"शहीद दिवस "23-0३-1931
दिनांक 23-03-1931 को हमारे देश मे "शहीद दिवस" के रूप मनाया जाता है । आज की ही तारीख मे भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फाँसी दी गई थी ।
शहीदे आजम भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव ने हंसते-हंसते भारत की आजादी के लिए 23 मार्च 1921 को 7:23 बजे साईं काल फांसी का फंदा घूमर इन शहीदों की पुण्यतिथि पर प्रतिवर्ष शहीद दिवस मनाया जाता है
आम लोग यह भी पूछते हैं कि शहीद दिवस और शहीदी दिवस में क्या अंतर है ।
दोनों में काफी अंतर है 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी तो वही 23 मार्च 1921 को स्वतंत्र संग्राम सेनानी भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी इसलिए 23 मार्च को अमर शहीदों को की याद में अमर शहीद दिवस मनाया जाता है।
23 मार्च2022 को पंजाब सरकार ने अवकाश का ऐलान भी किया है ।
पजाब मे इस समय आप पार्टी जीत कर आई है और शहीदे आझम भगतसिंह के नाम को अपना आदर्श माना है ताकि वह अपनी सरकार को दिल्ली की तरह स्थाईत्व सरकार मे काबिज करने मे सफल हो सके ।बीजेपी की नाक के नीचे से व काग्रेंस से अपनी आप की सत्ता संभाली है और मोदी सरकार से मुकाबला कर शासन चला रही है । दोनो दिग्गज पार्टियों के लिऐ शर्मनाक है ।
टूस्ट "माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट' भोपाल म०प्र० के द्वारा प्रति वर्ष की भांति "महान पुरषो की जयंती और पुण्यतिथि मनाने "वाला आयोजन किया जाता है । इस आयोजन मे टूस्ट के सभी टूस्टी व भोपाल टीलाजमालपुरा के निवसी इसमे भाग लेते है ।
टूस्ट को म०प्र० शासन अपना जानी दुश्मन मानती और अनदेखा कर रही है और गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन के प्रकोप से भी बचे हुए है चूंकि अभी अति नही हुई है तभी तक सुरक्षित है ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
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