मै न्यायप्रिय व्यक्ति हूं ,सत्यमेवजयते ! "श्रीरामधुन"
मेरा न्यायप्रिय व्यक्ति हूं ! "सत्य-मेव- जयते " !
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
मैं जब से अपना होश संभाला और मुझे अच्छे से याद है कि मैं अपने न्यायप्रणाली के अंतर्गत हमेशा कार्य किया है उसकी वजह से मुझे आज तक कठिनाइयों से गुजरना पड़ा है ।फिर भी मैने हिम्मत नही हारी और सत्य का साथ नही छोड़ा और ना ही माननीय न्यायालय की शरण मे गया चूंकि अब मेरे पास समय नही है कि मै अपना शेष जीवन को थाना, कोर्ट, अदालतो मे बरबाद करु और मेरे पास इतना भी नही है जो वकीलो पर खर्च करु ।
यदि मैं अपनी परेशानी को बताने लगूंगा तो एक पूरी पुस्तक लिखी जा सकती है। लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा और वही बातें शेयर करूंगा जो ज्यादा जरूरी है
लिखते लिखते न्याय करते-करते अब मैं थक चुका हूं और वह भी बुरी तरह थक चुका हूं । और ना ही सत्य का साथ छोड़ा । रोज जिसके भी साथ न्याय करता हूं तो वह व्यक्ति तो खुश हो जाता है किंतु सामने वाले को आरोपी को जो दुख होता है उसका भी एहसास मुझे होता है । अब ऐसे में कभी-कभी सोचता हूं कि यह न्यायप्रिय दोस्त कम दुश्मन ज्यादा बना रहा हूं । तो क्या इसका त्याग कर देना उचित होगा अथवा नहीं ? यह भी आम जनता को फैसला करना है । मैं दुनिया में कोई ऐसा अकेला आदमी नहीं हूं, जो की न्याय प्रिय कार्य करते हो, अनेकों, लाखों ,करोड़ों हो सकते हैं। उनके साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा होगा उनकी बातें तो छुपी रह जाती है लेकिन मैं अपना दर्द कैसे छुपाऊं
? दर्द छुपाने का तरीका यह है कि दर्द को मिटा दिया जाए ,लोगों से कह दिया जाए -तभी दर्द का समापन होगा । कभी-कभी तो ऐसा होता है कि मैं लिखता कुछ हूं,कुछ और ही लिखा जाता है । मै चाहता हूं और लिख कुछ और देता हूं तो इसका मतलब है कि मेरे मन के अंदर में भटकाव चल रहा है । जिसे शांत नहीं कर पा रहा हूं। मैंने अपने जीवन में बहुत लोगों को समझाया उनके साथ न्याय की बात की ,नहीं माने तो आज बहुत पछता रहे हैं । और जिन्होंने मान लिया है तो बे बहुत अच्छी पोजीशन में है । न्याय का कार्य हमेशा अच्छा होता है । न्यायप्रिय कार्य , सत्य के लिए, करवाने के लिए एक निश्चित माप -
दंड है जिसके तहत उसे यह शक्तियां गाँडगिप्ट प्रदत होती है,दी
जाती है । कोई पढ़ाई लिखाई कर कर न्याय करता है तो कोई अपने अनुभव के आधार पर न्याय करता है । वकील जज मजिस्ट्रेट यह पढ़ाई लिखाई के दम पर साक्षो के आधारों पर अपना फैसला सुनाते हैं। वह यह नहीं देखते है कि जो फैसला वह सुना रहे हैं वह उचित है अथवा अनुचित ! न्यायप्रिय है अथवा नहीं ? साक्ष्यो के आधार पर निर्णय सुना दिया जाता है । किंतु कौशिस जरुर होती है कि बेगुनाह को सजा ना हो ।
मेरा न्याय करने का तरीका कुछ और ही अलग है । मैं सामने वाले की बात और उसके मन के अंदर में क्या चल रहा है उससे बात और वर्तमान स्थिति में क्या चल रहा है ! उसके आधार पर अपना फैसला सुनाता हूं , जो कभी गलत नहीं हो सकता । क्योंकि मैं ज्योतिषाचार्य का कार्य करता हूं मुझे उन सब ग्रह नक्षत्र का ज्ञान रहता है समय घड़ी चौघड़िया का ध्यान मे देखकर , आधार पर , सामने वाले के मन के अंदर में घुसकर उससे बात करके और वर्तमान स्थिति को देखते हुए इसका फैसला सुनाता हूं । मेरे इस फैसले को कोई भी चैलेंज नहीं कर सकता । आज तक तो किसी ने चैलेंज नहीं किया है । हो सकता है आने वाले समय में कोई मेरे जैसा ही व्यक्ति मुझे चैलेंज कर सकता है और मेरा स्थान ले सकता है ।
जब मैं फैसला सुनाऊंगा तो न जाने कितने अधिकारी कर्मचारी के परिवार वाले आहत् होगेँ ।
मेरा फैसला सुनाने का तरीका कुछ और ही है सजा तो सबको मिलकर रहेगी । आज नहीं तो कल सजा सबके लिए समय तय हो चुका है । मैं न्यायप्रिय व्यक्ति हूं अत: बुरा किसी का भी नहीं होने दूंगा यही मेरी जीत होगी ।
ऐसा माना जाता है कि 26 में को जो व्यक्ति जन्म लिया हुआ है वह बहुत ही कर्मठ लगनशील होते हैं। अंक ज्योतिष में 26 का अंक शुभ माना गया है । इसका मूलांक 8 अंक होता है ।ज्योतिष में आठ का अंक माना गया है । 8 का अंक शनि प्रधान होता है । ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्यायाधीश माना गया है। शनि एक न्यायप्रिय ग्रह है । ऐसे लोगों को सफलता पाने में थोड़ा समय लग सकता है लेकिन ऐसे लोगों की सफलता स्थाई और लंबे समय तक कायम रहती है । सख्त मिजाज और अनुशासन प्रिय होते हैं । शनि ग्रह का प्रभाव आज के दिन 26 म ई जन्मदिन लेने वालों पर दिखाई देता है । आज के दिन जन्म देने वाले नियमों को मानने वाले होते हैं। सिद्धांतों से ऐसे व्यक्ति कोई समझौता नहीं करते हैं। जिस कारण इन्हें कभी-कभी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । लेकिन इस बात से इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है । सच को पसंद करने वाले होते हैं ।आसानी से किसी की तारीफ नहीं करते हैं दूसरों को फल दूसरों का भला करने में पीछे नहीं रहते हैं । ऐसे व्यक्ति अधिकारी नेता और कुशल बिजनेसमैन होते हैं । इन पर शनि की विशेष कृपा रहती है । कठोर बात करने से भी नही डरते हैं । काश मैं भी 26 में को पैदा होता किंतु जिस समय मै पैदा हुआ था उस समय 27 ता० का दिन था 26 तारीख खत्म होने के बाद 4 घंटे के अंदर मेंने जन्म लिया है इसी वजह से मैं भी शांति न्यायिक प्रिय व्यक्ति हूं ।
पैसा पैसे को खींचता है बरसों से यह कहावत हम सुनते आ रहे हैं । इसी कहावत का हवाला देखे तो हम सब अमीरों को और अमीर होते देखते चले आ रहे हैं ।आप भी अमीर बन सकते हैं किंतु आपको अमीरों के यह नुक्से सीखना चाहिए-
* समय के अनुसार खरीदी विक्रय किया जाता है
* रिस्क उठाते हैं
हमारे देश में न्यायप्रिय लोगों की कमी नहीं है ।न्यायप्रिय लोगो के पास धन की नहीं होती है किंतु धनवान जरूर होते हैं । पैसा नहीं होने पर भी पैसों की कमी नहीं होती है । समय जरूरत पर उनकी सभी आवश्यकता पूरी हो जाती है, क्योंकि वह धन के बारे में कम और धनबान बनने के बारे में ज्यादा विश्वास रखते हैं ।
मैंने अपने जीवन में जो कुछ भी सोचा, सीखा है वह यह सीखा है कि आदमी जो जो सोचता है भलाई ही । उसे समय का थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है । लेकिन उसके सोचने से व्यवस्था का निर्माण होना शुरू हो जाता है और जो सोचता है वही कार्य होता है ।
और होता चला जाता है ।जिस चीज की मनोकामना उसने की थी वह सब मनोकामनाएं पूरी होती गई। अब एक ही इच्छा है कि मैं न्यायप्रिय कार्य करु ।लोगों की मदद करूं ।मेरे पास इतना धन हो जो लोगों की समस्याओ को समाप्त करने हेतु बांटा जा सके ,हल किया जा सके । इस समय ऐसी स्थिति नहीं है लेकिन होगी अवश्य । में ज्योतिष का जाना माना व्यक्ति हूं ।एक समय में बहुचर्चित व्यक्ति जरूर बन कर दिखाऊंगा क्योंकि इसके लिए मैंने 23 वर्ष इंतजार किए हैं । 23 साल कम नही होते है ।
लेखक-आलोचक-काउसंलर
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