जिंदगी और मौत के बीच का एहसास!

जिंदगी और मौत के बीच का एहसास'↑ आज तक कोई समक्ष नही पाया  है ,जो समझ गया तो
वो कुछ नही कर पाया ना ही लोगो को समझा पाया ।
"श्रीरामधुन "
      इस परिवर्तन युग ऐसा ही देखने को मिल रहा है कि अच्छी बाते,सच्च बाते लोगो को कड़ुवी लगती है और वह जल्द ही रिस्ता तोड़कर हमसे दूर हो जाता है । इस
रिस्ते को क्या नाम देगे ?  कल तक जो पैर पड़ता था आज वही पैर पड़वा रहा है । यह तो उन लोगो की बाते है जो दुनिया छोड़कर चले गये है । जो साथ मे है वे भी सबक नही लै रहे वही बाते दोहरा रहे है , बुरा मान रहे है, गुस्सा बतला रहे है जबकि यहां पर जो भी समझाइश दी जा रही है उसमे उनकी ही भलाई छुपी हुई है । ऐसे लोगो के बारे मे आप अपनी राय से जरुर जरुर अवगत कराऐ ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
    लेखक-आलोचक-काउंसलर
मेरी अपनी राय मे - मेरे ही लोग शामिल है उन्ही लोगो के बारे मे लिखा गया है । सब अपनी अपनी समझ का फेर है । कभीकभी ऐसा लगता है कि कोई हमे इगनोर कर रहा है किन्तु ऐसा नही होता है । कुछ लोग ऐसे होते है जिससे बात करने मे व्हाट्सएप् पर बात करने पर दिल को बड़ा अच्छा लगता है । भले ही हम उससे कितने ही दूर क्यो ना हो । ऐसा सब के साथ नही
होता कुछ ही विशेष लोग होते है जो हमारे पिछले जन्मो से जुड़े होते है । यह सब बाते विशेषकर आपके लिऐ है आप अपने विचारो से अवगत जरुर कराऐ । हर कोई हर किसी की जगह नही ले सकता है । मेरे पुत्र मे मेरी आत्मा बसती थी कोई भी उसकी जगह नही ले सकता है ऐसा लोगो का मानना है।
उसके मिलने वालो से भी मै दूर नही रह सकता ।
श्रीरामधुन

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