"मै ऐसे ही हूँ "श्रीरामधुन !
"मै ऐसा ही हूँ ,मुझे कोई नही बदल सकता " । जो कह दिया, कह दिया ! जो लिख दिया,सो लिख दिया । उसे पूरा होना ही है ।एक बार बढ़ गया तो बढ़ गया । पीछे मुड़ना नही आता । पिछे मुड़कर देखना भी नही आता । मै ऐसे हूँ धीरे -धीरे सब छूटते जा रहे है,मै भी एक दिन छूट जाउंगा । बस रह जाएगी तो यादे,बाते और एक पहेली ! मै ऐसा ही हूँ, सत्य के साथ आगे बढना,मुश्किलहै । इस वजय से हार मे भी जीत है,हार सोने का है, चाँदी का है ? कोई परवाह नही ,कुछ नही चाहिए । मै ऐसा ही हूँ, समय धीरे- कम हो रहा है,काम बहुत है । कुछ नही किया सरकार ने,संघ सरकार ने पूरे 17 साल बरबाद कर दिया ? इसका जबाब तो पूरे भातवर्ष के बड़े-बड़े नेताओ
और अफसरो के पास नही है ।जिस प्रकरण को महामहिम राष्ट्रपति व राज्यपाल नही हल कर पाऐ तो कौन करेगा ? इसी वजय से
मै ऐसे ही हूँ,जैसा भी हूँ,अच्छा हूँ ।
निस्वार्थ सेवा भावना से किया गया
कार्य भी काम नही आया अतः भगवान पर से विशवास उठ चुका है । मेरे कर्मो और मेरे नियम ही मेरी
धरोहर पूंजी है । मैने कोई बुरा कार्य
नही किया है । हमेशा सच का साथ
दिया है इसी कारण से आमजन लोग मुझे "आज का सत्यवादी" कहते है । मेरे द्वारा प्रकासिक मासिक पत्रीका का नाम हैऔर स०समाचार पत्र का नाम आर्यवंश
है । मै ऐसे ही हूँ सत्य की जंग मे हारा हुआ एक सिपाही की तरह ।
मैने अपनी लड़ाई स्वंंम् अकेले के दम पर लड़ा है और अपने ही दम पर टूस्ट "माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट"का गठन
कर 17-18 वर्षो से अनेको निशुल्क सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ
चूंकि मै ऐसे ही हूँ । आज मै सबसे
ज्यादा खुशनसीब इंसान हूँ । मुझे भूख नही लगती,पानी से काम चला
लेता हूं । पैसो का मोह नही हे और अब तो कोई लालसा भी नही रही।
केन्द्र,राज्य सरकार के नुमाइंदे मुझे
क्या देगें ? किंतु मै उनको ऐसे ही नही छोड़ने वाला नही हूँ ! मै कुछ भी कर सकता हूं चूंकि "मै ऐसे ही हूँ " ।मैने आज तक जो भी बोला है
लिखा है उनका प्रभाव भी शुरू हो
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
जय श्री कृष्ण
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