आंतकवाद का कोई दोस्त नही ............
हर आदमी की कामयाबी के पीछे उसकी मेहनत होती है। मेहनत कहाँ से आती है ? मेहनत उसके अच्छे कर्मो से आती है । अच्छे कर्म क्या होते है ? ये अच्छे कर्म उन्हे विरासत मे मिलते है जो उसे अपने माँ-बाप से,गुरू ,शिक्षा और सतसंगति से सम्मान मिलता है । अब सम्मान क्या होता है ? सम्मान की सीमा, सम्मान कैसे किया जाता है ? आदि आदि बातो का भी ज्ञान होना अति आवश्यक है ।
इस संघर्ष मय जीवन में जीवन मे सम्मान शब्द का महत्व धीरे धीरे समाप्त होता जा रहा है कोई भी किसी का सम्मान नही कर रहा है जिसके कारण व्यक्ति ओर भी अधिक परेशान हो रहा है । अतः ऐसी स्थिति में अच्छे कर्मों और बुजुर्गों की कही बातों पर विशेष ध्यान देते हुऐ नियमो का पालन करते हुए कार्य करेगा तो उसे लाभ जरूर मिलेगा । इंसान बड़ा हो या छोटा,आदमी हो या औरत,गरीब हो या अमीर,लड़का-लड़की,भाई-बहन,गुरू-चेला,माता-पिता, भगवान हो या शैतान सभी का यथायोग्य सम्मान करो तभी आपको सम्मान का अधिकार प्राप्त होगा । अब यहा पर अधिकार के बारे मे भी बतलाना पड़ेगा । यह एक मोलिक अथिकार है जो जन्म लेते ही माँ बाप से शुरू हो जाता है जिसमें समाज, देश का कानून, शिक्षा शामिल होतीं है । ये अधिकार उन्नति की ओर ले जाने मे सहायक होते हैं । अब उन्नति का अर्थ और उसके निहित कार्य उसके कर्मो पर निर्धारित होते है । उन्नति शिक्षा और सतकर्मों से प्राप्त होती है । इस प्रकार से अनेकों बाते हे जो कामयाबी दिलाती है ।
कामयाबी का सुअवसर हर व्यक्ति के जीवनकाल मे आते हे जिसका लाभ इंसान अपनी नासमझी के कारण उठा नही पाता है और समय निकलने के पछतावा करता रहता है किंतु ऐसे अवसर जीवन मे तीन बार आते है । अत:पछतावा मत करो और फिर अच्छे समय का इंतजार करो । सकारात्मक सोच के साथ दूसरो की भलाई मे अपनी भलाई ढ़ूंढने का प्रयास करो ।
गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन
संपादक, संस्थापक, अध्यक्ष, काउंसलर, लेखक
श्रीरामधुन
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