आज " नेशनल पिस्ता दिवस"

    भारतीय सभ्यता मे धीरे धीरे गर्त की ओर जा रही है अथवा पाश्चात्य की ओर जा रही है,यह एक जटिल प्रशन्न है जिसका जबाव किसी भी भारतीय के पास नही है ।हिन्दुस्तान मे रहने वाले लोगों को इन सब बातो से क्या मतलब उन्हे तो हिन्दी पंचाग मे दर्शाए तीज-त्योहारों व तिथियां के अनुसार अपना कार्य करना चाहिए किंतु अब ऐसा नही है वे सभी 21वी शदी मे पहुच गए है और पश्चिम देशो की शैली अपनाकर उसके रंग मे रगंते जा रहे है 
आज नेशनल पिस्ता दिवस
   के साथ साथ आज का दिन एक  महत्वपूर्ण दिवस यह है आज यूक्रेन और रसिया के युध्द का तीसरा दिन है और 26 तारीख भी है जो यह बतलाती है कि यह लड़ाई मे 26 घंटे मे कोई ना कोई निणार्यक स्थिति मे पहुचने को पुष्टि करता है । 26 तारीख की  कुछ अलग ही निर्णायक स्थिति को निर्मित करता है । 
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन

 

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