मैने अपने पूरे फर्ज निभाऐ, क्या मिला ?" श्रीरामधुन "
मैने अपने पूरे फर्ज निभाऐ मुझे क्या मिला , जहा से चला था वही पर आज तक वही खड़ा हूं । जीवन मे कोई परिवर्तन नही हुआ ।जो भी अच्छा बुरा समय एक सपने की तरह बीत गया । अभी भी कुछ काम बाकी है वह पूरा नही हो पाया
उसकी वजय है वर्तमान सरकार और समय का भाग्य । अब समय कम रह गया है वह काम पूरा होगा कि नही । मैने जो भी सोघा वह सब का सब पूरा हुआ । तो मेरे अधूरे कार्य के पीछे मेरे ही अपने है अन्यथा वो अधूरे कार्य भी पूरे हो जाते । मेरा फोकस अधूरे काम की तरफ है किंतु समय साथ नही दे रहा है । हर संभव कोशिश के बाद भी अकेला का अकेला रह गया । अकेले के दम पर बड़े-बड़े कार्य किऐ है । मेरे जैसा आज तक नही मिला नही तो मंजिल कब की मिल ग ई होती ।नियत मे कोई खोट नही है । सरकार ने मेरे साथ धोखा किया है । धोखा दिया है इसी वजय से आज मुझे चारो ओर नजर आते है । सब अपनी स्वार्थसिद्धि मे लगे हुऐ है । आज तक मुझे कोई नही समझ पाया तो सरकार क्या समझ पाऐगी ।
हमारे देश मे मंदिरों के निर्माण हो रहै है क्या ये सभी धार्मिक लोग है , बिलकुल नही । ये सब धर्म की आड़ लेकर राजनीति कर रहे है और आमजनता को लूट रहे । आमजनता मे गरीब और अतिगरीब ही इनके शिकार है । अमीरो को तो कोई फर्क नही पड़ता । वे तो सरकार के साथ है । देश और सरकार के रहनुमा है ।
इस बीजेपी संघ सरकार को कोई नही समझ पाया है । वो तो तब पता चलेगा जब नरेन्द्र मोदी नही रहेगें ।चूंकि नरेन्द्र मोदी जैसे एक ही
जिसने अल्प समय मे भारत को कहां से कहां पहुचा दिया है । इनके अंदर बहुत सारी कमजोरी हे जिसके कारण ये अपने लक्ष्य को भेद नही पा रहे है । पहली कमजोरी
ईमानदार है किंतु सबको चोर समझते है खासतौर विपक्ष कौ । दूसरी कमजोरी यह है कि अपने सबकी बुराई करना खासतौर से विपक्ष की । तीसरी कमजोरी अपने किऐ गये कार्यो की स्वंम बढाई करनाऔर अपने आदमीयो से कलवाना । चौथी कमजोरी विपक्ष रखना ही नही जाते उन्हे नेस्तनाबूद
कर अपने मनमानी करना । ये सभी बुराईयां छोटी-मोटी नही है वह बहुत महत्व रखती है ।
आज नरेन्द्र मोदी के कार्यो से भारत को अत्याधिक लाभ पहुचा तो है लेकिन इनके कारण बहुत से ईमानदार लोगो को हानि भी हुई है।
आज यही कारण है कि इनकी ईमानदारी के कारण मुझे और अनगिनत बुजुर्गों को नुकसान पहुचा है । इनमे से क ई लोग मौत के मुंह मे चले गये । इनकी जवाबदेही किस पर थोपी जायै ।
भ्रष्टाचार ,मंहगाई, बेरोजगारी को कम नही कर पाये । इन महत्वपूर्ण
मुद्दो पर ध्यान नही दिया । मनुष्य पर सांस लेने पर टेक्स लगा दिया गया । हर प्रकार टेक्स लगाकर जनता के ही पैसो से तरक्की करना और उनके हितो का ध्यान नही रखना बहुत बड़ी नाइंसाफी है । आमजनता आप विश्वास करती है आप जीत भी जाओगे तो आमजनता आपके जैसे सुख तो नही भोगेगी । आमजनता की भलाई के बारे सोचिऐ । भगवान मत बनिए । विश्वगुरु बनिये । ऐसी दुआओ के साथ इति ।
संस्थापक-संपादक-काउंसलर
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