10 मार्च-"सावित्रीबाई फुले पुण्यतिथि"
दिन गुरूवार दिनांक 10 फरवरी को गुरुजी सत्यवादी श्री राम जी जा रहे हैं कि आज की तारीख को की स्थिति इस प्रकार से है अतः ऐसी स्थिति में सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान समय में यूपी और रसिया के मध्य चल रहे विनाशकारी युद्ध से उत्पन्न दूषित वातावरण निर्मित होकर हवा में उड़ती होकर विश्व के लोगों के मन को विचलित कर रही हैं निम्न राशि वालों को ऐसी स्थिति में सावधानीपूर्वक आज का दिन व्यतीत करने की सलाह दी जाती है
(1) मेष राशि बातें अति उत्साह प्रदर्शित ना करें वृषभ राशि वाले धन संबंधित मामलों में सावधानी पर मिथुन राशि वाले मानसिक तनाव मैं होने के कारण कोई की उत्तेजित कार्य न करें कर्क राशि वाले अति गंभीर मामले में निर्णय सोच समझ कर ले पी राशि वाले धन्यवाद सोच समझ कर करें कन्या राशि वालों के लिए दिन सामान्य रहेगा तुला राशि वाले लेन-देन में सावधानी बरतें वृश्चिक राशि वाले लाभ हानि का योग बन रहा है धनु राशि वाले नकारात्मक ऊर्जा से बचें मकर राशि वाले का दिन शुभ नहीं है कुंभ राशि वाले अहंकारी भरे वचनों से बच्चे मीन राशि वाले अपनी पूंजी को निवेश करने से पूर्व सोच विचार कर निवेश करें
यह तो रहा राशिफल और उसकी सलाह ।अब आज का दिन खास दिन है खास इसलिए है कि "आज सावित्रीबाई फुले" की पुण्यतिथि है। सावित्रीबाई फुले एक दलित परिवार मैं जन्मी महिला है । 10 साल में ही जिनकी शादी पति ज्योति राव से हुई थी दोनों ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे पति ज्योति राव फूले उन्न्पेहे पढ़ाया लिखाया और काबिल बनाया ।आगे चलकर उन्होंने एक स्कूल खोलकर निशुल्क सेवाएं प्रदान की जिसकी व स्वयं संस्थापक थी ।
सावित्रीबाई फुले ने अपने पति महात्मा ज्योतिबा फुले का के संग मिलकर उनके अधिकारों एवं उन्हें शिक्षित करने के लिए क्रांतिकारी प्रयास किए उन्हें भारत की प्रथम कन्या विद्यालय की पहली पहली महिला शिक्षिका होने का गौरव हासिल हुआ है उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है
नव गांव महाराष्ट्र के बसई बिहार शहर का उपनगर है यह मैं मुंबई मेट्रो प्रिय मित्र का हिस्सा है पहले यह ठाणे जिले का इतना था पर अब यह पालघर जिले की सीमा के अंतर्गत आता है यह मुंबई शहर की सीमा यानी दहिसर चेक नाका से 19 किलोमीटर दूर है यह vasai-virar नगर नगर निगम द्वारा रचित है इनका जन्म 3 जनवरी 18 से 31 को हुआ था।
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। इनके पिता का नाम खन्दोजी नैवेसे और माता का नाम लक्ष्मी था। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1840 में ज्योतिराव फुले से हुआ था।[2]
सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। महात्मा ज्योतिराव को महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है। उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है। ज्योतिराव, जो बाद में ज्योतिबा के नाम से जाने गए सावित्रीबाई के संरक्षक, गुरु और समर्थक थे। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था।
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