आज की बात ,उम्मीदवारों के नाम ...

आज की बात सुनिए गुरुजीसत्यवादी
श्रीरामधुन से  "आर्यवंश    "आज का  सत्यवादी " के द्वारा कल-आज-कल मे
लेख है कि वर्तमान मे नगर निगम के चुनाव मे शोरगुल का बाजार गरमा रहा है । उम्मीदवारो का घरोघर जाकर
पैर पखराई का कार्यक्रम शुरु हो चुका
है ,मंदिरों मे पूजापाठ और चढ़ावा और पैसो की बरसात शुरुआत हो गई
है । बेरोजगार और निठ्ठालो  को भी काम मिल गया है । सब लोग बड़ी मेहनत और लगन के अपनी अपनी जिम्मेदारीया निभा रहे है ।
    इस बार के चुनाव मे सबसे ज्यादा
कड़ी मेहनत और संघर्ष होगा वार्ड क्र० 4,13 ,22,31 ,40, 49,58,67
मे होगा । यहा पर अप्रत्याशित आश्चर्य जनक परिणाम दैखने को मिलेगे । यहा सब गांधीवादी की जीत होगी ।जो लोग पहले जीत चुके उन्है किसी के आशीर्वाद की जरुरत नही है । वे बार-बार क्यो लड़ना चाहते है यह भी
एक प्रश्न है ?  ये लोग वार्ड का भला
करेगे या नही करेगे किंतु यह तो तय है कि अपना भला जरुर करेगे । इस महगाई,बेरोजगारी के दौर पर चुनाव मे इतना खर्च करना व करवाना हर किसी की बात नही है । चुनाव लड़ने से  पहेली योजनाएं बन चुकी है कि उन्है क्या क्या करना है कैसे करना है
कोन से कार्यकरताओ को क्या देना है
अथवा दिलवाना है सभी कुछ तय हो चुका है । 
   आज देश-प्रदेश की स्थिति ठीक नही है पंचभूत भी  सक्रिय है । वर्ष 2022 बड़ा उथल-पुथल मचाने वाला
साल है । अब ऐसे मे चुनाव करवाना भी ऐक चुनौती पूर्ण कार्य है ।
     आज की स्थिति ऐसी है :- भाजपा
के उम्मीदवार को उम्मीदवारी मिली है
वह एक प्रकार जीत के सातवे घोड़े पर सवार होकर उपर की ओर देखते
हुए भाजापा का दामन पकड़कर अपना जीवन संवारने मे लगे है और पैसे पानी की तरह बहा रहे है ।
     वही दूसरी तरफ काग्रेसी उम्मीदवारों की लग रहा है कि उनकी जीत होगी जबकि वजय उनके पास कुछ भी नही है । कुछ ही अच्छे लोग भी है जिन्हे मौका नही मिला और वे 
पर्दे के पीछे रहकर काम करते रहे और काम करते करते दुनिया से अलविदा कर गए । बड़ी मछलियां छोटी मछलीयो को निकल जाती है यह कहावत यहां पर चरित्रार्थ होती है।
     तीसरी पार्टा ""आम आदमी पार्टा" ने  अपना राज्य स्थापित करने की कोशिश जरूर की गई और सफल भी
होती किंतु इसमे शामिल कार्यकर्ताओं
की टोली का चयन ठीक से नही होने के कारण फैल हो गई और उसकी छवि खराब हो गई, यह दूसरी बार था 
अब इस पार्टा के पास एक मौका और  दिया जाएगा फिर तो पार्टी का अस्तित्व ही समाप्त ना हो जाऐ ?
श्री अरविंद केजरीवाल के पास सच्चे
सिपाही की कमी और तुनकमिजाजी होने के कारण श्री मोदी जी की जगह नही ले पाएगें ।
     इसके अलावा छुटभैया नेता भी गलतफहमी पाले हुए भी मैदान उतरे है ।और अपनी पहचान बनाने मे लगे है ।जबकि इनके पास नेताओं के गुण
है ही नही ।पार्टा का नेता दादागिरी मे तो माहिर हो किन्तु दादागिरी आमजनता से नही कर सकता उसे हमेशा आमजनता का ख्याल रखना ही पड़ेगा ।
    और हाँ एक बात और बता दे इसमे
क ई उम्मीदवार मेहमान बनकर आए है उन्होने दूसरे  का हक छीना है इस गलती की सजा तो प्रकृति अथवा पंचभूत देगे ही उन्है भगवान भी नही 
बचा सकता चूंकि इनको ऐसा लगता है कि इन्होने भगवान और पुजारी को
खरीद लिया है ,वै उनके गुलाम है । ऐसा बिलकुल भी नही चलेगा ।इन सबसे बचने का रास्ता खोजे ।
     लिखने को तो बहुत कुछ है  ?पढ़ने वाले,अमल करने वाले तो हो ।

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