सरकारी योजनाओं से डर लगता है ?

वर्तमान समय में आदमी इतना डरा सहमा जी रहा है कि उसे कुछ समझ नही आ रहा है ? आखिरकार क्या कुछ ऐसा करे अथवा ऐसा कुछ हो जो उसे दो साल के पहली जैसे जिंदगी फिर से लोट आए और उसके जीवन मे वही उत्याह, उमंग भर दे । 
    सरकारी योजना भी ऐसी नही आ रही है जो उसके जीवन की दिशा और दशा बदल दे । अभी तक तो आमजन
डरा हुआ सहमा हुआ है । सरकारी योजनाएं बनती है,लागू होती है जिसका महत्व कुछ ही दिनो बाद चलता है ?कोई चलती है तो उसका लाभ पार्टीगत होता हुआ आमनागरिक तक षहुचता है । कई योजनाएं बनने से पहले फ्लाफ हो जाती हैं ।
छ०ग०राज्य मे गोबर की योजना चली तो म०प्र० राज्य ने गाय पालने वालो को 900 प्रति माह देगी ।अच्छी यौजना है किंतु सफलतापूर्वक चल जाए ऐसी कम उम्मीद है ।
   भारत मैं रोजगार की समस्या साल दर साल दर साल गहरा की जा रही है हर साथ नौकरी पाने में नाकाम रहने के बाद 45 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने आप काम की तलाश करना भी छोड़ दी है सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की रिपोर्ट बताती है कि काम नहीं मिलने से हताश होने वाले लोगों में महिलाएं ज्यादा है उन्हें योजना के अनुसार काम नहीं मिल रहा है देश में आबादी के हिसाब से देखें तो वर्ष 2017 से 2022 के बीच पूर्व कामगारों की संख्या 46% से घटकर 40% रह गई है रोजगार बढ़ने के बजाय 2.1 करोड़ कामगार घट गए हैं भारत में अभी 90 करोड लोग रोजगार के योग हैं इनमें 45 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अब काम करना की तलाश भी छोड़ दी है
   मध्य प्रदेश के 61 मंदिरों में पूजा-पाठ की इजाजत नहीं है यह सभी राष्ट्रीय संरक्षक स्मारक है इन नजरों की है इसके अलावा की औरतें एसएम ऐसे हैं जो सरकार की इजाजत के बगैर भूल नहीं पा रहे हैं ट्रस्ट द्वारा ऐसे मंदिरों जो सरकार के अधीन है की देखरेख के लिए मांग भी की थी किंतु सरकार ने इस तरह कोई ध्यान नहीं दिया।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन

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