आज 21 फरवरी का खास दिवस
कि आज का दिन भारतीय रेल्वे का खास दिवस के रूप यादगार दिवस है । आज के दिन हमारे देश मे एक न ई क्रांति के रूप मे भारतीय रेलवे ने आरक्षण टिकट की व्यवस्था शुरू की थी ।
भारतीय रेल्वे ने कम्प्यूटर प्रणाली के अंतर्गत आरक्षण टिकट जारी की थी ।इसी प्रयास के चलते आज पूरे भारत के साथ साथ कम्प्यूटर क्षेत्र मे एक नया युग की शुरुआत हुई और यही जनक्रांति आज जन जन फैलती हुई कम्प्यूटर और मोबाइल पर सिमट गई है ।
आज "अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस" भी है ।
हमारे देश की मातृभाषा हिन्दी है और अंर्तराष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी है ।
पूरे विश्व मे अनेको देश है और देशो मे अनेको राज्य है तथा इन देशो व राज्यो मे जो अनेको गांवो मे अनेको भाषाओं का उपयोग किया जाता है । इसी वजय से मातृभाषा शब्द का उल्लेख हुआ है । मातृ भाषा चाहे कुछ भी हो किंतु राष्ट्र भाषा हिन्दी और अंतरराष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी को ही मान्यता दी गई है ।
आज अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस
वर्ष 2011 की जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार भारत में मातृभाषा के रूप में 19570 भाषाएं या बोलियां हैं 121 भाषा 10000 या उससे अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है जिनकी आबादी 121 करोड़ दुनिया में दूसरे क्रम के सबसे बड़ी आबादी वाले देश की हिंदी भाषा हिंदी दिवस और हिंदी पखवाड़े या कुछ कार्यक्रम मनाने तक सीमित नजर आता है देश में अधिकतर लोग मातृभाषा में बात करने को कतराते हैं जबकि गर्व होना चाहिए यदि हम इतिहास पर नजर डालते हैं तो हिंदुस्तान पाकिस्तान के बंटवारे में जो सिंधी समाज के लोग भारत में शरणार्थी बनकर आए थे वे लोग अभी भी अपनी मातृभाषा हिंदी में ही एक दूसरे से बात करते रहते हैं और उसी के कारण उनमें आज एकता पाई जाती है ।
बचपन में जो हम पहली भाषा सीखते हैं उसे ही मात्र भाषा का दर्जा देते हैं जो हमें घर परिवार के सदस्यों से प्राप्त होती है दुनिया में हर साल 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस भाषाई संस्कृति विविधता और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है 2022 के अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस की थीम बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग चुनौती और अफसर है
यूनेस्को के अनुसार कम से कम 2680 देशों भाषाओं के तृप्त होने का खतरा है हर 2 हफ्ते में एक भाषा अपने साथ पूरी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत लेकर गायब हो जाती है डीडी डिजिटल दुनिया में 100 से भी कम भाषाओं का उपयोग किया जाता है वर्ष 2011 की जनगणना की जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार भारत में मातृभाषा के रूप में 19570 भाषाएं बोली जाती हैं ।
आज के युग मे कुछ भाषाएं विलुप्त होते जा रही है उसका मुख्य कारण हम ही है अत:आज के दिन हमे शपथ लेना होगा कि "हम अपनी मातृभाषा को बचाने के लिए आपस मे इसका उपयोग करेंगे और उसका प्रचार प्रसार करेंगे।"
अपनी मातृ भाषा पर गर्व कर उसे आगे बढ़ाएगें । मातृभाषा का उपयोग ना करने के कारण क ई लोगो को भारी नुकसान उठाना पड़ता है ।अत:सदैव याद रखे कि हम मातृभाषा का सम्मान करते हुए उसका उपयोग करे ।
आज "अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस"पर टूस्ट "माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट भोपाल मे एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे लगभग 10-15 विद्वानों ने हिस्सा लेकर अपने विचारों से उपस्थित लोगों को अवगत कराया गया ।
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