भारत की बढ़ती आबादी, चिंंताजनक

    भारत की बढ़ती आबादी को रोकने के लिए सरकार द्वारा अनेकों उपाय किए गए किंतु सभी कारगार उपाय सफल नहीं हुए । इस असफलता का सबसे बड़ा दुश्मन है, हमारा संविधान । संविधान में ऐसी कई बातों का उल्लेख नहीं किया गया है जिसके कारण समय-समय पर कानून के जरिए लोग बच जाते हैं ।आज उसी का फायदा एक विशेष वर्ग उठा रहा है और आबादी बढ़ा रहा है । उस पर विचार विमर्श कर नए कानून बनाकर इसे रोका जा सकता है ,किंतु इसकी पहल कौन करेगा ! कौन इमानदार है ? देश के प्रति कोई नहीं ?  सभी लोग भ्रष्टाचार  में लिप्त होकर अपना और अपने परिवार वालों के ही बारे में सोचते हैं । उन्हें ना तो समाज की चिंता है और ना ही देश की । कोई अपना नाम इतिहास के पन्नों में लिखवाने में लगा है तो कोई मसीहा बनने बनने में लगा हुआ है ।  आबादी बढ़ेगी नही तो क्या होगा ? आबादी  में जिसकी आबादी ज्यादा होगी उसी का शासन होगा ,राज्य होगा । तब क्या होगा ,जब जातिगत सरकार बनेगी।  तब दूसरे अन्य जातियों पर हावी नहीं होगा और परेशान नहीं किया जाएगा । क्या देश में अराजकता नहीं फैलेगी ?
    वैसे इस संबंध में अर्थात जनसंख्या की वृद्धि को रोकने के लिए कुछ कारगार बेसिक उपाय शुरू कर भी दिए गए हैं किंतु उस पर विपक्ष की प्रतिक्रिया से परेशानी आ जाती है । अब ऐसे भारतवासियों का प्रथम कर्तव्य है कि वे जनसंख्या वृद्धि के कारण भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ ,क्या सही हुआ  ! बिल्कुल भी नहीं हुआ ! यहां पर भी हमारा कानून आड़े आ गया । भारत के कितने टुकड़े होंगे ? शासन कौन करेगा , जिनकी संख्या अधिक होगी ! जातिगत वोट बढ़ाने का व्यवसाय भी तेजी से फैल रहा है । ऐसी स्थिति में जिनके पास ज्यादा वोट होंगे और राजनीति मे  राजनीतिकरण का लाभ अवश्य मिलेगा ,और ऐसे ही एक दिन उसे सत्ता भी मिल जाएगी  । क्योंकि उसने आबादी नहीं रोका बल्कि दो-तीन शादियां कर 40 -50 बच्चे पैदा किया यह 40-50 लोग सब छोटे- छोटे कार्य करते हुए जनसंख्या बढ़ाने का ही कार्य करते आ रहे हैं । कानून की परिभाषा यह सब जायज है ,अथवा नहीं , स्पष्ट उल्लेख नहीं होने के कारण ऐसे लोग लाभ उठा रहे हैं ! अतः ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कानून बनाए जाए । अभी अभी हाल में मोदी सरकार ने ऐसे दो कानून पारित किए हैं ,जिन पर अमल नहीं हो पा रहा है ।  यह कानून बनाने के बाद तो लोग अपना कानून अलग से बनाकर जनसंख्या वृद्धि के लिए धर्म परिवर्तन कर रहे हैं ।  यह धर्म परिवर्तन के जरिए एक नहीं दो तीन शादियां करके बच्चे पैदा कर रहे हैं ।और जनसंख्या वृद्धि करने की सोच रहे हैं ,और इसे अंजाम भी दे रहे हैं ।और ऐसे कानून आता है और जाता है । ऐसा लगता है कि पार्टी सिस्टम में ऐसे दिखाता है जो जानबूझकर थोड़े से लालच अथवा अपनी दिमागी खराब होने के कारण धर्म परिवर्तन पर जोर दे रहे हैं ।और ऐसा करने वाले लोगों को पारितोषिक वितरण भी दिऐ जाने  की भी कार्यवाही की जा रही है ।यह लोग छोटे और गरीब लोगो को अपना निशाना बनाते हैं ,जैसे आदिवासी हरिजन और पिछड़ी जाति मे गरीब लोग आते हैं । शुरू शुरू में अनेकों लाखों लोगों को जो आदिवासी और छोटी जाति के थे उन्हें ईसाई धर्म अपना चुके हैं ,अर्थात प्रोत्साहन देकरो उन्हें ईसाई बनाया गया और भारत सरकार कुछ नहीं कर पाई ।  यहां पर यह साफ हो जाता है कि आदिवासी हरिजन तथा पिछड़ी जाति के लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया है फिर भी सरकार मौन है  ? क्योंकि सरकार के ही कारण इन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है । कई जगह इन्हें इनके धर्म परिवर्तन के कारण इनकी नादानी और अपढ़ और अज्ञानता के कारण उन्हें मान्यता प्रदान कर सारी सुविधाएं प्रदान की जा रही है  ।
    अब सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि वर्षों से हिंदु लोग ,मुस्लिम धर्म  मे परिवर्तन हो रहा है ,और उन से पैदा होने वाले संताने हिंदू ना होकर मुसलमान हो रही हैं ।जो आबादी बढ़ाने का काम कर रही है ।इसी धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए यह लेख लिखा जा रहा है । समय बदला ,युग बदला किंतु इस आबादी बढ़ाने वालो तथा  जाति परिवर्तन वालो की तरफ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया । अभी भी इस तरफ  आबादी बढ़ाने और जनसंख्या बढ़ाने के मामलों की तरफ किसी का भी ध्यान गया ही नहीं ।और जिनका ध्यान गया, उन्होंने डर के कारण इस पर कोई लेख लिखा ही नहीं ।  हिंदू मुसलमान भाई भाई हैं, कहते जरूर हैं किंतु दोनों की फितरते बिल्कुल अलग  है ,विपरीत दिशा में है। भाई - भाई ,कभी भाई हो ही नहीं सकते। यह नारा लोगों को समझने और कहने मे अच्छा लगता है किंतु हकीकत में बिल्कुल ही  अलग है । भोपाल के मध्य प्रदेश के समाचार पत्र दिनांक 13 सित० 2021 में प्रसारित समाचार के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन कर शादी करने वाली युवती व उसके पति को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है । कोर्ट ने कहा है  - युवती इस्लाम धर्म अपनाने व विवाह करने से उसकी आजादी में हस्तक्षेप तब तक प्रसांगिक नहीं होगा ,जब तक वह जबरदस्ती धर्म परिवर्तन का आरोप ना लगाएं । कोर्ट ने  मुरादाबाद पुलिस को इस दंपत्ति को सुरक्षा प्रदान कराने का निर्देश दिया । श्रीदेवी ने इस्लाम धर्म अपनाने के बाद 40 वर्षीय गुच्छन  खान के साथ 11 जनवरी 2021 को विवाह किया था।  आरोप है कि उनके परिजन उनकी आजादी में दखल दे रहे हैं ।
    उक्त  स्थिति में पारित कोर्ट का आदेश सबूतों के आधार पर प्रस्तुत दस्तावेजों के तहत किया गया ,प्रतीत होता है किंतु इसकी हकीकत यह है कि  (1) हिंदू लड़की है (2) दोनों की उम्र में अंतर है (3) यह शादी की साजिश के षड्यंत्र के तहत भी तो हो सकती है (4)  हिंदू मुस्लिम दंगा ना हो यह भी एक वजह हो सकती है (5) क्योंकि मुरादाबाद में मुस्लिमों की संख्या अत्यधिक है ।(6) मुस्लिम बहुल क्षेत्र मुस्लिम लड़कियों की क्या कमी थी जो हिंदू लड़की से शादी की गई (7) मुस्लिम परिवार में एक की संख्या बढ़ोतरी हुई और उनके पैदा होने वाले पांच से 8 बच्चों की बढ़ोतरी हुई (8) 40 वर्ष तब युवक कुवांरा हो ही नहीं सकता । (9) हो सकता है कि यह उसकी दूसरी तीसरी शादी पहले भी हो चुकी होगी  (10) तलाकशुदा भी युवक हो सकता है ऐसे कई तथ्य हैं जिन पर विचार हुआ ही नहीं । यहां पर पुलिस विवेचना ठीक से नहीं हुई  है ।  तथ्यों का भ्रमण भी संदेह- आत्मक है  । जज और विवेचना  अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठते हैं ।
    इतिहास गवाह है कि मुस्लिम समुदाय के अधिकांश लोगों ने हिंदू लड़कियों से निकाह कर धर्म परिवर्तन करवा कर जनसंख्या वृद्धि का कार्य किया है । बाद में यही हिंदू संताने कट्टर मुसलमान बनकर हिंदुओं से नफरत करते हैं । और इन्हें काफिर मानते हैं ।पाकिस्तान में भारतीय मुसलमानों को भी काफिर मानते हैं ऐसा सुना गया है। 
    मोदी सरकार लव जिहाद और तीन तलाक तथा 370 धारा पर कानून पास किया तो है किंतु धर्म परिवर्तन पर अंकुश नहीं लगाया ।  बहुत ही जल्द इस पर सख्त कानून बनाने की सोच रही है । कोरोना संक्रमण बीमारी के कारण बहुत सी कार्रवाई रुक गई हैं। किंतु  धर्म परिवर्तन और आबादी रोकने के लिए स्वर्गीय संजय गांधी जैसे किसी व्यक्ति की तलाश है ।ऐसे कई लोग भी हैं उन्हें समय अथवा मौका  नहीं मिल रहा है ?  कोरोनावायरस की बिमारी  समाप्त होने के बाद इस पर कार्यवाही जरूर होगी । इस धर्म परिवर्तन को कानून के दायरे में रहकर हिंदू औरतों ,लड़कियों का शोषण करना ,दबाव बनाकर उनसे शादी करना ,बच्चों की फौज तैयार करना, ही इनका मकसद है इनके मकसद की कोई नहीं समझ पा रहा है। और जो समझ रहे हैं कि जातिगत , मतभेद दंगा फसाद के डर से कुछ बोल नहीं पा रहे हैं और ना ही कुछ कर पा रहे हैं । किंतु 21 वी शदी सब कुछ संभव है और जल्द ही इस पर कार्यवाही होगी । एक्शन होगा ।
   प्रशासन भी समझ रहा है किंतु कानून के दायरे में बंधा हुआ असहाय है । ट्रस्ट द्वारा इसका सर्वे कराया गया तो ऐसी बातें सामने आई हैं जिसके अनेकों उदाहरण भोपाल पुराने भोपाल में हैं ।इससे भी हटकर एक और बात है । हिंदू औरतें जो सरकारी छोटी-मोटी नौकरी करती हैं उन्हें वहां के मुस्लिम वर्कर्स ने  उनकी मदद करके, सहानुभूति प्रकट कर ,शोषण कर ,उन्हें अपनी बीवी बना लिया हैं बकायदा  निकाह करके ।एक व्यक्ति का इस प्रकार से हिंदू धर्म से मुस्लिम बनाना भी गलत है । यह सब बातें सरकार के साथ-साथ आम जनता भी जानती है । भारतीय हिंदू सेना और बजरंग दल आगे आया , उन्होंने कई अच्छे काम किए हैं।यहां  पर भी वही कानून प्रक्रिया आड़े आई है धीरे-धीरे यह दलों ने भी इस तरफ ध्यान देना छोड़ दिया है।
    अतः ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि धर्म परिवर्तन हिंदू से मुसलमान बनाने की इस कुप्रथा को समाप्त कर अवैध  घोषित करने के लिए ठोस कदम उठाए ।ताकि मुस्लिम आबादी को रोका जा सके ।इस समुदाय को भी परिवार नियोजन करने हेतु कानून बनाएं ।  इनके यहां  की शादी की प्रथा समाप्त करने हेतु ठोस कदम उठाएं ।यह लेख कटु सत्य है ।  सब को बुरा लगेगा और दुश्मन बन जाएंगे उनकी कोई चिंता नहीं है ।यह तो लेखक आलोचक के स्वयं के विचार हैं ।मानना है  तो माने ।नहीं मानना है तो मत माने, हमारा ध्यान सच्चाई की ओर दिलवाना है । 
   बढ़ती हुई आबादी के कारण अपराध भी बढ़ रहे हैं ,बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं ,भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है । साथ ही साथ बेरोजगारी और अपराध भी बढ़ रहे हैं ।सीमित आय में दो दो तीन तीन शादियां करना तथा शादी के परिणाम स्वरूप ढेर सारे बच्चों की जिम्मेदारी उसी सीमित आय में कैसे पूरा होगा  ? इस पर  विचार तो करना ही पड़ेगा ।इन इंसानों की फितरत ही अलग होती है ।क्षणिक सुख भोगने के लिए गलती पर गलती करते जाता है, बच्चे अधिक होने के कारण उनकी शिक्षा भी नहीं हो पाती, और बचपन भी कमाई करने में भी बीत जाता है । जवानी आते ही अपने बाप दादा की राह पर चलने लगते हैं। इस प्रकार के कार्यों से उन्हें यह सुकून मिलता है कि उसने अपनी कौम को बढ़ाया है । कई कई जगह देखा गया है कि एक इंसान के परिवार में 70 से 150 तक का परिवार है ।यह लोग सरकारी योजनाओं का पूरा पूरा फायदा उठाते हैं । इनको भूखो मरते किसी को भी नहीं देखा गया है। उदर पूर्ति के लिए हर असंभव कार्य को संभव बनाते हैं ,उन्हें लोग क्या कहेंगे इसकी परवाह नहीं है । इन लोगों को जमाना बदल रहा है किंतु इससे इनको कोई फर्क नहीं पड़ता । इन्हें उस समय मुसीबत उठानी पड़ती है जब देश लॉकडाउन और कर्फ्यू लगता है तब एक कमरे में आठ 10 लोगों के परिवार एक साथ कैसे रहेंगे, इनकी जिंदगी सिर्फ आबादी बढ़ाने में चलते हुए व्यतीत होती है।
    यह लोग कब सुधरेंगे पता नहीं ।  सुधारते सुधारते प्रशासन एक दिन अपना दम तोड़ देगा ।इस बढ़ती हुई आबादी को देखते हुए आज शिक्षित होना आवश्यक है ।अतः शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत नया कानून बनाना आवश्यक होगा कि शिक्षा का स्तर कम से कम हायर सेकेंडरी अथवा स्नातक तक शिक्षा अनिवार्य होना चाहिए ।
    दूसरा मुख्य कारण यह है कि शादी की समय सीमा तय करने के पश्चात ही शादी की जाए ।और शादी के 2 साल तक कोई बच्चा पैदा ना किया जाए । शादी एक ही बार एक ही से होगी ।अनेक विवाह के नियम का पालन सख्ती से किया जाए ।एक पत्नी के होते दूसरी शादी नहीं होगी ।  इस बात को विशेष महत्व दिया जाए यह नियम सभी भारतीयों पर लागू होगा चाहे वह किसी भी जाति का हो । 
    समय बदल चुका है 21वीं सदी चल रही है । अत: ऐसे लोगों को सुधारने का समय आ गया है । आजकल कुछ ऐसे लोगों की संख्या बढ़ने लगी हैं जो सरकार द्वारा पारित आदेशों का पालन बिल्कुल भी नहीं करते हैं ।बल्कि उसका मजाक उड़ाते हैं ।सरकार से सीधा टक्कर चाहते हैं।ऐसे दमन कार्यों की संख्याओं पर अंकुश लगाने हेतु ठोस कानून बनाया जाए और उसका पालन कड़ाई से किया जाए ।और करवाया जाए । बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण पूरा देश शर्मिंदा है ।
    भारत को आजाद हुए बरसों बीत गए ।कई प्रधानमंत्री बने और चले गए सभी ने अपने अपने स्तर से जनसंख्या  नियंत्रित करने हेतु कई नियम बनाएं ।विज्ञापनों द्वारा प्रचार-प्रसार भी किया गया जिसका असर भारत की मुद्रास्पिती  पर भी पड़ा। किंतु जनसंख्या रुक नहीं रही है बल्कि बढ रही है ।इंतजार है बड़े भूचाल का जिसस बढ़ती आबादी कम हो सकती है ।ज्यादा जनसंख्या के कारण जलवायु पर भी प्रभाव बुरा प्रभाव पड़ रहा है प्राकृतिक आपदाएं भी ज्यादा हो रही हैं ।और कोरोना से संक्रमण बीमारी भी हो रही है ।अब इंतजार है बड़े भूचाल का जिससे बढ़ती आबादी कम हो सकती है ,।
    "गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन"

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