भारत मे बुजुर्गों का व्यापार से आमदनी बढ़ी ।" श्रीरामधुन"

भारत मे बुजुर्गों के बाजार से आमदनी बढ़ी । "श्रीरामधुन"
     भारत की जनसंख्या का हर 10 वाँ व्यक्ति बुजुर्ग है । इनकी बढ़ती जनसंख्या को देखते हुऐ और रिसर्च की रिपोर्ट को देखते हुऐ भारत सरकार के काबिल आफीसर को इसका जिम्मा सोपा गया। काबिल अफसरो की कमी नही । भारत मे इनका बस चले तो ये लोग भारत के नेताओं को खुश करने व अपने स्वयं के हित मे कुछ सलाह दे सकते है ,रुपरेखा तैय्यार कर सकते है । जबकि ये लोग भी बुढापे की दहलीज पर है । पर ये सब के सब धनवान है,पढ़े-लिखे है और वैलसेटेल्ड रहते है और इनके बच्चे बाहर नोकरी कर रहे होते है तो इन्है
क्या प्राब्लम्स हो सकती है । ऐसा लगता है कि इन लोगो ने अपने ही लिऐ योजना लाऐ है । अब  हम उस योजना की बाते करेगे -
भारत में बुजुर्गों की देखभाल का बाजार 2 साल में 16 गुना बड़ा है।
दुनिया के सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देश भारत में बुजुर्गों की देखभाल का बाजार तेजी से बड़ा है इसके लिए सीनियर वर्ल्ड, 60 से ऊपर वाले लोगों के कारण सौदागर गुना निवेश बड़ा है 2औ021 में बुजुर्गों की देखभाल करने वाली कंपनियों में सिर्फ 12 करोड रुपए का निवेश हुआ था वही 2023 में अब तक 198 करोड रुपए से ज्यादा का निवेश किया गया है। देश में इस वक्त 15 करोड लोग 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं यानी हर दसवां भारतीय बुजुर्ग है । 2023 के अनुसार 2050 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या 2 गुनी हो जाएगी बुजुर्गों की देखभाल का कारोबार मुख्य रूप से जरूरत से ज्यादा कई हिस्सों में बनता है । भारत के तमाम शहरों में बुजुर्गों के लिए अलग-अलग टाइप के वृद्ध आश्रम खोले गए हैं जिसमे सभी प्रकार की सुविधा से लैस है ।  खास तौर से यह वृद्ध आश्रम जो लोग अकेले घर में रहते हैं और उनके बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं या नौकरी कर रहे हैं उनके लिए सभी सुविधाएं मुहिया करवा कर वृद्ध आश्रम बनाया गया है और उनसे जरूरत से ज्यादा चार्ज लिया जा रहा है । और यह कार्य मध्य प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है ।ज्ञात रहे की भोपाल में वृध्दझन आयोग पहले ही समाप्त किया जा चुका है और उसकी एक शाखा सामाजिक न्याय विभाग को के ऑफिस में ही लगी हुई है और वहीं के कर्मचारी नियुक्त हैं । ऐसे में यह वृद्ध आश्रम एक ऐसा आश्रम बन गया है जो सरकार को काफी आमदनी वाला कहा जा रहा है । वृद्धाआश्रम तो अनेको प्राइवेट तौर पर चल रहे हैं। किंतु सामाजिक न्याय विभाग  में भ्रष्टाचार के चलते लोगों को नाना प्रकार की असुविधा हो रही है । ट्रस्ट चलाने वालों को और उनसे संबंधित लोगों को सरकार द्वारा काफी परेशान किया जा रहा है । और मान्यता , डे केयर सेंटर आदि आदि जो वृद्ध लोगों के लिए चलाए जा रहे हैं उनको सरकार मान्यता नहीं दे रही है और गुमराह कर रही है । ऐसा ही एक ट्रस्ट लोगों के सामने आया है जो डे केयर सेंटर के नाम से कई वर्षों से काम कर रहा है जिसे मध्य प्रदेश सरकार ने आज तक अपने संज्ञान में लिया तो है लेकिन उसके बारे में कुछ नहीं किया है।  इसका मुख्य कारण है कि इस विभाग में भ्रष्टाचार अत्यधिक मात्रा में होने के कारण कई संस्थाएं परेशानियों का सामना कर रही हैं। शिकायतें सुनने वाला कोई भी अधिकारी नहीं है क्योंकि इस गोरख धंधे में सभी की मिली भगत है इसी वजह से कुछ लोगों ने जनहित निशुल्क सेवाएं करना बंद कर दी है और सरकार भी यही चाहती है - क्योंकि इस तरह के सभी कार्य सरकार अपने पार्टी के कार्यकर्ताओ को देना चाहती है जिससे मनि अर्निंग ऑफ सोर्स का एक  आयाम बन सके । मध्य प्रदेश सरकार के नेता और अधिकारी दोनों ही मिलकर भ्रष्टाचार में लिफ्ट होकर देश को गुमराह कर रहे हैं
बुजुर्गों के कारण देश की अर्थव्यवस्था मे सुधार आया है । बुजुर्गों को अनेकौ प्रकार से प्रशिक्षण दे रही है ताकि उन्हे और सरकार दोनी को लाभ मिल सके ।म०प्र० सरकार तो पहले से बिमारु राज्य है । इसलिए वह तो किसी भी अनैतिक कार्यो से धन उपार्जन कर सकने मे समर्थ  है । वृध्दजन दो प्रकार के होते है -(1) अमीर (2) गरीब वृध्दजन । अमीरो से धनोपार्जन किया जा सकता है किंतु गरीबो का तो सोचना चाहिए सरकार को उनको भी कैसे लूटे उस पर विचारविमर्श चल रहा है यह बात बिलकुल भी उचित नही है । गरीबो की हाय बहुत खतरनाक है वही सरकार का तख्ता भी पलट सकती है । इसलिये गरीब वृध्दजन
की सहायता मे कटोती ना किया जाऐ इसी मे सबकी भलाई छुपी है।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
लेखक-आलोचक-काउंसलर


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