आज हिन्दी दिवस है

"आज हिंदी दिवस "पर टूस्ट " माँ आदिशक्ति दरबार धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट "भोपाल द्वारा प्रति वर्ष वुजुर्ग लोगो के सम्मान मे "हिन्दी गोष्टी" का आयोजन किया जाता है । भारतवर्ष की राष्ट्र भाषा हिन्दी है किंतु अभी तक शासन इसमे विफल रहा है । विफलता के कारण अनेक है उनमे से मुख्य है वहां की स्थानीय भाषा को ही आमजन वहाँ की मातृभाषा मानते है । अत: हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिये वहां की सरकार जिम्मेदार है ना कि आमजनता ।अत: प्रान्तीय सरकार का उत्तरदायित्व है कि वे केद्र सरकार से मिलकर "हिन्दी मातृभाषा" को विशेष अभियान चलाऐ चूंकि स्थानीय भाषा के कारण हिन्दी का सही ढ़ंग सै इस्तेमाल नही हो रहा है त्रुटियों पर त्रुटियाँ हो रही है ।
   विदेशों मे रहने वाले लोग इसे विशेष महत्व दे रहे है किन्तु भारतीय लोग कुछ नही कर हिन्दुस्तान का नाम बदनाम कर रहे है । आज हिंदी दिवस पर विशेष लेख यह है कि- हिंदी भाषा को हिन्दुस्तान मे प्रमुख एवं प्रथम भाषा के रूप मे प्राथमिकता प्रदान की जावे और स्थानीय भाषा को द्वितीय भाषा मे शामिल किऐ जाने बाबत ठोस एवं कठोर नियम बनाकर लागू किया जावे ।
   हिन्दुस्तान मे अभी भी ऐसे प्रदेश के के गांवों मे हिन्दी समझना तो दूर की बात है, बोलना तो दूभर है। हिंदी भाषा का मजाक उड़ाया जा रहा है यह भी हिन्दुस्तान मे रहने वालो के लिऐ चुल्लू भर पानी मे डूब मरने वाली बात है ।हिन्दुस्तान मे रहने वाले नेताओं और अफसरो के कारण हो रहा है जो एक पढा लिखा है तो दूसरा आधा अधूरा पढ़ा लिखा है ।हिन्दी भाषा को यथायोग्य स्थान पर पहुचाने का जिम्मा लिया है वर्तमान सरकार संघ सरकार ने ।
    1500 ईसा पूर्व - ऋगवेद को सनातन धर्म के लोग लिखित भाषा की शुरुवात मानते है ।
    1000 ईसा पूर्व - रामायण, महाभारत, लिखे गए थे संस्कृत भाषा 
    500 ईसा पूर्व - महर्षि पाणिनी ने संस्कृत भाषा का व्याकरण का प्रचार 
    1000 ईस्वी सम्वत मे - अलग अलग हिस्सों की बोली भाषाओं की
    100 ईसा पू० अनेक भाषाओं की उत्पत्ति हुई ।
     500 - ईसा पूर्व - संस्कृत का बिगड़ा हुआ रूप मे ।
हिंदी में पहले पहल वीरो की गाथा लिखी गई ।आज हिंदी शून्य की स्थिति मे है । आज पढ़ने-लिखने की ओर से लोगो की रुचि हटते जा रही है ।इसी वजय से गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन ने अपनी"" टूस्ट माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट " भोपाल के माध्यम से लाईब्रेरी की शुरुआत वर्ष 2010 से शुरुआत की है ।म०प्र० शासन शिवराज सरकार, नगरनिगम प्रशासन और जिला प्रशासन भोपाल ने इस तरफ कोई ध्यान नही दिया ? कार्यवाही जारी है और भ्रष्टाचार के दौर सहायता अप्राप्त है किन्तु प्रयास जारी है ।संस्कृत से उपजी हिन्दी भाषा का ज्ञान अथाह भंडार है । हिंदी भाषा में ज्ञान और संस्कार छुपा हूआ है जिसके कारण आप जीवन की उचाईयों को छू सकते है ।
   हमारे देश को अहिन्दी भाषा बोलने वालो से खतरा है ये वे आस्तीन के साँप है जो दिखाई नही देते हैं किन्तु उनकी हरकते सभी समझते हैं ।
   माननीय गूगलजी आपके ऊपर भी गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन का ध्यान है । जैसा मैने आपके बारे मे सोचा था वैसा ही आप कर रहे हैं । बधाई हो ।
आज के बाद से -हिन्दुस्तान मे हिन्दु लोग जो चाहेगें वही होगा और वह यह चाहते है कि अंग्रेजी भाषा अंतरराष्ट्रीय भाषा, हिंदी राष्ट्रीय भाषा तथा स्थानीय भाषा वह होगी जहां की जगह आप रहते हो । काओ-काओ बंद होगा । इस काओ काओ की भाषा लोगो को समझ ना आने के कारण सामने वाले को मानसिक तनाव पैदा करती है । भोपाल में रहना है तो यहा की बोली बोलना पड़ेगा ना कि-मराठी,सिन्धी, पंजाबी ,तेलुगू आदि आदि ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन ।

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