"शिक्षा के क्षेत्र मे फर्जीवाड़ा अब बरदाश्त नही"

भारत मे शिक्षा स्तर दिनोंदिन बढ़ते जा रहा है।विदेशी ताकतों के साथ साथ देश में छुपे गद्दर इस बात को हझम नही पा रहे है।और नानाप्रकार की गतिविधियों को अंजाम दे रहे है ।

ये लोग सरकारी अफसर और नेता हे जिन्होंने शिक्षा विभाग को भी नही छोड़ा है। भारत देश बहारी ताकतों से लड़ सकता है किन्तु देश के भीतर छुपे जयचंदो कैसे लड़े? 

देश में शिक्षा के क्षेत्रो मे फर्जीवाड़ा अपनी चरमसीमा लाँग चुका है।आज बच्चों को पढ़ना-लिखाना दूभर हो गया है। शिक्षा का व्यवसाय चल रहा है। ये व्यवसाय करनेवाले नेता और सरकारी अफसर है, इन पर सरकार अपना शिकांजा कसने हेतु कानून भी ला रही है।

इसके अलावा शिक्षा विभाग मे जाँली मार्कशीट, प्रमाणपत्र, डिग्री का धन्धा भी जोरों से चल है यह धन्धा पहले से चला आ रहा है।

आज म०प्र०के इन्दोर शहर में जाँली दस्तावेजों का रेकेट पकड़ाया गया है।ये लोग कोचिंग चलाते थे। जाँली दस्तावेजों का धन्धा आज से नही वर्षों से चल रहा है,सजा भी हुई, संस्पेंड हुए , बहाली भी हुई।

वर्ष 1970-75 के बीच की बात है।मार्कशीट व जाँली प्रमाणपत्रों का एक रैकेट पकड़ाया गया था जिसमें माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल के अधिकारी ,शिक्षा विभाग के साथ साथ अन्य लोगों पर कार्यवाही हूई थी।इन लोगों के तार जनसंपर्क विभाग के अधिकारी से जुडे हुए थे वे अधिकारी अभी भी पदस्त है।

कहने का आशय् यह है कि जाँली मार्कशीट, प्रमाणपत्र, डिग्री बनाने वालों के उपर सरकार कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है किंतु इन पर नकेल डालने का मन बना चुकी है।

गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन

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