आज 26 मार्च एतिहासिक दिवस
आज 26 मार्च एक ऐतिहासिक रूप से अपने आपको सिध्द करते हुए जनकल्याणकारी दिवस के रूप मंनाया जाता है । ऐसा मानना व कथन है गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन जी का ।
आज की भविष्यवाणी सम्पूर्ण जगत मे रहने वाले लोगो के लिऐ हे ।इस प्रकार की भविष्यवाणी करने वाले पहले व्यक्ति है जो सबको एक समान समझते है । इसका लाभ सभी प्राणी जगत मे रहने वाले आम मानव के लिऐ है । सभी राशियों, अको, टेरोकार्ड राशीयो पर सटीक बैठता है।
"आज का न्याय दिलाने वाला दिन है । वर्षों से चल रहे विवादो पर सही निष्पक्ष न्याय मिलेगा जिसमे सत्य की जीत होगी ।"
*** इरानी सूफी संत और कवि श्री जनाब मंसूर अल- हल्लाज का निधन वर्ष 922 मे हुआ था ।
26 तारीख 1971 मे पाकिस्तान के शेख मुजीबुर्रहमान ने पूर्वी देश बंगला देश को स्वतंत्र घोषित किया था ।
****23 तारीख 1992 को वाँक्सिंग चैम्पियन माइकटाइसन को बलात्कार करने के जुर्म मे 10 वर्ष की सजा सुनाई गई थी ।
***** आज 26 तारीख 1907 को महादेवी वर्मा का जन्म हुआ धा ।वे फरुखाबाद की रहने वाली कवियत्री थी ।
लोगो ने यह भी जानना चाहा :-
(1) आप भविष्यवाणी करते है तो राशीफल क्यो नही लिखते है ?
(2) राशीफल का माध्मम क्या है ?
(3) राशीफल कौन सा फलित है ?
(4) आप लेखक भी है,आलोचक भी?
(5) महादेवी वर्मा के बारे मे संक्षिप्त
जानकारियां प्रदान करे ।
* भविष्यवाणी और राशीफल दोनो अलग अलग प्रक्रिया है ।
** वर्तमान समय 21वी शदी मे आम लोगो का विश्वास ज्योतिष पर से उठता जा रहा है इसलिए ज्यादा लोग पढ़े लिखे लोग,यहाँ तक की हमारे देश के प्रथानमंत्री श्री मोदीजी भी अंक ज्योतिष पर विश्वास करते है ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन भी इस पर ज्यादा विश्वास रखते है ।
श्रीमती महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च 1960 को फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था महादेवी वर्मा के पिता का नाम श्री गोविंद प्रसाद वर्मा और माता का नाम श्रीमती हेमराज वर्मा था ।उनके माता-पिता दोनों ही शिक्षा प्रेमी थे ।महादेवी वर्मा ने नाना प्रकार के ब्रज भाषा के कवि थे और ब्रज भाषा में ही काफी रचना करते थे इसी कारण बालिका महादेवी वर्मा को कभी उत्पन्न हुई ।सन 1920 में महादेव महादेवी जी ने प्रयाग से प्रथम श्रेणी में मिडिल पास किया 1935 में महादेवी जी ने संस्कृत से एम ए पास परीक्षा उत्तीर्ण की इस प्रकारों का विद्यार्थी जीवन बहुत सफल रहा । महादेवी वर्मा को भारत सरकार द्वारा वर्ष 1956 में पद्म भूषण से तथा 1988 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है ।हिंदी साहित्य सम्मेलन में उन्हें भारतेंदु पुरस्कार प्रदान किया गया है ।वर्ष 1982 में काव्य संकलन के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है ।महादेवी वर्मा का निधन 11 सितंबर 1987 को प्रयाग प्रयागराज में हुआ महादेवी वर्मा हिंदी भाषा की और महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ने वाली महिला थी ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
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