सीनियर सिटीजन की उम्मीदें.......!

  
सिटीजन्स की भी अलग-
अलग कहानीयो से भारत के सभी लोग वाकिब है। उनकी सही मदद् की जा रही है ? बिलकुल ही नही !
आज वरिष्ठ नागरिकों को कोई भी महत्व नही दिया जा रहा है बल्कि ये भी कहा जा सकता है कि उनका दोहन किया जाकर उनकी कमाई को एक साधन के रूप उपयोग किया जा रहा है। वृध्दजन हेतु जितने भी आश्रम चल रहे है उनके नाम से अनेक लोगो की जीविका चल रही है। म०प्र० सरकार हो अथवा केन्द्र सरकार हो अथवा बड़े बड़े सेलेब्रेटी हो, चाहे छोटी-बड़े संस्था हो,टूस्ट हो,समिति हो सभी संबंधित विभागीय सरकारी कर्मचारी, अधिकारी हो सभी लोगो ने इनके नाम से लूटमार मचा रखी है जबकि इनके घरो मे भी वृध्दजन है और वह स्वयं भी इसी श्रेणी मे आने की भी लाइन मे खड़े है। जैसा बोओगे वही काटोगे और भुगतोगे तब तक शायद बहुत देर हो चुकी होगी, सिर्फ पछतावा के अलावा कुछ नही मिलेगा। ऐसी अनेकोनेक घटनाएं रोज हो रही है उन सब से भी कोई सबक नही ले रहा है।
     इस बदलते युग मे ऐसे भी अनेको वृध्दजन है जो सबल होते हुऐ भी वृध्दजनो की सेवा ना करते हुऐ अपनी ही जमा पूंजी राशी के पैसो से ब्याज राशी से अपना भरण पोषण कर रहै है बहुत ही अच्छी बात है ,यह काम राष्ट्र हित का है किन्तु वृध्दजन हित मे नही । यही तो समझ समझ का फेर है यह बात भी उन्ही लोगो को समझना है ?
      वृध्दजनो के हितो पर अभी तक यह देखने मे आया है इनके लिऐ सरकार कुछ नही कर रही है ।सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन विभाग भोपाल हो या दिल्ली हो,मै व्याप्त भ्रष्टाचार एक प्रमुख कारण है । अब मोदी जी अकेले कहां कहां ध्यान देगें । म०प्र० वृध्दजन आयोग को बंद करने का कारण अभी तक स्पष्ट नही हुआ पाया जबकि वह अच्छा कार्य कर रहा था । इसके बंद होने से भ्रषटाचार पर  तो अंकुश नही लगा अपितु भ्रष्टाचार और अधिक बढ़ा । अनेको सही और अच्छा कार्य करने वाली संस्थाओ पर बुरा असर पड़ा और उनके कार्य नही हुऐ,विलम्ब हुआ उन्ही संस्थाओं मे "माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट" भोपाल है ।
इस टूस्ट के संस्थापक कार्य करते करते बुजुर्ग हो गये है और बुजुर्गो की सेवा 20 वर्षो से करते करते थक चुके है ऐसी स्थिति मे यदि उन्है कुछ हो जाता है तो उसकी जबाबदारी म०प्र० सरकार की होगी जिसके दोषी श्री शिवराज सरकार होगी ।
सुझाव -
* वृद्ध जनों को सभी प्रकार की सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान की जाए और खासतौर पर उन लोगों को जो अकेले अकेले हो उनके रिश्तेदार ना हो ऐसे लोगों को को सरकार विशेष सुविधा प्रदान कर वृद्ध आश्रम में रखने और उनका स्वास्थ्य का ध्यान रखने हेतु कार्य करें । वृद्धजन पेंशन योजना शीघ्र अति शीघ्र एक समान दर पर शुरू करें ।
* पेंशन भोगी कर्मचारियों का इतिहास देखते हुए उनके एक बच्चे को सरकारी नौकरी दी जाए
* सेक्सशवा स्वैच्छिक सेवा   निवृत्ति लेने वाले कर्मचारियों को उनके वेतनमान के हिसाब से 60 वर्षों की आयु की जो पेंशन राशि बनती है उसके अनुसार उनका भुगतान किया जाए ।
* वृद्धावस्था पेंशन का मापदंड बहुत ही सोच विचार कर बनाया जाए ताकि उसे जनहित में लागू करने पर किसी भी प्रकार की त्रुटि का सामना ना करना पड़े उसके विरोध में कोई बोल न सके ।
* यह छोटे-छोटे कार्य हैं किंतु बहुत ही बड़े कार्य है अतः इसमें त्रुटि नहीं होना चाहिए यदि इसमें कोई त्रुटि   निकालता है तो उस पर गौर किया जाए ।
* आदेश ऐसे निकाले जाएं जिस पर सरकार की अच्छी छवि का गुणगान हो सके।
* हर बच्चे बूढ़े जवान कोई भी हो सबको बुढ़ापा आना ही है अतः इस बुढ़ापे की हाल बनने के लिए आपको ऐसे बुजुर्गों के लिए कार्य करना चाहिए जो कार्य स्वयं का है स्वयं के लिए है स्वयं का होगा इस भावना के साथ करेंगे तो इसका लाभ अवश्य ही मिलेगा ऐसा मानना है कि टीलैश्वर महाराज श्री रामधुन जी महाराज का।
ज्योतिर्विद ,अंकशास्त्री श्रीरामधुन
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
"सीनियर सिटीजन"
संस्थापक,संपादक, अध्यक्ष,काउसंलर, लेखक-आलोचक

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