"आज का सत्यवादी" और "आर्य वंश" स० समाचारपत्र की संपादकीय
आज यूक्रेन और रसिया के 14 वाँ दिन विनाशकारी दिन अपना नाम इतिहास के पन्नो लिखता हुआ आमनागरिको अनेको शिक्षा दे रहा है कि किसी भी देश के देशवासियों को कभी भी अपने देश छोड़कर किसी अन्य देश मे जाकर नही बसना चाहिए बल्कि अपने ही देश मे रह कर अपनी मातृभूमि की सेवा करना चाहिए । विश्व युध्द हो या महामारी हो ऐसे लोगो के कारण पलायन करने वाले लोगो के कारण वहा की सरकार
हो या देशी सरकार हो दोनो को परेशानी उठानी पड़ती है । इस महा-
युध्द और कोरोनाकाल की प्रकाशित सरकारी गाइडलाइंस दोनो मे यही संदेश छुपा हुआ है । पेड़ के पत्ते पेड़ के ही नीचै गिरते है ।
ऐसे महायुद्ध के समय मे भारत के क ई राज्यों मे चुनावी माहोल होने के कारण ध्यान नही दिया जा रहा था ।
अब भारत को मध्यस्थता करने का समय आ गया है । अमेरिका के साथ साथ क ई देशों ने एकजुट होकर रूस की निंदा की है और क ई पाबन्दियों पर रोक लगाने का फैसला भी किया है । इन पाबन्दीयो के कारण रसिया पर उलटा प्रभाव भी पड़ सकता है ।
देश विदेशों गांव- शहरी मे रहने वाले आम नागरिकों को ही अपनी समस्या का हल स्वयं को ही करना चाहिए ।यदि हम आत्मनिर्भर होगे तो देश की सेवा कर सकने मे सक्षम हो सकेंगे ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूत्वा यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात करते हुए उन्हें हम बात के लिए प्रेरित किया है यह एक अच्छी पहल है आपके पांच राज्यों के चुनावी झंझट से मुक्त भी हो चुके हैं वे चाहें तो अमेरिका राष्ट्रपति जो वाइडन से भी सीधी बात कर सकते हैं योग रानी संकट की असली जड़ अमेरिका में ही है यदि अमेरिका युग रानी राष्ट्रपति जी को नाटो में शामिल होने के लिए नहीं जाता तो उसे दूसरी हमले नौबत ही क्यों आती।
अब चीन और रूस और यूक्रेन में मदरसा की पहल होने लगी है इस पर अमेरिका अधिकृत रहेगा लेकिन भारत इस समय रूस और अमेरिका दोनों का मित्र है जय माता दी पहन कर सकता है वह तुर्की से पहले शांति संवाद भी करवा सकता है ।
युद्ध के कारण भारत में महंगाई बढ़ती जा रही है । गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन ने अपने अनुभव और अपनी ज्योतिषीय गणना के अधार पर बतलाया है कि "हम बार बार जिस कार्य को करते है और लगातार 21 दिन करते है तो वह 22वे दिन हमारी
आदत मे तबदील हो जाता है । यहा पर भी वही नियम लागू होगा और 22
तारीख तक समापन की प्रक्रिया मै विराम होने की संभावना है ।
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