आपका अपना हक.........


 किसी भी परिवार, चाऐ वह अमीर हो या गरीब हो,ऐक सपना होता है कि स्वयं का एक मकान हो । अमीरों के पास तो सर्वे सुविधाओं यत मकान होता है किंतु गरीबों के पास रहने के लिऐ अपना आशियाना का सपना होता है । देश को आजाद हुए लगभग 75 वर्ष हो गए है । गरीबों का सपना पूरा नहीं हुआ है । सरकार अपने संविधान के पालन  करने कृतसंकल्पित हो रही है और उसका पालन भी कर रही है  ।

    किसी भी व्यक्ति अथवा परिवार का एक महत्वपूर्ण सपना होता है कि उसका स्वयं का का मकान हो,जिसे वह अपना समझे और जीवन शांतिपूर्ण चला सके ।आवास होना व्यक्ति या परिवार की मानसिक, शरारिक और मानसिक तथा सामाजिक सुरक्षा का धोतक है । संयुक्त राष्ट्र तथा उसके विभिन्न निकायो  के पर्याप्त आवासों के अधिकारो  को बुनयादी मानव अधिकार की स्वीकृति प्रदान की है । 

   भारत ने पर्याप्त आवास के अधिकार के संदर्भ  मे अंतरराष्ट्रीय समझोते पर हस्ताक्षर किऐ है । इसके वावजूद भी अभी तक कई लोग हैं जो बिना छत के अपना जीवन व्यतीत कर रहे है । पर्याप्त आवास मे चार दीवार और छत के अतिरिक्त बिजली पानी की सुविधा के साथ साथ स्वच्छता, सीवेज.प्रंबधन को भी शामिल किया जाता है । भारत मे उच्चतम न्यायालय ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत पर्याप्त आवास के अधिकारो की मौलिक अधिकारो के रूप मे मान्यता प्रदान की है । 

    सरकार का दायित्व है कि वह गरीबो के लिए पर्याप्त आवासों की व्यवस्था करवाए ।कोर्ट भी मानता है कि आवास का मोलिक अधिकार का संरक्षण  ही नही है अपितु  यह  शरारिक, मानसिक बौध्दिक एवं धार्मिक विकास के लिए भी जरूरी हैं । आवास सभी की मूलभूत सुविधाओं के साथ होना चाहिये । लोगो को आवास दिलाने बाबत  सरकार ने एक गाइडलाइन तैयार कर उन्हे आवास प्रदान करने हेतु मुम भी चला रखी है और दावा किया है कि गरीब लोगो को जो गरीबी रेखा के नीचे यापन करने वाले है उन्हें वर्ष 2024 तक आवास दे दिऐ जावेगे।

    भू०पू०प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी आवास योजना शुरू की गई थी अब उसका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना मे परिवर्तित कर युध्द स्तर पर कार्यवाही करती मोदी सरकार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है । इन योजनाओं में सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के कारण अनेको समस्या का सामना उठाना पड़ता हैं, उन्हें गरीबों की पीड़ा नही दिखाई देती है । संविधान को लिखे हुए वर्पो हो गए हैं किंतु अभी तक उसका पालन करने हेतु युध्द स्तर कार्य नही करने के कारण आज भी गरीब लोग बिना आवास के खुली छतो के नीचे अपना जीवन व्यतीत कर रहे है । सरकारी अफसरो के कारण हमेशा योजनाएं फैल होती है चूंकि बनाने वाले भी यही होते है । इसी वजय से सरकार भी इसका विकल्प खोज रही है । वो है निजीकरण । सरकार मे सभी ईमानदार नही होते है, बेईमानों की संख्या ज्यादा है ।किंतु मोदी सरकार देश की उन्नति और खुशहाली लाने की भरसक कोशिश कर रही है,सफलता भी मिल रही है । अतः सपना घर का सपना, गरीबों का सपना अवश्य पूर्ण होगा ।


गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन

लेखक,आलोचक ।

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