भारत मे पनपता कैंसर .......!

भारत देश मे कैंसर के दो पौधे है जो अभी बाल्यावस्था से युवावस्था
मे प्रवेश होता हुआ नजर आने लगा है । ये कैंसर अतीक अहमद और अमृत पाल  सिंह  के रूप नजर आ रहे है ।
इन दोनो की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है । इस कैंसर की शुरुआत तो सन् 1947 से हो ग ई थी किंतु उस समय  लोग ज्यादा ही भावुक और धार्मिक प्रवृति के लोग  थे और साथ ही साथ अपढ़ लोगो  की संख्या भी ज्यादा थी । ऐसी अनेको कारण थे ।
          यदि उसी समय इन लोगो की आवाज को दफन कर दिया जाता और सही कदम उठा लिया जाता तो इस कैंसर रुपी बिमारी से निजात पाया जा सकता । आज अस्सी-नब्बे करोड़ों लोगो पर ये तीस करोड़ भारी नही पड़ते और इस कैंसर बिमारियों को खतम किया जा सकता था । इन लोगो की बिमारियों दिनोदिन पूरे विश्व मै बढ़ते जा रही है और कुकरमुत्ते की तरह फैलती जा रही है । अभी भी इस पर ठीक से ध्यान नही दिया तो भारत फिर से गुलामी की स्थिति मे पहुच जायेगा । और देश की बागडोर  इनके हाथो मै चली जाऐगी । इनकी बिमारो की संख्या तेजी से बड़ रही है । ये लाईलाज बिमारी से निजा़त पाने के लिऐ हमारी सरकार भी पुर्जोर कोशिश कर रही है ।
    इस बिमारी को समाप्त करने के लिऐ एकता और जागरुकता की सबसे ज्यादा जरुरत है । वैसे धीरे धीरे लोगो मे एक जुटता भी आने भी लगी है । आज हमे ना तो अतीक अहमद चाहिऐ और ना ही अमृतपाल चाहिऐ और तो इनको साथ देने वाले लोग भी नही चाहिऐ।
       राजनीति मे जो बगावत चल है उसे समाप्त किया जातिमतभेद को जड़ से समाप्त किया जाना चाहिए
एकल जीवन जीने की प्रणाली को समाप्त कर साझा चूल्हा पध्दति अपनानी चाहिऐ और एक    रहने सामूहिक एक साथ अपने धर्म का
पालन करते रहना चाहिए अन्यथा मुठ्ठी भर लोग हम पर शासन करेगें और धर्म पर फिर से कुठाराघात  करेगें ।इन लोगो को प्रोत्साहन देनै वाले हमारे भीतर जो जयचंद है उन्है भी ढूढ़कर बेनकाब करना होगा । आज विश्व की बढ़ती आबादी को रोकने हेतु हर संभव कोशिश करना चाहिऐ । इनके जेसे बनना जरूरी है । इन्ही की नीति से इन्ही को हराना होगा । इनकी दुखती नस को दबाना होगा । 
      राजनीति मे विपक्षीयो से देश को कोई खतरा नही है और खतरा जिनसे है उनके लिऐ ठोस कदम उठाकर नेस्तनाबूद करना चाहिऐ ।प्यार और जंग मे सब जायज है की नीति अपनानी होगी । तभी हम इस लाईलाज बिमारी से देश को बचा सकते है ।
   आज का समय ऐसा आ गया है कि घर परिवार मे आपस लड़ रहे है । हिन्दु, हिन्दु के दुशमन है तो मुस्लिम, मुस्लिम के दुशमन है इसी का लाभ उठाकर राजनीतिक सियासत चल रही है इसे तोड़ना होगा तभी हमारे देश को बचाया जा सकता है ।पूरे विश्व भर कोई तो ऐसा संगठन कायम है जो एकता की ताकत तोड़कर शासन करने की साजिश रच रहा है । ये लोग अमन-चेन के विरुद्ध कार्य करते है आग लगाते जब वह जोर पकड़ लेती है तो वहां से चुपचाप हट जाते है । ऐसे लोगो को कोई भी देश नही पकड़ पा रहे है लोग इसे क्यूनान संगठन के नाम से जानते है । इनके सदस्य होते हुए भी नही है । ये विचारधाराओ पर चलता है जिसे पकड़ पाना मुश्किल है ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन

Comments

Popular posts from this blog

दिलिप बिल्डकाँन के कर्मचारी अर्पित कुंवर का निधन !

28 जून 2024-श्रृध्दाजली दिवस !

आज के इतिहास मे 16 जून 2024 का विशेष महत्व !