वृध्दजन "ओल्ड ऐज होम"..... .
आज दिनांक 31-12-2021 के समापन दिवस पर और नव -वर्ष 01-01-2022 के आगमन पर गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन द्वारा वरिष्ठ नागरिक, वृध्दजनो को समर्पित कर सरकार का ध्यान आकर्षित करवाने का प्रयास किया है और बधाई दी है ।
केंद्र सरकार और राज्य तं के द्वारा वृध्दजन हेतु ओल्ड ऐज होम ना जाने कितने चल रहे है और सरकार द्वारा करोड़ों रू०देना पड़ता है । अब सरकार चाहती इन्हें बंद छंयं जाऐ । सरकार के गले मे फंसी यह फांस कैसे निकाला जाए । सरकार हमेशा ही घोषणा करते आई कि बुजुर्गों को हर संभव मदद करनी है । नानाप्रकार की सु्विधाऐ भी दे रही है ।किंतु सोचती भी होगी कि आखिरकार कब तक ?
चूंकि सरकार,सरकारी अफसरो से ही चलती है, ये सरकारी अफसरों मे कुछ अच्छे तो कुछ बुरे तो कुछ सनकी तो कुछ पागल अर्थात सर्वगुण सम्पन्न तरह के होते है । अब नेताओं को जैसा काम करवाना होता है तब इन्हें प्राप्त योग्यताओं के आधार पर कार्य सोपा जाता है ।
शिवराज सरकार ने अभी अभी हाल मे म०प्र०की राजधानी भोपाल में ओल्ड ऐज. होम बनाने की ऐक योजना की घोषणा की है । इस योजना मे गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों को स्थान नही दिया जाकर , जिनके बच्चे विदेशों मे रहते है, जिन नेताओं व अधिकारियों अथवा पूंजीपतियों के पास माँ-बाप को रखने ,देखभाल के लिऐ पर्याप्त समय नही है, उनके लिऐ है । इस योजना से सरकार को अतिरिक्त लभ प्राप्त होगा । ओल्ड ऐज होम मे वातानुकूलित कमरे, लाईब्रेरी, मनोरंजन, ए टी एम,फिजियोथेरेपी कक्ष,मेडिकल स्टोर आदि आदि की सुविधाएं होंगी ।
ओल्ड एज होम सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन मंत्रालय के अधीन होगा । सरकार ने इसके लिए रोडक्र 3 मे एक एकड़ भूमि भी आवंटित की है जिसकी लागत लगभग 11 करोड़ से अधिक होगी ।
अब सरकार जिन लोगों का सम्मान करती रही लाभ देती रही,लाभकारी योजनाएं स्वीकृत कर नाना प्रकार की सुविधाएं प्रदान करती रही हो वही आज अमीरी और गरीबों के भेद भाव कैसे कर सकती है ?इसी के साथ साथ एक विचारणीय प्रशन्न यह भी है कि ओल्ड एज होम बनाने की घोषणा करनै से पूर्व शिवराज सरकार ने केन्द्र सरकार से अनुमति नही ली और ना ही आमजनो से तथा इस क्षेत्र मे कार्यरत संस्थाओं, टूस्ट, समितियों से ही पूछा ?
टूस्ट "माँ आदिशक्ति दर०धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट" भोपात एक धार्मिक एवं सामाजिक टूस्ट के साथ साथ गांधी- मोदी विचारक टूस्ट है जो विगत 13-14 वर्षों से वनवास काट रही है ।जनहित मे अनेकों प्रकार की निशुल्क सेवा (सरकार के बिना मदद के,) प्रदान कर रही है।किंतु म०प्र० सरकार ने टूस्ट की मान्यता, अधिमान्यता, अनुदान, भूमि-आवंटन , तथा टूस्ट कई प्रकरणों पर सहयोग नही दिया है । अपीलीय आवेदन पत्र संबंथित को भेजा जा चुका । सबसे बड़ी बात है कि टूस्ट का कार्य सरकार करना चाह रही है जो कभी पेरी नही होने वाली है ।
गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन आगे भी बतलाते हैं कि :-
बुढ़ापा एक बीमारी है
वृध्दावस्था स्वमेव एक बीमारी है जिसमे सुख का अनुभव दुख मे मिलता है ।जब हमारे आस पास
किसी बुजुर्ग के साथ बद्सलूकी होती है तो हम उसकी मदद् ,उसके लिए और मुसीबत व मुश्किलें ना बढ़ा दे इसके लिऐ मदद् सीधे तौर से ना करके कानूनी से तो कर ही सकते है ।
टीलाजमालपुरा भोपाल स्थित टूस्ट " माँ आदिशक्ति दर०धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट"के संस्थापक, संपादक, अध्यक्ष, काउंंसलर श्रीरामधुन द्वारा" वृध्दजन/निशक्तजन सहायता एवं काउसलिंग सेवा" कार्य लगभग 6-7 वर्षों से किया जा रहा "डे केयर सेंटर " चलाया जा रहा है सामाजिक न्याय विभाग मे पंजीकरण को 6वर्ष
हो गए है किन्तु भ्रष्टाचार के चलते आज तक मान्यता(अनुदान) नही मिला है ।
कई बार बूढे माँ-बाप बच्चों पर निर्भर रहते है और अपना घर और सम्पत्ति बच्चों को दे चुके होते है, तब उनके साथ दुरव्यवहार और मारपीट जैसी घटनाऐ सामने आती है ।बुजुर्ग अपने ही बच्चों के हाथ आऐ दिनो प्रत्याड़ित और अपमानित होते रहते है ।
शरारिक और मानसिक पीड़ा :- बुजुर्गों को मारना, धक्का देना,दुरव्यवहार करना, परेशान करना, ताने देना ,जबाव ना देना, के अलावा खर्चे के लिए पैसा ना देना,उनकी सम्पाति अपने से करवाने का दबाव देना पैसे छीनना ,घर का समान बेचना, आदि आदि बातो से जूझना पड़ता है ।ऐसे मे आसपास के लोग उनकी मदद् कर सकते है ।
दुरव्यवहार पर सजा का भी प्रावधान है :--यह बड़ी आसान हो गई है, मात्र आवेदन देने से कार्यवाही शुरू हो जाती है। इसमें दस हजार तक भत्ता और तीन से छ:माह की सजा है।नये कानून के अनुसार बहू और दमाद भी इस श्रेणी मे शामिल कर लिऐ गए हैं ।
भरण पोषण का अधिकार है ।
मदद् के लिए हेल्प न०112 का उपयोग किया जा सकता है।
सरकार का निर्णय :- बुजुर्गों की समस्या दिनो दिन बढ़ रही है और सरकार भी बराबर माँनेटरिंग कर रही है और करवा रही है ।
वृध्दावस्था मे पेंशन योजना भी लागू है।
बुजुर्गों की पीढ़ी, पीड़ा सहने पर मजबूर :--
आज तक बुजुर्गों की पीढ़ा कोई भी समझ पाया उन्हें हमेशा बोझ समझने वाले लोगो की भी कमी नही है ।भारत में सात करोड़ से अधिक साठ साल से उपर अधिक उम्र दराज है ।
भारत सरकार हो या राज्य सरकार हो ,इन्होंने बुजुर्गों के लिए अनेक योजनाएं बनाई है कोई फलित हुई तो कोई घोषणा तक ही सीमित रह पाई । म०प्र० शासन के मुख्यमंत्री की घोषणा अमीरों की "ओल्ड होम एज" पर क्या होता है ।
ठीक इसी प्रकार से कोरोनाकाल मे तात्कालिक कलैक्टर अविनाश लावनिया ने "वृध्द"जन सुरक्षा अभियान "चलाया था जिसपर सरकार ने तो कुछ नही किया किंतु "माँ आदिशक्ति दर०धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट "भोपाल "द्वारा इस पर कार्य किया था । श्रीमान कलैक्टर भोपाल को लेखा-जोखा बनाकर टूस्ट द्वारा भेजा गया किंतु इस पर भी कोई कार्यवाही नही की गई ।
वृध्दजन से संबंथित आयोग भी सरकार ने बंद कर दी वजय जो भी रही है चूंकि सामाजिक न्याय विभाग मे घोर अनियमिताओं के कारण आमजनों के साथ साथ टूस्ट एवं संस्थाओं को भी परेशानी उठानी पड़ रही है । एक चपरासी से लेकर बाबू की महक से पूरा विभाग मे भ्रष्टाचार व्याप्त है । संयुक्त संचालक, संचालक, प्रोग्रामर, सचिव, प्रमुख सचिव आदि आदि संदेह के दायरे मे है,कोई कम तो कोई ज्यादा, है सभी इसका जीता जागता उदाहरण है "माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट भोपाल म०प्र० ।
लेखक-आलोचक श्रीरामधुन के अपने स्वंम के विचार है यदि कोई गलती है तो व्यक्त कर चर्चा की जा सकती है । समस्या ग्रस्त सभी लोग है , सभी का कुछ ना कुछ निदान छुपा हुआ है गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन के पास । चाहे वह राजा हो या भिखारी ।
गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन
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