ओल्ड, गोल्ड .....
भारतीय मुद्रा को बढ़ावा देने के लिऐ सरकार ने अनूठी व्यवस्था लागू करने की पहल कर दी है । तरह तरह के विज्ञापनो के द्वारा लोगो को प्रलोभन भी दे रही है । आम भारतीयों के पास जरुरत से ज्यादा सोना रखा हुआ है जिनका उपयोग यदाकदा किया जाता है । ठीक इसी प्रकार धार्मिक स्थलों में भी अत्यधिक सोना,हीरे जवाहरात आभूषण रखे हुऐ है उनका भी उपयोग नही हो पा रहा है । इस प्रकार से रखा हुआ सोना ना तो आमजनो के काम आ रहा है और नाही देश की ही उन्नति ही हो पा रहा है ।
अब ऐसे मे कुछ लोग अपनी स्वार्थ सिद्ध के लिऐ सरकार से मिलकर गोल्ड लोन की ऐसी योजना बनवाकर कानून के अंतर्गत पास करवा लेते है और क्रियांवित कर लाभ उठाने में जुट जाते है ।अब आदमी सोना बैंक मे गिरवी रख तो देता है किंतु समय नही उठा पाता है तो सोना डूब जाता है । ऐसा प्राय:प्रायः सभी गरीबों के साथ होता है। ना गरीब को लाभ मिला ना सरकार को लाभ मिला ।
गोल्ड लोन स्कीम तो चल रही है।यह स्कीम बैंक द्वारा चलाई जा रही है । गोल्ड लोन की जरूरत किसे है और क्यू है यह भी समझना जरूरी है । गरीब लोगो के पास सोना नही होता है फिर बचे मध्यम वर्गीय लोग उन्हें ही लोन की सबसे ज्यादा लोन की जरूरत पड़ती है और पड़ते ही रहती है । इस प्रकार से वे इसी आपाधापी मे अपना सब कुछ गवाँ बैठते हैं । लोन पे लौन व ब्याज की दरे भी अधिक, मजबूरी बस सब सहते है और गलत आदतो मे फंस और फंसते चले जाते है और उसमे से बाहर निकलने का रास्ता ढ़ढते रहते है । कोई कोइ इससे छुटकारा पा लेते है तो उसी मे फंसकर अपना जीवन समाप्त कर लेते है । सरकार को इससें कोई लाभ नही । उसे तो अपनी राजनीति पक्की करनी हे।
सरकार में पदस्थ सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं को तो देश की माली स्थिति को समझने की फुर्सत ही नहीं मिलती है। वह तो अपनी ही जोड़-तोड़ में लगे रहते हैं । जब उन्हें याद आते हैं सरकारी अफसर जो काबिल होते हैं , ऐसे अफसर होते हैं जो देश की आर्थिक स्थितियों से जुड़े हुए रहते हैं ।यह सरकारी अफसर तो वास्तविक स्थिति से सत्तारूढ़ पार्टी की सांठगाठ कार देश को चलाते हैं । अब देखने में आ रहा है कि ऐसे लोगो के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अतः सतर्कता बर्तन जरूरी हो गया है ।अब यहां पर ऐसा नहीं है कि सभी अफसर इस कार्य मे शामिल नही होते हैं अभी भी कई सच्चे और ईमानदार अफसर सरकार में कार्यरत हैं जो जनहित के बारे में सोचते हैं ।और गलत काम करने वालों को रोकते हैं। इसी वजह से काबिल अफसर लूप लाइन में पड़े रहते हैं । भ्रष्टाचारी अफसर अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए और सत्तारूढ़ सरकार को लाभ दिलाती है यदि कोई के कामों में अड़चनें पहुंचाता है तो अपनी गलती को छुपाने के लिए अपना दोस दूसरों पर मढ़ देते हैं और सरकार को बचा लेते हैं । ऐसे किंतु अब यहां की अदालते ऐसे अफसरों को ढूंढ रही है और कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
हमारे देश में "सोना "बहुत है । आज से नहीं वर्षो से सोना के लिए पूरे विश्व में आपाधापी मची हुई है ःसोना इकट्ठा करने की एक आदत सी आम मानव में रही है ।और तो गहना है तो क्देवी देवताओं का भी गहना है । हमारे देश में नारी को सम्मान शुरू से ही दिया जा ता रहा है । जब से दुनिया बनी हुई है तब से आज तक का चलन रहा है । नारी को दुर्गा के साथ-साथ सीता पार्वती आदि अनेकों देवियों का सिंगार सोने के आभूषण से ही किया जाता रहा है । इसी प्रकार से भगवान विष्णु जैसे अनेकों देवताओं के मुकुट तथा अन्य आभूषण सोने के ही पाऐ जाते हैं ।
वर्तमान समय में हमारे देश हैं करोड़ो रू०का सोना आम जनों के पास है । तथा मंदिरों की दान पेटियाँ मै बंद पड़ा है ।ना तो जनता को लाभ मिल रहा है ना सरकार को मिल रहा है ।
देश मे महामारी के कारण मुद्रास्फीति पर बहुत बुरा असर पड़ा है और देश मे इतना सोना आखिर किस काम का ?अतः ऐसी स्थिति में सरकार को ठोस कार्यवाही कर ना चाहिए ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
Ok
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