कहानीयो मे छुपी कहानी की कहानी-
वर्तमान मे जो भी घटनाऐ घट रही है वो सब पहले से ही चली आ रही
होती है उसमे थोड़ा बहुत इधर-उधर से लेकर रिमेक करके लिखी जा रही है । प्रायः प्रायः ऐसा फिल्मी दुनिया मे देखने को मिल जाता है ,खासकर साउथ की फिल्मो मे । इन फिल्मो मे सभी प्रकार का चटपटे मसाले डली होती
है । आजकल ऐसी ही फिल्मे बन रही है और लोग उन्हे पसंद कर रहे है । अर्थात कहानीकारो की कहानी
मे कहानीऔर फिर उसके अंदर कहानी मिलती है । ऐसी ही एक कहानी जो सत्य के भीतर सत्य की पर्तें खोलते खोलते अनबुझी पहली
बन जाती है ।
कहानी का शीर्षक और प्रस्तुत कहानी का तालमेल हलाकि नही मिलता है । जो उसके अंदर संस्पेंस भी मोजूद है ।
एक शहर मे बहुत गरीब परिवार रहता है जो कि निर्धन के साथ साथ हरिजन जाति का है । इस परिवार मे बहुत से बच्चों मे एक ऐसा बच्चा था जो किराने की दूकान पर काम करता था । उस बच्चे का मन ना तो काम मे लगता था और ना घर मे ।जब देखो तब कभी भी घर से भाग जाता था और आ भी जाता था । एक दिन ऐसा भागा कि बहुत दिनो तक नही आया । तब उसके माँ-बाप ने गुम-
शुदकी रिपोर्ट कर दी ।
क ई सालो के बाद वही बच्चा एक हष्टपुष्ट खूबसूरत नौजवान किन्नर के रूप मे अपने माँ-बाप से शहर पहुचा और वो शानदार लक्जरी गाड़ी मे आया । गाड़ी न ई
दिल्ली के गुरूजी की थी । उस बच्चे ने पुलिस को अपनी आमद देकर अपनी गुमशुदगी की रिपोर्ट कटवाई और अपने माँ-बाप के पास रहा और बीच बीच मे अपनी टोली मे भी जाता था ।
इस बच्चा किन्नर ने ढेरो सवाल खड़े किऐ है :-
* जो बच्चे किन्नर होते है उनके माँ-
बाप का उत्तरदायित्व के निर्धारण पर सरकारी ने कोई नीति क्यो नही बनाई ?
* ऐसे बच्चे जो घर से भागते है वे
12 से 21 की उम्र मे कहां रहते है?
क्या करते है ? आदि आदि अनेको सवाल है ?
* प्रायः प्रायः सभी लोग हष्ट-पुष्ट होते है और एक महिला से ज्यादा ताकतवर होते है । फिरभी सरकार ने इनके आरक्षण ,नोकरी, व्यापार
तथा रहन-सहन और आवास के बारे मे आज तक कुछ क्यो नही किया ? जबकि देखा जाऐ तो ये लोग हर काम को बखूबी कर सकते है ।
इन लोगो को समाज ने आज तक नही अपनाया है जबकि इनके माँ-
बाप की गलती है अथवा ईश्वर ने ऐसा क्या सोचकर बनाया है और इनके बारे मे कुछ नही सोचा । इन्होंने अपनी पहचान बनाने के लिऐ अच्छे अच्छे कार्य किया है ।
यहां तक राजनीति मे भी क ई बार सफल होते देखा गया है तो सभी
क्षेत्रो मे भी सफल हो सकते है ।
इनकी कोई गलती ना होने पर भी
विश्व भर मे इन्हे हेय की दृष्टि से क्यो देखा जाता है ? सरकार और आमजनता इनके बारे मे क्यो नही सोचती है और अपनी गलती क्यो नही मानती है ।इन्हे गुलामी और तकियानूसी ,फूहड़पन के दलदल से निकालने के बारे मे क्यो नही सोचा जाता है । ये लोग सभी युग मे पाऐ जाते रहे है ।
इन्हे महान बनाने और अपनी की गई गलतीयों को छुपाने के लिऐ मानव जाति ने हमेशा इनका उपहास उड़ाया है और इनको महान बताने बाबत अनेको प्रकार की भ्रांतियां फैलाई है ।साथ ही इनका संबंध अनादी कालखण्डों से भी जोड़ा है ।
इन किन्नरो के बारे मे लोगो ने समय पर अनेकानेक सवाल-जबाव किऐ है जो इसप्रकार से है :-
* किन्नरो की सख्या कितनी है ?
- किन्नरों की संख्या लगभग 30,000 के आसपास है ।
* किन्नरों के प्रकार ?
- किन्नर दो प्रकार के होते है ।
** इस किन्नर का नाम विशेष विराम है जो सबसे ज्यादा खूबसूरत है और दिलकश है इतना ही नहीं लोग इन्हें मणिपुर की खूबसूरत गर्ल के नाम से भी जानते हैं
हार्ड जेंडर होने के बाद भी यह किन्नर इतनी इंटेलिजट है कि इनके दीवानों की कोई कमी नहीं है
* किन्नर एक रात के लिए शादी क्यों करते हैं
इस समस्या का समाधान श्री कृष्ण ने निकाला श्री कृष्ण स्वयं मोहिनी का रूप धारण करके आ गए और उन्होंने इरावन से व्यवहार किया अगले दिन सुबह रावण की बलि दे दी गई और श्री कृष्ण ने विधवा बनकर ब्लॉक किया उस घटना को याद कर किन्नर रावण को अपना भगवान मानते हैं और एक रात के लिए विवाह करते हैं ।
* किन्नर बच्चे की पहचान ?
किन्नर समाज में किसी की मौत होने पर जश्न मनाने का रिवाज है कहा जाता है कि वह किन्नर रूपी नर्क जीवन से मुक्ति मुक्ति मिलने के लिए किया जाता है सभी किन्नर सब के पास खड़े होकर उसकी मुक्ति के लिए अपने आराध्य देव रावण को धन्यवाद देते हैं साथ ही प्रार्थना करते हैं कि दोबारा उसे किन्नर रूप में जन्म ना दें जब कोई किन्नर मरता है तो उसे अग्नि नहीं दी जाती बल्कि उसको जमीन में दफनाया जाता है सबको दिन के बाद में नहीं बल्कि रात के बस में निकाली जाती है किन्नरों के सब को जूते चप्पलों से पीटा जाता है आपको यह जानकर और भी हैरानी होगी कि मैं किसी किन्नर के मौत के बाद किसी भी तरह कोई मातम नहीं मनाते क्योंकि इनकी मानता है ।
* किन्नरों से क्या मांगना चाहिए ?
किन्नरों से दुआ देने की आवश्यकता नहीं होती है ना ही उससे कुछ वस्तु रुपए आदि मांगने की आवश्यकता होती है किन्नर को अगर आपका व्यवहार छू लेता है तो वह आपके लिए संसार की खुशी दुआ में मांग लेता है फिर चाहे आपने किन्नर के लिए कुछ किया हो या नहीं किया हो
* क्या किन्नरों की बद्दुआ लगती है?
कहते हैं कि केंद्र की दुआ और बद्दुआ दोनों ही लगती है ऐसे में हमेशा उन्हें खुश करके उनका आशीर्वाद पाने का ही प्रयास करना चाहिए
* किन्नरों का सच क्या है ?
एक मान्यता के अनुसार किन्नरों की उत्पत्ति ब्रह्मा जी की छाया से हुई है दूसरी और कई लोग यह भी मानते हैं कि हर रिश्ता और कश्यप ऋषि से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है ऐसा माना जाता है कि कुंडली में बुध शनि शुक्र और केतु के अशुभ योगों के कारण व्यक्ति किन्नर या ना पुस्तक पैदा होता है ऐसा माना जाता है कि कुंडली में बुध शनि शुक्र और केतु के अशुभ योगों के कारण व्यक्ति के अंदर या नपुसंक पैदा होता है ।
*भारत मे कुल कितने किन्नर है?
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में किन्नरों की संख्या 133465 थी जो प्राप्त सर्वेक्षण में इनकी संख्या लगभग 16000 4 16 लाख 4615 हो गई है यानी 10 वर्षों में 27 150 की वृद्धि हुई है सर्वेक्षण के अनुसार प्रदेश में सबसे ज्यादा किन्नरों की संख्या आगरा मंडल में 14915 है बनारस में 12620 मुरादाबाद मंडल में 979
है।
किसी ट्रेन में ताजी तालियां बजाते हुए आते हैं वह यानी किन्नर शक्ल देख कर और उनके घर से ही हम किन्नर की पहचान कर लेते हैं कई नाम होते हैं उनके हमारे यहां किन्नर हिजड़ा और ना जाने क्या-क्या आम आदमी के पैसे मांगने का ज्यादा विरोध नहीं करते और चुपचाप निकाल कर दे देते हैं ऐसा क्यों ? बहुत से लोग ऐसा भी मानते हैं कि इनकी बद्दुआ नहीं लेनी चाहिए पर क्यों नहीं लेनी चाहिए? यह कोई नहीं बताता सच्चाई तो यह है कि किसी को पता ही नहीं तो बताएंगे कैसे ? किन्नरों की शव यात्रा भी बहुत गुप्त होती है हमारे देश में इस वजह से 500000 के हैं आज हम आपको बताएंगे किन्नरों से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो हमेशा जानना चाहते हैं पर कोई पता नहीं बताता नहीं है ।
* ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा जी की छाया के किन्नरों की उत्पत्ति हुई है
* महाभारत में अज्ञातवास के दौरान अर्जुन ने ब्राह्मण लल्ला नाम के एक हिजड़े का रूप धारण किया था उन्होंने उत्तरा को नृत्य और गायन की शिक्षा भी दी थी
* किन्नर समुदाय खुद को मंगल मुखी मानते हैं इसलिए यह लो बस शादी जन समारोह जैसे मंगल मंगल कारी कामों में ही भाग लेते हैं मरने के बाद भी यह लोग मातम नहीं मनाते बल्कि यह खुश होते हैं कि इस जन से पीछा छूट गया ।
* किन्नर की दुआएं किसी भी व्यक्ति के बुरे समय को दूर कर सकती है ।
* अगर किसी के घर बच्चा पैदा होता है तो उस बच्चे के जननांग में कोई कमजोरी पाई जाती है तो वह उसे किन्नर के हवाले कर दिया जाता है
* यह समाज ऐसे लड़कों की तलाश में रहता है जो खूबसूरत हो चार धाम थोड़ी कॉमन हो और जो ऊंचा उठने के बाद देखता हूं यह समझाए उसे नजदीकी बढ़ाता है और फिर समय आते ही उसे बढ़िया कर दिया जाता है बतिया यानी उसके शरीर के हिस्से के उस अंग को काट देना जिसके बाद वह कभी लड़का नहीं रहता ।
* किन्नर अपने आराध्य देव आरा 1 साल में एक बार विवाह करते हैं
* किसी की मौत होने के बाद पूरा किन्नर समाज हिजरा समुदाय एक हफ्ते तक भूखा रहता है ।
किन्नरों के बारे में अगर सब से कुछ कुछ रखा गया है तो वह यह है इनका अंतिम संस्कार हिना की शव यात्रा रात में निकाली जाती है तब यात्रा निकालने से पहले सब को जूते और चप्पलों से पीटा जाता है इसके इसके बाद शव को जलाया नहीं जाता बल्कि दफनाया जाता है।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
लेखक-आलोचक-काउंसलर ।
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