कल-आज-कल का आज का समाचार

गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन प्रधान संपादक "आर्यवंश" समाचार पत्र व "आज का सत्यवादी" मासिक पत्रीका के द्वारा कल-आज-कल का समाचार स्तम्भ की सम्पादकीय लेखन कार्य कर छुपे हुऐ सत्य को बाहर लाने और आमजनो के समक्ष अवलोकानार्थ प्रस्तुत है -
* भाजपा नर्म हुई अल्पसंख्को पर-
15 साल की मुस्लिम लड़की ने अपनी पसंद से शादी कर सकती है ऐसा हाई कोर्ट ने ऑर्डर जारी किया और कहा कि बाल विवाह कानून के तहत नहीं रोका जा सकता ?
     16 वर्षीय पत्नी को चिल्ड्रन होम आशियाना से छुड़ने की मांग संबंधी पति की याचिका को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है जस्टिस विकास बहल ने फैसले में कहा मुस्लिम पर्सनल ला के तहत लड़कियां की योन परिपक्वता अथवा अपनी इच्छा से शादी के लिए आयु 15 साल तय की गई है ऐसे में बाल विवाह कानून के तहत ऐसी शादी पर रोक नहीं लगाई जा सकती है
छोरा भारतीय मुस्लिम लड़की ने अपनी इच्छा से शादी की है तो इसे गैरकानूनी नहीं ठहराया जा सकता है ऐसे में लड़की की कस्टडी उसके पति को दे दी जाए 26 वर्षीय पति ने याचिका दायर कर कहा था कि लड़की के परिवार के लोग जबरन उसका निकाह करना चाहते थे लड़की ने इसका विरोध किया और घर से भागकर 27 जुलाई 2022 को मनीमजरा की मस्जिद में निकाह किया था पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था उनकी शादी मुस्लिम कानून के तहत पूरी तरह से पहले आज मामा से निकाह करवाना चाहता है ऐसे में उसने अपनी इच्छा से घर से भागने का फैसला दिया अब वह अपने पति के साथ रहना चाहती है। 
* पत्नी को कार से कुचलने के प्रयास में प्रड्यूसर कमल किशोर गिरफ्तार
     मुंबई पुलिस ने फिल्म प्रोड्यूसर कमल किशोर मिश्रा को गुरुवार को गिरफ्तार कर दिया उस पर पत्नी यास्मीन को कार से कुचल कर हत्या के प्रयास का आरोप है इधर कमल किशोर की पत्नी ने आरोप लगाया है कि वह मुझे बच्चों के सामने चप्पलों और रातों को सो से पीटता है बेड से भी मारता है यासमीन ने कहा कि 20 फरवरी 2014 को अंधेरी कोर्ट में हमारी शादी रजिस्टर्ड हुई थी कमल किशोर हिंदू था और मैं मुस्लिम मेरे 3 बच्चे भी थे वह मेरे पीछे पड़ा था इस शादी के 4 महीने के बाद उसने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया चार मौला मौला उने हमारे निकाह किया शादी के लिए खतना कराने के लिए भी राजी था यासमीन यह भी कहा कि मॉडल आयशा ने उन्हें कहा था कि वह कमल किशोर की पत्नी है इसके बाद मार्च में ही उन्होंने आयशा के खिलाफ केस दर्ज करवाने की कोशिश की मैंने उसे समझाया कि हमारी लाइफ से चली जाओ उसके पहले ही तीन पत्नियों और 5 बच्चे थे ।
* 50 साल के मौलाना ने 6 साल की बच्ची से अश्लील हरकत की भीड़ ने मदरसा घेरा । यह खंडवा की घटना, मौलाना गिरफ्तार, पास्को एक्ट के तहत केस दर्ज खान साहब अली क्षेत्र के मरकज मस्जिद के अंदर चल रहे मदरसे के एक मौलाना पर 6 साल की बच्ची के साथ अश्लील हरकतें करने का आरोप लगा है । बच्ची से शोषण के बारे में पता चलने पर आक्रोशित भीड़ ने मदरसा और मस्जिद को घेर लिया । डर के मारे मौलाना मस्जिद के अंदर दरवाजा बंद कर दिया था ।  कुछ देर बाद पुलिस वहां पहुंची उसे गिरफ्तार कर थाने ले गई । भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को अश्रु गैस के गोले भी छोड़ने पड़े । आरोपी मौलाना के खिलाफ फास्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया ।
*बुढ़ापा कभी किसी को ना आवे ?
     अगर बुजुर्ग बार-बार गिरते हैं तो वह अपने आप में एक बीमारी है। यह दूसरी बीमारी की वजह से होती है वह कई दूसरी बीमारी की वजह से बनती है। 65 साल से ज्यादा उम्र के जो के गिरने पर 5% आशंका हड्डी टूटने की बढ़ जाती है। अचानक गिरने से किसी भी उम्र में यह हो सकता है । लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ते जाती है यह बार-बार होने लगता है ।दरअसल दिमाग अचानक शरीर का साथ छोड़ देता है इस वजह से बुजुर्ग को के गिरने की घटनाएं होती रहती है।
पार्टीशन जैसी बीमारी के चलते दिमाग और शरीर के तारतम्यता बार-बार टूटती है। इससे बुजुर्गों को कई बार चोटे लगती है तो कई बार हड्डी टूट जाती है । इस उम्र में हड्डी जोड़ने में लंबा समय लग जाता है।  यूनाइटेड किंग्डम की सरकारी रिपोर्ट कहती है कि 65 साल से ऊपर के लोगो  ही और 80 साल से ऊपर के आधे लोग साल में एक बार जरूर कहते हैं ।
गिरने से बुजुर्गों के कूल्हे की हड्डी टूटने की वजह से 17 के अंदर मौत की आशंका 319 हो जाती है जबकि 30% मामलों में बुजुर्गों को लंबे समय तक देखभाल की जरूरत पड़ती है  स्ट्रोक से जाता बुजुर्ग गिरने से अस्पताल पहुंचते हैं ।65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के अचानक गिरने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं । बुजुर्गों को बचाने का सबसे अच्छा तरीका अस्पताल की बजाय घर पर देखभाल है ।बीपी ,आंख और कान के इलाज की दवा से गिरने के मामले बढ़ते हैं।
    बदलते समय के साथ जब समाज में बुजुर्गों का शिकार हो रहा है उन्हें वृद्धा आश्रम में छोड़ा जा रहा है और उन्हें एकांकी जीवन जीना पड़ रहा है इन सब के बीच अगर किसी बुजुर्ग महिला की उसके रिश्तेदार अचानक पूछ परख और खातिरदारी करने लगे तो  यह सवाल उठता है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसका इतना सम्मान हो रहा है हालांकि आप ऐसे बुजुर्गों को भी यह समझ आने लगा है कि केवल प्रॉपर्टी और उनकी पूंजी के फेर में रिश्तेदार उन्हें पूछ रहे हैं ताकि बाद में उन्हें वह मिल सके
   * रात के समय कभी-कभी लोगों को ऐसे सपने आते हैं कि उनके पीछे कोई खूंखार जानवर पड़ा है, बे उसे दौड़ा रहे हैं ,लेकिन पैर नहीं चल रहे हैं, किसी भूलभुलैया में खो गए हैं ,जहां से निकलने का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। 
इस तरह के बुरे सपने आना आम बात है । लेकिन कुछ लोग इससे इतने परेशान हो जाते हैं कि उन्हें अनिद्रा, चिंता और तनाव होने लगता है । लगातार 1 सप्ताह तक यह  स्थिति हो तो मन में बहम हो जाता है कि कुछ गलत हो रहा है । लेकिन यूनिवर्सिटी आफ जेनेवा मैं हाल ही में एक स्टडी के दौरान एक ऐसी म्यूजिक थेरेपी खोजी गई है जिससे वे बुरे सपने ना केवल आना कम हो जाएंगे बल्कि 4 गुना तक पूरे सपना आना बंद हो सकते हैं । शोध के अनुसार रात में सोते समय संगीत सुनने से यह बुरे सपने अच्छे सपनों में बदल सकते हैं । वही अच्छी नींद भी आती है । म्यूजिक नींद में लोगों के इमोशंस को कंट्रोल करने का काम करता है । थेरेपी उन लोगों पर ज्यादातर असरदार साबित हुई जिन्हें सप्ताह में कम से कम एक बार बुरे सपने आते हैं बुरे सपने से निजात पाने के लिए लोग म्यूजिक थेरेपी के जरिए भावनात्मक रूप से मजबूती हुए हैं शोधकर्ताओं ने इसे इमारतें इमेज थेरेपी भी कहा है अमेरिकन अकैडमी आफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार अमेरिका के 4% से अधिक लोग इन दिनों बुरे सपने से परेशान हैं । प्रमुख शोधकर्ता डॉ लैंब्रोस पेरा पेरा माई के अनुसार यह बगैर मेडिसन के सबसे प्रभावशाली उपचार है जिससे वह 4 गुना तक बुरे सपने आना कम हो सकते हैं ।
* मंदिरों मे भगवान के साथ साथ
नेताओ की तस्वीरों ?संध परिवार और भाजापा हिन्दुओं के अंदर हिन्दुत्व की भावना पैदा कर एक सूत्र मे बांधने की कोशिश कर रही है बहुत ही अच्छी बात है इसका समर्थन सभी लोग करते है ।
मंदिरो पर मंदिर बनवा रही है। भव्य
मंदिरो को बनाने मे पैसे भी बहुत खर्च कर रही है । मंदिरो को स्वर्ग का रुप दे रही है यह भी किसी से नही छिपा है इस पर भी किसी को एतराज़ नही है ।किंतु इस 21 वी शदि के बुद्धिजीवों को एक ही बात खटकती है और वह यह है कि इन मंदिरों को राजनीति का गढ़ क्यो बनाया जा रहा है ।
यहाँ पर भक्तगणो,पुजारी के अलावा ये नेता लोग क्या कर रहे है ? इनकी मंशा क्या है ? इसके पिछे की कहानी कोई भी समझ नही पा रहा है। यहां पर ये नेता ,भ्रष्ठ नेता  किसी बड़े खतरे की चक्रव्युह की रचने की कोशिश तो नही कर रहे है।  ये
समाजसेवा करने वाले नेता अपना कार्य को छोड़कर भगवान की शरण मे क्यो इतनी दिलचस्पी ले रहे है ?  
     ये आज के नेताओं की जाँच पड़ताल करवाना चाहिए कि उनके अंदर की बातो की शिक्षा आखिर कौन देता है,क्यूं देता है, इसके पीछे मंशा किसकी हैआदि आदि बातो का स्पष्ट होना बहुत ही जरुरी है ।
एक कहावत भी चरित्रार्थ है कि "राजनीति मे सब जायज है"।
राजनीति मे तो प्रायः प्रायः सभी गुण्डे टाइप के ही लोग रहते है ये सब के सब कैसे सुधर गए  ? ऐसा हो नही सकता ? तो क्या ये सभी के सभी तुलसीदास, बाल्मीकि है ? वर्तमान समय मे राजनीति मे एक अजीब सा भूचाल आने को भी आतुर है । भूमिका बनाई जा रही है ।बेक ग्रांउड की तैय्यारीयां जोरो पर चल रही है । तानाशाही अपनी विसात बिछा चुकी है , बस अब जीत का फैसला जीत मे आना ही होगा । जब मीडिया को काम सौप दिया गया है तो जीत पक्की ही समझो ।नोटो और वोटों की विसात भी बिछ चुकी है ।
* सामाजिक  कार्यकर्ता क्या ऐसा होता है  ?
      अब हम उन सामाजिक कार्यकर्ताओं की बात करते हैं जो सामाजिक कार्य के नाम से अपना धन्धा चला रहे है ।दोस्त बनकर, चमचागिरी करके,पार्टीयाँ बदल कर अपना व्यवसाय चला रहे और जनहित का कार्य करके फोटो वीजन करके धार्मिकता का लिबादा ओढ़कर सत्तारूढ़ पार्टियों
को गुमराह कर अपना उल्लू सीधा कर रहे है ।
ये कोई संघ कार्यकर्ता नही है किंतु अपने को बतलाकर आमजनता के हितैशी बने हुए है। इनके साथ है कुछ मीडिया के छुट-भैय्या पत्रकार भी साथ दे रहे है ।ऐसे कार्यकर्ता मोसमी कार्य करने मे माहिर होते है । जिस रुख मे हवा चल रही हे वही धन्धा करेगें । 
     अब ऐसे लोगो से संघ परिवार को ही निबटना होगा सलाहकार का काम है सही सलाह देना इसमे कोई राजनीति नही है ।

गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
लेखक-आलोचक-प्रधानसंपादक
श्रीरामधुन

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