छोटे-छोटे कार्यो से आदमी महान बनता है !
इस 21 वी शदि का युग परिवर्तन का युग भी कहा गया है जिसमे अनेको चीजो के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं का भी कहर होते रहेगे जिसे हमने देखा है,देख रहे है और यह सिलसिला जारी रहेगा ।
अब यहां समझने वाली बात यह है कि जो भी व्यक्ति नियमो से बंधा है और नियमित नियमो का पालन कर रहा है उसे किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कतें नही आएगी ।
महान पुरुष बनने के लिए मनुष्य को अपने विचार तो भाव व व्यवहार में महानता लाना आवश्यक है केवल शक्ति के बल पर कोई भी मनुष्य महान नहीं बन सकता महान बनने के लिए मनुष्य के हृदय का प्रेम जीतना पड़ता है अपने अंदर आकर शक्ति का विकास करना होता है उनके हृदय में अपनत्व की भावना को स्थापित करना होता है सर्वप्रथम इंसान अपने अंदर इसने एवं सद्भावना से उत्पन्न आकर्षण लाने का प्रयत्न करें अगर इस प्रकार के गुण विख्यात नेताओं में पाए जाते हैं सर्वप्रथम अपने व्यापार द्वारा मनुष्य के हृदय का प्रेम जीतने का प्रयत्न करते हैं और जब पूर्ण रूप से मानव समाज को आकर्षित कर लेते हैं तब अपनी इच्छा अनुसार कारवां काम करवा लेते हैं अगर मनुष्य के विचार में मानता नहीं हुई तो उसके परिणाम यह होता है कि उन्नति करके भी पुनः पतन को प्राप्त हो जाता है महान विचार को का तात्पर्य तांत्रिक भावना से है अगर विचार उच्छस खुद होंगे तो यह सत्य है कि आपका जीवन भी महान व निर्मल होगा ।
सफल होने के कई रास्ते हैं निर्भर करता है कि आप किस रास्ते को चुनते हैं इसमें यह बात भी मायने रखती है कि वह रात आपके लिए कितना उपयुक्त है लेकिन सफल लोगों में एक बात समान होती है बे कुछ खास आदतें विकसित कर लेते हैं जिन्हें हर रोज दोहराते हैं फिर परिस्थितियां कुछ भी हो वह आदतें अपने आप के लिए सफलता के दरवाजे खोल देती है निम्न उपायों वाह नियमों का पालन करेंगे तो आपको निश्चित रूप से सफलता मिलेगी-
* मानसिक ऊर्जा बढ़ाएं
* जानकारियों को बढ़ाते रहें
* सही खानपान और नियमित व्यायाम जरूरी है
* अच्छा व्यवहार भी जरूरी है
* जीवन का मकसद जाने
* सवाल पूछने में कभी ना शर्माऐ
* अपने काम और परिवार को अलग अलग रखें
* सही दिशा में काम करें
*, अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दें
आज 21 वी सभी कुछ उल्टा पुलटा
चल रहा है किसी को किसी की चिंता नही है । सब अपनी अपनी रोटी सेंकने मे लगे है चाहे वह नेता,सरकारी कर्मचारी हो,व्यवसायी हो,या उद्धोगपति ही क्यो ना हो ।प्रकृतिक बदलाव हो रहा है ,भ्रष्ठाचार के अपनी चरम सीमा की उचाईयां को छू रहा है
झूठ के बाजार सत्य को खोजने का कोई मतलब नहीं है ।
अपनी पहचान बनाने मे बहुत समय लग जाता है । छोटे छोटे कार्य अच्छे
अच्छै कार्य करके ही इंसान बड़ा आदमी बनता है महान बनता है ।
लेखक-आलोचक,व० सम्पादक
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