सामाजिक पार्टीज, जिंदा दिली दिखाऐ.
वर्तमान समय मे चुनावी माहौल बनाने के लिऐ अनेको प्रकार की उद्घोषणाएं करने की बजाय सामाजिक
पार्टीयां आमजनो को लोभ लालच देने के बदले अपने गिराबान मे झाक कर अपनी की गई गलतीयो को सुधारे । इसी मे उनकी भलाई छुपी है । आज 21 वी शदी और बुध्दिजीवी वर्ग की जागरूकता को देखते हुए घोषणा करे तो अतिउत्तम होगा । सरकार गरीबो को भोजन दे ही रही है और सत्तापार्टी इसका लाभ भी उठा रही हे । कोई भो पार्टी का छोटा या बड़ा कार्यकर्ता अपना स्वंम का पैसा गरीबो पर अथवा दान नही करता है वो सब पैसा आमजनता का होता है । जिस दिन यह बात सब सामाजिक पार्टियों कोसमझ मे आ जाएगी तो देश का नक्शा ही बदल जाए जाएगा । यदि अपना बहुमत हासिल करना है तो छोटे-छोटे ईमानदार नेताओं को आगे लाऐ ,जो जमीनी स्तर गरीब,ईमानदार नेता हो जिनमे देश केप्रति सच्ची लगन हो ऐसे बहुत से लोगहै उन्हे ढूढ़-ढूढ़ कर आगे लाए और उन्हे प्रोमेट करे । और यह काम भी वही कर सकता है जो इस समय हार की कगार मे खड़ा होकर तमाशबीन बना हुआ है । इस समय ऐसी स्थिति काग्रेस पार्टी की है उन्है अपनी पार्टी मे बहुत बदलाव करने की आवश्यकता हे:-
(1) पुराने दागदारो कार्यकर्ता को बाहर करे ।
(2) जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे रखकर उनके पदचिन्हों पर चले ।
(3) परिवार वाद वंशवाद को समाप्त कर नए लोगो को अच्छी टोम बनाकर
(4) देश में चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस की कार्यशैली को लेकर पार्टी में बड़े सवाल उठाए गए । पांचो राज्यों में कांग्रेसी हार हुई तो काग्रेसी जनो के होश उड़ गए । परन्तु खैरागढ़ के उप चुनाव मै एक खुशी की लहर उनके मन उत्पन्न हुई ।अभी भी काग्रेसी को नीति बनाने के लिए कुछ ना कुछ नया करना पड़ेगा ।
(5) आप पार्टी को अपनी किस्मत आजमाने की जरूरत है । ना मामा से काना मामा वाली कहावत इन पर लागू होती है।
(6) बीजेपी विकास के मुद्दो पर चुनाव जीत रही है ।अब लोगो का मन बदलने लगा है । जिंदा रहेगैं तो ही वोट देगें ।
(7) अन्य पार्टीयो को आने के लिऐ बड़ी मस्सकत करने पड़ेगी । न ई विचारधारा के साथ न ई योजनाओं को साथ लिए मैदान पर उतरे तो सफलता मिल सकती है ।
(8) बढ़ते क्राइम ,बढ़ती-महगाई, कीमते,मिलावट, नरसंहार,बलात्कार,चोरी, घूसखोरी,भ्रष्टाचार, आदि को समाप्त
करने की योजनाओं के विरुद्ध एक्शन प्लान के साथ आगे आए लोग स्वागत् करेगें ।
आज हमे अच्छै नेता की आवश्यकता है । हमारा विश्वास ना टूटने पाऐ । हमे मोदी,योगशिवराज नही चाहिए हमे उनके काम चाहिए उनका इतिहास चाहिए जो हमारे प्रेरणास्रोत बने । हमारे देश भारत देश मे अभी भी अनेको भ्रष्ठ नेता है जिन्होंने अभी तक प्रापर्टी का व्योरा नही दिया है । आज एक नेता या सरकारी अफसर बनता है वह सात पीढियों को सुधारता है । समाचार पत्रो की न्यूज हमे इनके बारे तथा देश मे घट रही घटनाओं के बारे मे रोज बतलाती है ।
इस बार का चुनाव बड़ा दिलचस्प है । बहुत बड़ा परिवर्तन होगा । हिंसक घटनाओं के भी अंदेशा है ।
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