"अधोषित कर्फ्यू "
आज दिनांक 22-03-2022 को भोपाल म०प्र० की राजधानी मे रंगपंचमी के दिन लाँकडाउन कर्फ्यू जैसा नजारा देखने को मिला । ठीक इसी प्रकार से धूरेन्डी के दिन भी रहा जो हमे लाँकडाउन कर्फ्यू की याद दिलाते हुऐ बीता ।
हमारा भारत इस दिन को कभी ना भूलने और सदियो तक याद करने हेतु विवश हे । भारतीय नागरिक इन दो बातो को कभी नही भूल सकता । पहली बात है-जब देश मे आपातकाल (इमेरजैंसी) लगाया गया था । और दूसरी बार लाँकडाउन कर्फ्यू लगाया गया था । आज उन्हीं दिनो की याद करते हुऐ दिन बीता । जब लेखक इस को समझ रहा है,लिख रहा है तो ऐसी सोच रखने वाले लोग भी सोच रहे होगें ।
आज की स्थिति यह बतलाती है कि वर्तमान समय में आमलोगो की स्थिति ठीक नही है । महगाई दिनोदिन बढ़ती जा रही है । काम धन्धो ठप्प पड़े हुऐ है । रोजगार नही मिल रहा है भ्रष्टाचारी, व्यभिचारी, मिलावटी प्रकरण ,घूसखोरी रुकने का नाम नही ले रही है । सरकार घोषणाएं कर रही है किंतु सरकारी अफसर अपनी आदतो से बाज नही आ रहे है । इसी वजय से सरकार धीरे धीरे प्रायवेटीकरण कर रही है । आज का सत्यवादी श्रीरामधुन का कथन को कोई नही झुठला सकता है चूंकि वे स्वयंं भुक्तभोगी और प्रत्यक्षदर्शी है ।
आज सही में कफ्र्यू जैसा ही लगा
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