भगवान कृष्ण के संदेश मे छुपा रहस्य.
भगवान श्री कृष्ण बचपन में माखन चोरी की अनेकों लीलाएं करते थे ः माखन चोरी की घटनाओं से गोकुल वासियों बहुत ज्यादा परेशान थे । यशोदा और नंद बाबा भी परेशान थे। एक दिन नंद बाबा ने विचार किया कि
नंद बाबा ने सभी के सामने कृष्ण से पूछा --
"तुम , माखन चोरी क्यो करते हो ?"
"हमारे घर मे किसी चीज की कोई कमी नही है, फिर भी माखन चोरी क्यों करते हो,साथ में मटकियां क्यो फोड़ते हो ?"
कृष्णा ने कहा - "आप लोग अपनी मेहनत और ईमानदारी से दूध ,दही ,घी माखन तैयार करते हो और फिर उन्ही चीजो को राजा कंस को टैक्स के रूप में मुफ्त में दे देते हो ।
इस तरह की कुव्यवस्था और दुष्ट सत्ता कैसे समाप्त होगी ? अगर आप लोग उसको कर देना बंद कर नहीं करेंगे तब तक मैं ऐसी ही तोड़फोड़ करते रहूंगा अतः आप लोग इस विचार को स्वयं कर ले ।
कृष्ण ने बचपन से ही यह सीख दे दी है कि हमें ईमानदारी और परिश्रम से कमाई गई धन-संपत्ति दुष्ट लोगों को नहीं देना चाहिए । हम ऐसी मेहनत ना करें, जिससे किसी बुरे व्यक्ति को लाभ मिलता हो । ऐसा करने से बुरे लोगों की ताकत बढ़ती है ।
कृष्ण कृष्ण ने यह संदेश दिया है कि सिर्फ कमाई का हिस्सा ही दुष्ट लोगों के हाथ में नहीं जाना चाहिए, हमारे विचार और संस्कार भी उन तक नहीं पहुंचना चाहिए । एक तो वे उसका सम्मान नहीं करेंगे ,और दूसरा विचारों और संस्कारों का पतन भी करेंगे । इसलिए जरूरी है कि हम अपनी कमाई हुई संपदा एक ऐसे आदमी के हाथ में सोपे जो उसकी रक्षा कर सकें और बदले में हम उसका सुख भोगे ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
"कथावाचक"
मां आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट भोपाल ।
अती सुन्दर
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