इतने लेख लिखकर क्या करोगे ?


गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन इतने लेख लिखकर आखिरकार क्या करोगे जबकि आप 70 पार गये हो,
मौत की दहलीज पर खड़े हो फिर भी यह लिखने-पढ़ने की आदत नही गई । जब आपकी बाते आपके ही घर वाले ही नही मानते है तो ऐसा लेखन का लाभ क्या होगा ?
जब आपके ही मोहल्ले वाले, आसपड़ोस मे रहने वाले आपका
कहना नही मान रहे और ना ही किसी प्रकार के सहयोग कर रहे है फिरभी आप जनहित निशुल्क कार्यो मे अपना समय क्यो बरबाद
कर रहे है ? आपने अपने टूस्ट के बारे मे केन्द्र सरकार और म०प्र० सरकार को प्रेषित आवेदन पत्रो पर
जब कोई कार्यवाही नही हो रही है
तो भी आप इतनी मेहनत समाज सेवा क्यो कर रहे है ? रोजाना गूगल के इंटरनेट मे लिखकर आखिरकार पोस्ट क्यो करते हो  ?
जबकि इसका भी कोई अच्छी प्रतिक्रिया नही हो रही है ? ना फैस-
बुक,ना गूगल ना व्हाट्सएप ना ही ब्लागपोस्ट ना ही व्लागरपोस्ट डालने से अभी तक कोई रिस्पाँस मिल रहा है जबकि आपके मिलने वाले लोग 4350 के आसपास है फिर भी वे आपको पसंद नही करते
है फिरभी आप इतना ज्यादा क्यो लिख रहे है ? 
     लिखते-लिखते आपके हाथ मे
दर्द बढ़ते जा रहा है ,आपको लेख लिखने मे जब इतनी परेशानी हो रही है तो आप लिखते क्यो हो ?
जबकि आपने वर्ष 2006-07 को पर्यावरण और पिघलते ग्लेशियरों पर विश्व के 190 देशो के प्रमुखो को लिखकर भेजा था ? जब उस
पर सरकार ने कुछ नही किया तो फिरभी आपके लेख लिखने का
कोई लाभ नही मिला फिर भी आप लगातार लिखते ही जा रहा है आखिरकार  लेख लिखना बंद कयो नही करते है ? जबकि आपको सरकार कुछ दे ही नही रही है और ना आपके कार्यो को महत्व ही नही दे रही है फिर भी लिखना नही छोड़ रहे है ? इतने सारे लेख-
लिखकर आखिरकार आप क्या सिध्द करना चाह रहे है जबकि आपने मान०प्रधानमंत्री की मन की
बात मे तथा सी एम हेल्पलाईन पर भी आपके प्रकरण दर्ज पर किऐ है जब कोई कार्यवाही हो ही नही रही
है और आपको गुमराह किया जा रहा है तो आप लिखना क्यो नही बंद कर देते है ? आखिरकार आप चाहते क्या है ? कही आपके मन मे कुछ उलटी सीधी बात तो नही चल रही है ! चूंकि टूस्ट के कारण आपको जन-धन क्षति पहुची है फिर भी जनहित निशुल्क कार्य आप क्यो कर रहे है ? आखिरकार
आप लिखना और जनहित कार्य कार्य करना और लिखना बंद क्यो नही करते है ? लेख लिखना, आलोचना करना बंद क्यो नही कर
देते है ? जबकि आपकी टूस्ट को आयकर विभाग द्वारा अनेको सुविधाएं मिली हे । 12 ऐ व 80 जी
के माध्यम से लोगो से , सरकार से,
दान की भीख मांग सकते थे । किंतु
आप इस कार्य को भिक्षावृति क्यो समझतै है ? दान मे लेना,मांगना को अपराध की श्रेणी मे क्यो मानते
है  ? ऐसे मे तो सभी लोगो भिक्षावृत्ति श्रेणी आ जाते है ।  तब इस पर आपका कुछ नही कहना,कुछ नही लिखना आखिरकार इसे क्या समझा 
जाऐ ?  कही ऐसा तो नही कि आपके दिमाग मे कुछ ओर ही चल रहा है चूंकि आप धार्मिक एवं समाजिक , गांधी-मोदी विचारक टूस्ट के संस्थापक है ,कुछ भी कर सकते है किंतु लिखना, बोलना, आलोचना करना आदि नही छोड़ेगें
इसी बात का डर है कही अनहोनी घटना ना घटे इस बात का भी ध्यान रखते हुए लिखना नही छोड़ेगें ।आखिरकार इतना लिखकर क्या करोगे जबकि कुछ भी शासन नही कर रहा है ।
आज वरिष्ठ नागरिकों के लिऐ डे केयर सेंटर चलाते हुए वर्षो हो गये है सामाजिक न्याय एवं
निशक्तजन विभाग द्वारा सभी प्रकार की पूरी करने के बाद भी आपके टूस्ट को मान्यता और अनुदान राशि से आज तक वंचित रखा है आखिरकार क्यो ? कही इसके पीछे कोई भ्रष्टाचार, रिस्वत आदि की मांग तो नही ? जरूरी बातो को उजागर करना अथवा ना
करना यह आपके उपर निर्भर है फिर भी आप आप लिखना नही छोड़ रहे है आखिर इसके पीछे भी
कुछ ना कुछ वजय होगी ऐसा मान
लिया । 
लेख अभी बाकी है  लिखना बहुत है यह तो तय है । लेख लिखना  जब जारी रहेगा तब तक हाथ मे जान है ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन की आज्ञानुसार प्रसारित ।
     टूस्ट "आदिशक्ति दर० धार्मिक
एवं परमार्थ टूस्ट भोपाल । 


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