भाजपा और ओवीसी पार्टा मे समानता
आज हम यह देख रहे और महसूस कर रहे है कि भारत मे भाजपा का शासनकाल नही चाहिए और ना ही ओविसुद्दीन जैसे नेता ही चाहिऐ ।
ये दोनो ही देश मे अराजकता फैलाने
का काम कर रहे है । हिन्दु-मुसलमानों
को भड़का रहे है । दोनो ही किसी से
कम नही है । दोनो के उसूल अपनी अपनी जगह सही है । किंतु इनके उसूलो से आमजनो को कोई मतलब नही है । वे कुछ भी कर सकते है किंतु कभी कभी भावनाओ मे ज्यादा ही बहकर भूल जाते है कि वे क्या आखिर क्या बोल रहे है और इसका असर जनता पर क्या पड़ेगा ?। भारत का कानून इतना अच्छा है कि हर मुल्क का अपराधी यहां आकर सजा भुगतने के लिऐ हर दम एक पैर पर खड़ा है । यहां पर अपराधी साक्षो के अभाव झूठे साक्षो के सहारे छूट जाता है । यहां पर साक्षोकी नीलामी बोली लगाई जाती है । यहां पर नेता और सरकारी अफसर केकारण बड़े-बड़े कारनामों की कहानीजगजाहिर है । कम पढ़े-लिखे ,जुर्म करने वाले नेता बड़े-बड़े अफसरो परहुकूमत करने के साथ-साथ पूरे देश को अपने अंगूठे पर नचाते है । बेचारी आम जनता करे तो क्या करे ।
दिल्ली पुलिस ने लगभग 31 लोगों के खिलाफ गुरुवार को कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जो कथित तौर पर नफरत भरे संदेश फैला रहे हैं विभिन्न समूहों को उकसा रहे हैं और ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं जो शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है दिल्ली पुलिस के मुताबिक दोनों एफ आई आर दिल्ली पुलिस ने फोटो लेते हुए दर्ज की है
दिल्ली पुलिस का कहना है कि नूपुर के विवादित बयान के बाद सोशल मीडिया चैनल ऐसे किया गया नूपुर के बयान से पहले और बाद में जो भी टूट हुए सोशल मीडिया पर विवादित बयान आए उनकी पड़ताल करने के बाद पुलिस ने खुद को खुद दोनों एफ आई आर दर्ज की इस लिस्ट में बीजेपी के पूर्व नेता नूपुर शर्मा नवीन कुमार चंद्र ए आई एम आई एम असदुद्दीन
ओवैसी अपने भड़काऊ बयानों के लिए चर्चित पीस पार्टी के साथ चौहान पत्रकार सभा नबी मौलाना मुफ्ती नदी अब्दुल रहमान गुलजार अंसारी अनिल कुमार मीणा और हिंदू महासभा की पूजा शकुन पांडे के नाम है दिल्ली पुलिस आरोपियों को सम्मान करने की प्रक्रिया में
सरकार की तुगलकी कार्यवाही -
दिल्ली के राज्यपाल ने अपना पद संभालते ही कुछ सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध एक्शन लेते हुऐ आदेश निकाला और उन्हे दिल्ली सरकार में निष्क्रिय सरकारी कर्मचारी समय से पहले जबरन एवं निर्मित किए जाएंगे भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद उपराज्यपाल ने जब यह निर्देश दिया है दिल्ली सरकार के ऐसे कर्मचारी और अधिकारियों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट देने के लिए 15 सदस्य 3 समिति का गठन किया आदेश के मुताबिक इसमें उन कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया जाएगा जो कि 50 से 55 साल की उम्र के करीब हो या 30 साल की सेवा दे चुके हो कर्मचारी को बीते 5 साल में प्रमोशन मिला है लेकिन उनकी गतिविधियां संदिग्ध है तो उन्हें भी इस दायरे में रखा गया है
ठीक इसी प्रकार से थोड़ा हटकर म०प्र० सरकार ने लगभग चार हजार
नर्सो को अचानक सेवामुक्त कर दिया
था बाद मे उनकी सुध तक नही लिया।
भाजपा सरकार , संघ परिवार के
नेताओं का कार्य हमेशा
कानपुर हिंसा के पांचवें दिन पैगंबर मोहम्मद अकबर विवादित टिप्पणी करने के बाद बीजेपी युवा बैंक के नेता को गिरफ्तार किया गया उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई सवाल उठाए थे इसी मामले में पुलिस ने किया हिंसा के बाद लगातार माहौल काफी गर्म रहा ।
ऐसे ऐसे अनेको विवादित कारणो के कारण हमे ना तो असुद्दीन चाहिए और ना ही भाजपा के वे नेता ही चाहिए जो
राष्टू हित विरोधी हो ।
श्री रामधुन दरबार
माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं
परमार्थ टूस्ट, भोपाल म०प्र०
👍👍👍
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