गोदाम,गोडाउन का खेल-तमाशा..?
गोदाम अथवा गोडाउन की कहानी व इसका महत्व ,परिभाषा और इसकी उपयोगिता के बारे मे लिखने का कोई विशेष कारण और रहस्य के तत्थो पर लोगो को समझाना बहुत जरुरी है।
गोदाम की परिभाषा :-
गोदाम उसे कहते है "जहां पर अतिरिक्त सामान रखा जाता है।" गोदाम मे माल रखा जाता है । कुछ लोगो ने इस गोदाम को कोल्ड स्टोर बनाकर व्यवसाय कर रहे है। गाड़ीयो को रखने के लिऐ गैरेज बना रखा है । कुछ लोग इन गैरोजो को दूकानो मे तबदील कर दूकान चला रहे है तो क ई लोगो ने अपना मकानो को दूकानो मे तबदील कर और भारत सरकार के बने कानून का मजाक उड़ा रहे है । जबकि होना चाहिए कि सरकार इसकी शुरू से ही रोक लगाना चाहिए। ऐसे बहुत सी बाते है सरकारी अफसर जानबूझकर इन पर कार्य-वाही करते ही नही है और कोर्ट के आदेशों का इंतजार करते है। भारत मे निर्मिति गोडाउन पर ध्यान नही देते है । इन गोडाउन मे सब प्रकार के अनैतिक कार्य होते है जो दिन दहाड़े चलते है ।अनेको गोडाउन सेठो और व्यवसायी के ऐशोगाह का भी अडडा् बने हुए है । इस लेख लिखने का प्रमुख कारण भी ताकि सरकार इस तरफ भी ध्यान दे और इसको कानून के दायरे मे लाऐ । इन गोडाउन मे अनेको प्रकार के जुर्म हो रहे है इन पर छापामार कार्यवाही की जाऐ ताकि उनके भीतर छुपे सत्य को बाहर लाया जा सके ।गोडाउन भरे बाजारो के अलावा वीरान सुनसान जगहो मे बने होते है । इन गोडाउन पर सरकारी रेड कभी नही होती चूंकि ये सब कार्य सरकारी कर्मचारी की मिलीभगत से चल रहे है। गोडाउन मे काम करने वाली महिला कर्मचारियों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है।
सरकार ने ही सरकारी आरक्षण की नीति बनाई है। अतः सरकार को ही इस संबंध मे कानून बनाकर लागू करना चाहिए ।
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