गोहत्या के विरुद्ध हमारे देश मे वर्षो से विरोध चल रहा है किंतु उस आज तक किसी भी सरकार ने कोइ खास नही उठाए है बल्कि इसमे इजाफा ही हुआ है ।गोहत्या को लेकर बहुत से संगठन बने,काम किया और इसके नाम से अपना उल्लू सीधा करने का कार्य किया और फिर अंधेरै मे गुम हो गए । समय धीरे धीरै बीतता गया और समस्या का समाधान नही हुआ ।आज भी गायो का धन्धा चल रहा है चोरी छिपे अभी गाये कट रही है और सरकार इस तरफ ध्यान नही दे रही है और ना ही हिन्दु संगठन ही इस तरफ ध्यान दे रहा है। अभी हाल मे गायो की तस्करी का मामला उजागर हुआ जिसमे पुलिस ने सफलता प्राप्त की है यह मामला का है और प्रकरण का है जहा पर लोगो को पता चला कि ग्राम जिला का सामने आया कि किसी धर मे गाय काटी है उस घर मे विश्व हिन्दु परिषद बंजरग दल के कुछ लोगो ने घर मे घुसने की कोशिश की कैमरे से वीडियो भी बनाया किंतु मौहल्ले वालो की पतथरबाजी के कारण उन्हे भागना पड़ा । पुलिस से पूछा गया तो उन्होंने जबाब दिया कि उन्हे इस बात की कोई सूचना नही मिली है और हाँ गाव वालो ने रिपोर्ट जरुर की है हमने शिकाथत दर्ज की है हम उन पर एक्शन जरुर लेगे ।
इन सब बातो से पता लगता है कि अभी गाये बेची जा रही है और काटी जाकर उनका मांस भी बेचा जा रहा है । ऐसे सरकार को चाहिए कि इस संबंध मे बनाऐ गए कानून का सकती से पालन करे और करवाऐ । अन्यथा पुलिस और कानून पर से लोगो का विश्वास उठ जाऐगा ,और अपराधी भी यही चाहता है । अतः इन पर नकेल डाली जाये तभी इनके होसले पस्त होगे ।
गौ हत्या पर होगा 10 साल तक की सजा और ₹100000 का जुर्माना का प्रावधान है
विभिन्न राज्यों के कानूनों का अध्ययन करने के बाद ही हरियाणा में को संरक्षण एवं गौ संवर्धन बिल बनाया गया है इस आदमी का प्रस्ताव विधानसभा सत्र में हर हाल में पेश किया जाएगा अन्य राज्यों की अपेक्षा हरियाणा का यह कानून निश्चित तौर पर सख्त होगा इसमें गौ हत्या करने वाले व्यक्ति के लिए 10 वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है अवैध रूप से गौ मांस बिक्री के लिए ले जाने वाले वाहन चालक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी और उस महान को जप्त किया जाएगा वर्तमान समय में हरियाणा में लगभग 9000000 दुधारू पशु है क्षमता को दोगुना करने में हमारे पशुपालक सक्षम है।
हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में गौ हत्या में लगातार भगवती होते जा रही है इसका कारण यह है कि एक जानवर और जानवर के साथ मनुष्य का लगाओ तो बहुत होता है पर इसे बहुत लोग जानते नहीं है और इसके कारण एक बेजुबान को हत्या करके उसका मांस खाना पसंद करते हैं पशु के अंदर वफादार है तो वह दो ही पशु है जो कि एक कुत्ता है और एक गाय जो व्यक्ति काहे की महिमा को जानते हैं वह व्यक्ति पूजा करते हैं और जो उसे श्रद्धा भक्ति करके अपने घर में माता के सामान दर्ज दर्जा देते हैं हिंदू धर्म में गाय माता पूजा जाता है क्योंकि उसके भीतर 33 प्रकार के भगवान विराजमान होते हैं यह बात उन लोगों के दिमाग में कभी नहीं आई थी जो मनुष्य के रूप में राक्षस जन्म दिया है जो लोग सिर्फ गाय को जानवर ही समझते हैं फिर आपकी संतान की का भी पालन यही जानवर की करते हैं गाय का अपमान करने से घोर पाप लगता है शास्त्रों में माना गया है कि गौ माता एक ईश्वर का ही रूप है जिसे कामधेनु नाम दिया गया है आपके बच्चे के जीवन दान देते हैं जैसे कि उसके दूध पिलाकर मां जैसे अरबी निभाते हैं।
उपाय :-
धर्म के अनुसार को अष्टमी गौ माता के नीचे 10 बार आना जाना कीजिए मानता है कि ऐसा करने से विश करने के बाद जो पुन्य प्राप्त होता है वही पूर्ण गौ माता के नीचे से निकलने पर मिलता है इसलिए गौ हत्या के पापी को गोष्टी मी पर गौ माता की विशेष पूजा करनी चाहिए वह के गायों के बच्चों की भी सेवा करना चाहिए गौ माता को चारा खिलाएं उनकी परिक्रमा करें परिक्रमा करने के बाद कुछ देर तक गायों के साथ चले या उन्हें चराने ले जाएं।
मुसलमान करें गौ हत्या पर प्रतिबंध की मांग
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर पूरे देश में उसके पद पर प्रतिबंध लगाने को कहा है आम धारणा ऐसी बनाई गई है कि वह हत्या के लिए सबसे ज्यादा मुसलमान जिम्मेदार है जबकि सच्चाई कुछ और है भारतीय परंपरा के सुविख्यात इतिहासकार धर्मपाल अपने शोध के आधार पर अपनी किताब गोवध और अंग्रेजी में लिखते हैं कि महारानी विक्टोरिया ने तत्कालीन वायरस वायसराय लेंस डाउन को लिखे एक पत्र में कहा था कि हालांकि मुसलमान द्वारा की जा रही वह हत्या आंदोलन का कारण बनी है लेकिन हकीकत में यह आंदोलन हमारे खिलाफ है क्योंकि मुसलमानों से कहीं ज्यादा हम गौ हत्या कर आते हैं इस पत्र में यह बात साफ है कि ना केवल ज्यादातर भारतीय हिंदू मुसलमान और ईसाई बल्कि ब्रिटिश अफसरों का एक बड़ा वर्ग भी इस बात को जानता था कि पशु वध बंदी का आंदोलन जिसे को हत्या के विरोध में है वह वास्तव में भारत में 100000 से भी अधिक अंग्रेज सैनिकों एवं अफसरों के भोजन के काम आता है।
इतिहास के पन्नों में यह बात अंकित है कि अंग्रेजों ने हिंदू मुसलमानों को इस बीच वोट डलवाने के लिए गाय और सुअर के मांस की कटाई को बढ़ावा दिया था अंग्रेजों से पहले मुगल राज में भारत में गोकशी नहीं होती थी मुगल बादशाह बाबर ने जहां गाय की कुर्बानी से परहेज करने का हुक्म दिया था वही अकबर ने तो गोकशी करने वालों के लिए सजा-ए-मौत मुकर्रर कर रखी थी।
1921 में प्रकाशित ख्वाजा हसन निजामी देहलवी की किताब करके कुर्बानी एक के मुताबिक भोपाल रियासत के पुस्तकालय में मुकदमा संस्था बाबर का ऐसा ही एक फरमान मौजूद है जिसमें गाय की कुर्बानी से परहेज करने को कहा गया था इतना ही नहीं गौ हत्या के खिलाफ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी समय-समय पर फतवे जारी किए हैं इनमें फिरंगी महल के मौलाना अब्दुल बारी फिरंगी महली और मौलाना अब्दुल हुई फिरंगी महली के फतवे प्रमुख है मौलाना अब्दुल भाई रंगीली के एक फतवे में कहा गया था कि गाय की बजाय ऊंट की कुर्बानी करना बेहतर है अगर खुदा चाहेगा तो आइंदा गाय कुर्बानी नहीं होगी।
18 वीं सदी के आखिर तक अंग्रेजों की बंगाल मद्रास और मुंबई की प्रेसिडेंसी सेना के रक्षक विभागों में बड़े पैमाने पर कसाई खाने बन जहां बड़ी तादाद में गौ हत्या होने लगी समय के चलते चलते जैसे-जैसे भारत में अंग्रेजी सेना और अफसरों की तादाद बढ़ने लगी वैसे वैसे ही गोकशी में भी बढ़ोतरी हुई इसी द्वारा हिंदू संगठनों ने पशु के खिलाफ एक आंदोलन किया धर्म के नाम पर सियासत की रोटियां देखने वाले नेताओं चाहे किसी भी धर्म के हो एक ही लक्ष्य होता है समाज को बांट कर अपना उल्लू सीधा करना आज जब देश को अथक प्रकृति और युवाओं को रोजगार की जरूरत है सांप्रदायिकता का जहर हमारे अस्तित्व के लिए खतरा बन चुका है आता जरूरी है कि हम हर धर्म के समझदार हो इस शहर से अपने समाज को बचाने का काम करें अगर मुसलमान तय कर लेते हैं कि गौ हत्या और गौ मांस का व्यापार नहीं करेंगे तो देश में एक ऐसा भाईचारा कायम होगा जिसमें हम सब अपना ध्यान और ऊर्जा अपने अथक प्रकृति के लिए लगा सकेंगे 1980 में मुरादाबाद मुरादाबाद में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद महीनों को कर्फ्यू लगा रहा जिससे बर्तन कि कारीगर निर्यातक तबाह हो गए तब से वहां के लोगों ने दंगों से तौबा कर ली माना जाता है कि सनातन धर्म और इस्लाम में कोई समानता नहीं है फिर भी हम हजारों सालों से साथ रहते आए हैं और आगे भी शांति से रह सके इसके इसलिए मुसवा मुसलमानों को ही गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनी चाहिए।
मई 2014 में देश की राजनीति में फिर करवट बत्ती संघ परिवार से जुड़ी भाजपा को लोकसभा में पूर्ण बहुमत मिलकर मोदी सरकार बनी आप संत समाज और को भक्तों में आशा जगी कि जल्दी ही संपूर्ण गोहत्या बंदी का राष्ट्रीय कानून बनेगा पर यह क्या नवंबर 2015 आते-आते भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सार्वजनिक दे दिया गोहत्या बंदी कानून बनाना राज्य सरकारों का कर्तव्य है जनता इसी मंत्री जी का व्यक्तिगत मत भी मान लेती पर तभी खबर छपी कि केंद्र की मोदी सरकार ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है कि गोहत्या बंदी कानून बनाना राज सरकार का विषय है अतः केंद्र सरकार में संपूर्ण को हत्या अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं बना सकती है देश का संत समाज और धर्म प्रेमी गौ भक्त हतप्रभ आश्चर्यचकित रह गए कल तक किस राजनीतिक दल के सहयोगी संगठन देश में गोहत्या बंदी का राष्ट्रीय कानून बनाने के लिए अनेक बार आंदोलन किए थे उन्हीं से जुड़ी भाजपा सरकार उच्च न्यायालय को कह रही है इसको हत्या बनती कानून बनाना तो राज सरकार का विषय है।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
Comments
Post a Comment