आखिरकार घोटालों का अंत कब ?
हमारे देश मे घोटाला करने वालो की कोई कमी नही है । इन घोटालों मे अनेकों की मिलीभगत भी होती है जिसमें सरकारी अधिकारी व नेताओं की भूमिका पाई जाती है। एकल प्रणाली के अंतर्गत व्यक्ति अथवा उसकी कम्पनी पकड़ी जाती है तो ऐसे लोग देश छोड़कर भाग जाते है.। किसी को सजा होती है तो कोई साक्ष्य के अभाव में बच जाता है ।
घोटालाबाजो की सहायता करनेवाले पर कोई कार्यवाही नही होती है जबकि ये सबसे ज्यादा जिम्मेदारी निभाते है। घोटालों के क ई प्रकरण अदालतों मे चल रहे है । दिनोंदिन प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है ।निर्णय मे देरी होने के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसके कारण अपराधी को सजा नही मिल पाती उनके होंसले बढ़ जाते है ।
अतः इन घोटालाबाजो को सजा तो मिले साथ ही इनसे भरपाई हेतु इनकी सम्पाति इनके रिस्तदारो से वसूल किया जावे । सबसे बड़ी बात यह है कि ये घोटाला करने वाले लोग ज्यादातर अधिकारी, नेता और बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज़ है जिन्होंने बचने के लिए एन जी ओ ,टूस्ट, समितियों का पंजीयन करा रखा है और आम-जनता के साथ साथ सरकार को दोनो हाथों से लूट रहे है । माननीय न्यायालय को इस बात का इल्म है । समय समय पर इनके विरूद्ध कारवाई करने के आदेश भी देते रहती है।
किसी भी सरकारी योजना का यह हाल है ,
उसमें घोटाला ही घोटाला पाया जाता है । अभी अभी का ताजा मामला मनरेगा योजना का है जिसमें चार साल की आर्डिट मे 935 करोड़ की गड़बड़ी रिपोर्ट आई है । इन सब होने के बाद लोगो को माननीय न्यायालय पर अटूट विश्वास है
अव न्यायालीन कार्रवाई भी धीरे धीरे सक्त होती जा रही है अब वह दिन ......।.............।
गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन
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