श्रध्दालुओं की कमी नही हैं ?
भारत में तिरंगा की लहर देश विदेशों में सो मच कृष्ण जन्माष्टमी के गणेश जी की धूमधाम से पूरा हिंदुस्तान हिंदू में किधर से गूंज उठा इन सभी त्योहारों में किसी भी प्रकार का वेतन नहीं हुआ बल्कि नेताओं ने बड़े-बड़े नेताओं ने जोरदार तकिया और करोड़ों रुपए खर्च किए करो रुपए कहां से आए क्या इनका हिसाब पूछने की हिम्मत है किसी में नहीं ना भारतीय संविधान में इस प्रकार की गतिविधियां करने की अनुमति सभी धर्म वालो को क्यों नहीं है उस पर सभी धर्म को ऊंची नीची जाना चाहिए आज पूरे भारत में संघ परिवार से संबंधित पार्षद विधायक सांसद मंत्री धार कार्यों में बड़ी रुचि दिखा रहे हैं जो हिंदू राष्ट्र घोषित करने में सहायक बनने वा बनाने में सहयोग प्रदान कर रहे हैं इसका समर्थन अन्य धर्म के लोग भी किसी ना किसी रूप से सहयोग दे रहे हैं ईसाई समाज की नौरोजी प्रार्थना मंगलवार से शुरू हो गई है इस दौरान शहर के कैथोलिक गिरजाघर में अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य की देवी मां वेलांगनी की विशेष प्रार्थना की जा रही है इस दौरान गिरजाघर में सामूहिक रूप से एकत्रित होकर समाज के श्रद्धालुओं में आराधना प्रार्थना की कई श्रद्धालु इन 9 दिनों तक व्रत रखकर मां बेलन काली की आराधना करेंगे ईसाई समाज के लिए यह प्रार्थना विशेष महत्व रखती है इस दौरान अच्छे स्वास्थ्य के लिए कामना की जाती है ईसाई समाज के लोगों का लोगों का कहना है कि मान और मानता भी है कि मंदिर की मदर मैरी ने 17 वी सदी में समुद्री तूफान में गिरे पुर्तगालियों को दर्शन दिए और उन्हें तमिलनाडु के वेल्लाकन्नी गांव में सुरक्षित पहुंचाया नाविकों ने गांव के समुद्री तट पर मदर मैरी के सम्मान में एक छोटा सा फोटो बनाया आज भी लाखों लोग अपनी मनोकामना के साथ वैलंकन्नी में आते हैं शहर के इन्फेंट जीसस चर्च के पूर्व पादरी लेंसी फर्नांडीस की अगवाई में नौरोजी प्रार्थना शुरू हुई इस अवसर पर चर्च के फादर जॉन बैनर टो फादर सुरेश खलखो सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे दसवें दिन माता मरियम का जन्मोत्सव 8 सितंबर को मनाया जाएगा।
इस प्रकार हम देखते हैं कि इन धार्मिक श्रद्धालुओं से किसी को भी किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है आपत्ति करने वाले राजनेता की है जो अपने स्वार्थ के लिए लोगों को को वोट का हिस्सा मानते हुए गुमराह कर रहे हैं और धर्म के नाम से जातिवाद जाति समुदाय में बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं हमें इन लोगों से अथवा ऐसे लोगों से सावधान रहकर मानवता का पाठ देखना है और पढ़ाना है।
किसी भी धर्म की आलोचना करना उस पर वाद-विवाद ना किया जावे और इसकी आलोचना ना किया जावे ऐसा सभी धर्म शास्त्र बतलाते है । इन सब बातो पर कोई भी ध्यान नही देता है और कुछ ना मालुम होने के बावजूद भी बहस करता है । यही सबसे खराबी है जो दरार पैदा करती है । यही कारण है कि धार्मिक यात्राओ के दौरान धटनाऐ घटती है ,प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप भी होती है ।
धर्म को मानना, और उस पर चलना अच्छी बात है किंतु दूसरे धर्म की आलोचना और बुराई करना बिल्कुल ही गलत बात है ।
ठीक इसी प्रकार से सरकारी सम्पत्ति पर सरकारी राशी पर थार्मिक आयोजन करना व करवाना भी कोई धर्म इजाजत नही देता है। ये पढ़े लिखे लोग आखिरकार कब समझेंगे ?
टीलेश्वर माहराज श्रीरामधुन
माँ आदिशक्ति दर०धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट, टीलाजमालपुरा भोपाल म०प्र०
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