तक को प्रभावित करता है गुस्सा शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है नशे लगती हैं कई बार पेट में मरोड़ पड़ने लगती है - गुस्से का दिल पर असर पड़ता है गुस्सा धमनियों को संकुचित करता है पहले से कोई भी कार्डियोवैस्कुलर बीमारी जैसे हाई बीपी या हाई कोलेस्ट्रॉल है तो दिल का दौरा पड़ सकता है डॉक्टर कहते हैं गुस्से में से बीपी बढ़ने नसू नसू के सिकुड़ने के साथ-साथ ह्यूमन सिस्टम से बचाने वाले चैट निकलते हैं यह सब एक साथ होता है इससे धनिया ब्लॉक हो जाती है ।
दिमाग भी काम नही करता है -
गुस्से में दिमाग सही ऐसे नहीं कर पाता मनोरोग और बिहेवियरल न्यूरोसाइंस डॉक्टर कहते हैं कि किसी खास बाग वजह से उत्तेजित होने पर दिमाग कुछ कर दिखाने के लिए प्रेरित करता है इंसान गुस्से में और कर जाता है जिससे वह पसंद नहीं करता गुस्से में ज्यादा कमजोर होती है किसी चीज पर केंद्रित नहीं हो पाते हैं ।
पेट की खराबी पर भी असर पड़ता है - भावनाओं और पेट का गहरा संबंध गुस्से की वजह से गैस्ट्रो की समस्या होने लगती है खाना पचता नहीं है कब्ज होने लगती है ऐसे में गुस्से में पेट की मांसपेशियां ज्यादा सक्रिय हो जाती है कई बार आते अपनी जगह से हट जाती है इससे डायरिया तक हो सकता है कई बार कुत्ते की वजह से पेट में मरोड़ भी पड़ने लगती है कई बार भूख लगना बंद हो जाती है।
खुद को फिट रखें और पूरी नींद ने गुस्से पर काबू रखने में मदद मिलेगी गुस्सा रोक पाना हमेशा संभव नहीं होता लेकिन हम इसे कम कर सकते हैं ध्यान प्राणायाम के साथ खुद को फिट रखें और पूरी नींद ले जिससे गुस्सा कम आएगा
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
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