मंदिरों, मठों, धार्मिक स्थलो की विवादित संपत्ति ।
मंदिर ,मठों ,धार्मिक स्थली पर एकत्रित धन संपत्ति सोना -चांदी जो दान स्वरूप प्राप्त होता है, तथा घरों में रखा हुआ सोना के प्रति सरकार धीरे-धीरे जागरूक हो रही है ।और विज्ञापनों के तहत सलाह दे रही है , लोगों के मन से जो लालच, माया ,ममता निकल नहीं पा रही है। 22-9- 2021 को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का फांसी पर अपने आप को लटकाना ,एक गंभीर सामाजिक विकृति की ओर इशारा करता है। यह विकृति मठ के अंदर मौजूद अपार धन दौलत और संपत्ति का होना है । अखाड़ों में साधु संतों के बीच वर्चस्व की लड़ाई वर्षों से चली आ रही है भारत के रिकॉर्ड में दर्ज 13 का अंक और तारीख भी 22 , अंकों की दुनिया में 4 का अंक अपने आप में विवादित है।
महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या करने से अनेकों सवाल उत्पन्न होंगे । राजनीति भी चलेगी ।प्रकरण पर जांच की जावे गी।
आम -जनों का ध्यान आकर्षित करवा कर
राजनीति की जाएगी ।आत्महत्या की रूपरेखा 6 माह से मन में उठती रहती है ,जिसे टाला भी जा सकता है किंतु ऐसे विचारों को यदि हवा दी जाए तो उसे कोई नहीं बचा सकता
इस घटना से अफसोस जताने का समय निकल चुका है, अफसोस जताने से कुछ नहीं होगा ।आस्था के इन जैसे स्थलों पर उत्पन्न संपत्ति ,वि्वाद से बचने के लिए कानून में संशोधन कर कड़े नियम बनाना जरूरी है।
अतः ऐसी स्थिति में आम- जनों के साथ संत समाज को सरकार अपने विश्वास में लेकर कानून के दायरे में लाए और लागू करें ताकि मंदिर मठों तथा अन्य धार्मिक स्थलों पर एकत्रित धन संपत्ति और सोना चांदी की सुरक्षा प्रदान करने हेतु उचित कार्रवाई हो सके । धन-संपत्ति और सोना चांदी की सुरक्षा प्रदान करने हेतु उचित कार्रवाई करना होगा ।
यह धन संपत्ति और सोना चांदी जो चंदा दान स्वरूप प्राप्त हुआ है वह आम जनों द्वारा दी गई है। जनहित याचिका का प्रकरण तो बनता है समाचार पत्र न्यूज़ चैनल इसे अपना मुद्दा ना बनाएं सिर्फ वही दिखाएं जो जरूरी है।
गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन
संस्थापक, संपादक, अध्यक्ष, काउसंलर, आलोचक, लेखक
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