काला धन पर राजनीति प्रहार

 राजनीति विचारधारा और परिवारवाद दोनों अलग-अलग बातें हैं इसे कभी भी जोड़ना नहीं चाहिए ।जो भी इसका लाभ उठाता है वह भ्रष्टाचार की श्रेणी में अपने आप आ जाता है ।किसी भी व्यक्ति पर आरोप लगाना अच्छी बात नहीं है ।आरोप लगाने से पूर्व अपने आप को देखते हुए अच्छाई बुराई की तुलनात्मक कार्रवाई से गुजरना अति आवश्यक है ।सबसे बड़ी बात तो यह है कि आरोपों को सिद्ध करना होता है ।सर्वप्रथम यह देखा जाता है कि आरोप एक व्यक्ति के ऊपर लगाया जा रहा है ,क्या आरोप राजनीति से प्रेरित होकर किया गया है? अथवा राजनीति का प्रयोग तो नहीं किया जा रहा है ।ठाकुर वाद और ब्राह्मणवाद देश की आजादी के पूर्व से चल रहा है, और अभी भी शहरों को छोड़कर, गांव गांव में पसरा हुआ है ।इस जातिवाद में जो भी मतभेद हैं ,जो कानूनी कार्रवाई पर सवाल उठाता है ?और चढ़ाता है ?कानूनी कार्रवाई तो होती है और सजा भी होती है छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध वरिष्ठ वयोवृद्ध वरिष्ठ नागरिक श्री नंदलाल कुमार बघेल पर आरोप-प्रत्यारोप एक संपूर्ण समाज ने किया है जो कि अपने आपको ब्राह्मण समाज बतलाता है ।यह आरोप भी सत्य है कि नहीं क्योंकि सोशल मीडिया पर किया गया बयान पर कानूनी मान्यता अभी भी नहीं दी गई है। मानव अधिकार आयोग से संबंधित है फिर भी पुलिस प्रशासन ने f.i.r. दर्ज कर ली। बात का तथ्य यह है कि श्री बघेल सोशल मीडिया के माध्यम से संपूर्ण ब्राह्मणों पर टीका टिप्पणी करते हुए भला बुरा कहा है ?जबकि उसी सोशल मीडिया पर उन्होंने खेद प्रकट करते हुए चर्चा भी की है मैं किसी के किसी के भी खिलाफ नहीं हूं, लेकिन एससी एसटी ओबीसी और अल्पसंख्यक के लिए कुछ भी कर सकता हूं ।ऐसा कथन है श्री बघेल का, जो सीधा जातिवाद उच्च और नीच जाति के लोगों के बीच में एक मुद्दा तो नहीं बन रहा है ?माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि कानून ही सर्वोपरि है कानून तोड़ने वालों को सजा मिलनी  ही चाहिए ।चाहे वोकोई भी हो।  उन्होंने आगे यह भी कहा कि उनके और पिता के विचारों में मतभेद शुरू से ही रहा है । वे स्वतंत्र है । 

गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन

संस्थापक, संपादक, अधयक्ष,काउसंलर.

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