हार -जीत का समय होता है !
हार और जीत का एक निश्चित समय होता है हारने वाला बार बारहारता इसलिए कि वह एक ना एक बार जीतेगा जरूर । ऐसी विचारधारा से वह एक दिन जीत भी जाता है ।
हर आदमी सोचता है कि अमुक कार्य उसने किया है अथवा वह जो कुछ कर रहा है , वह सरासर झूठ है चूंकि वह जो कुछ भी कर रहा है या तो उसके भाग्य मै था उसे ऐसा करने के लिऐ उसे कही ना कही मिली है। या फिर पिछले क ई जन्मो का फल है ।यहां हम जिस अदृश्य शक्ति को बाते कर है उसे लोगो ने अथवा हमारे धर्मशास्त्रो ने भगवान, ईश्वरीय शक्ति माना है और इसी ईश्वरीय शक्ति का लाभ से आज हमारा देश चल रहा है । इस भारतीय जनता पार्टी , राष्ट्रीय स्वंम सेवक सघ का शासनकाल चल रहा हे। इनकी राजनीति का अखाड़ा मंदिंर से ही शुरु होता है और वही पर ही समाप्त हो रहा है।
महान अकबर जब यहां भारत मे आया था तो उसने सबसे पहले मंदिरो को लूटा तुड़वाया ,साथ ही जोर जबरन जाति धर्म परिवर्तन करवाया और इस्लाम धर्म को बड़ावा दिया । आज हमारे देश बिलकुल ही वेसा ही चल रहा है ।
शासक कुछ भी कर सकता और करवा रही है और आमजन भी सहयोग कर रही है जो प्रतिरोध कर रहे है उनके खिलाफ एक्शन ले रही है । हमारी सरकार भी वही कर कार्य करके अपना वर्चस्व स्थापित करना चाह रही है । भारत फिर से जंगल राज आ रहा है अथवा चल रहा है । समय ही अपनी गति से चलता हुआ हमारे मन की भावनाओं के अनुरुप कार्य करवाता है जो कर्मो पर अधारित होता है । क ई लोग इसे चमत्कार मानते है तो क ई लोग भगवान की आस्था मानते है तो अनेको इसे अलग अलग रुप से मानते है ।
सब कार्यो का एक निश्चित समय होता है और उसी के अनुसार सब कुछ निर्धारित होता है । हमे कुछ भी पता नही होता है और समय अपने गति से चलता हुआ सब कार्यो को अंजाम देते हुऐ आगे बढ़ता है और इतिहास बनाते हुए भविष्य की ओर चलते हुए वर्तमान से करवाते रहता है । एक छोटी सी फिलासफी इंसान नही समझ पाता है और अपने ईगो पर अड़ा रहता है।और इसी के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाकर जीवन बरबाद कर देता है । और उसकी शिक्षा और आदर्श सब थरे के धरे रह जाते है । ऐसे ऐसे ना जाने कितने लोग आए ओर चले गए । क ई लोग आए और चले गए। कुछ इतिहास के पन्नो मे छप कर अमर हो गए तो कुछ गुमनामी के अंधेरे मे गुम हो गए ।इसी जीत हार मे अपना बहुमूल्य समय नष्ट कर देते है समय और अवसर को एक छोटी सी बात पर बेकार कर देते है । अपना तो अहित करते है दूसरो का जीवन नर्क बना देते है ।
देश मे चल रही राजनीति, राजनेताओं मे घमासान चल रहा है और इनके बीच मे अफसरशाही जो चल रही है जिन्हें आमजनता झेल रही है और समझ रही है किंतु मूक है चूंकि मजबूर है और जो मजबूर नही है और जो सबल और सक्षम है वे इनसे लड़ रहे है । सब समय करवा रहा है कौन जीतेगा और कौन हारेगा सब जानते है। सब मायाजाल मे फंसे हुऐ है।
दुनिथा का कोई भी, कैसा भी आदमी हो उसकी काउसलिंग कर बताया जा सकता है कि वह कैसा आदमी है और क्या चाहता है, कितना अच्छा और कितना बुरा है बतला सकते है गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन ।
लेखक-आलेखक-काउसंलर
Very nice
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