सरकार को गलत जानकारी देने वालो पर सख्त कार्यवही हो ....."श्रीरामधुन"

गुरुजीसत्यवादी
श्रीरामधुन


"सरकार को गलत जानकारी देने वालो पर सख्त कार्यवाही हो "- साथ ही" जो भी व्यक्ति पद भार ग्रहण करते समय शपथ लेता है और उस पर खरा नही उतरता है ,उसका पालन नही करता है " । ऐसे लोगो पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाना चाहिए और इसे कानून के दायरे मे भी रखा गया है फिर भी उसे इगनोर किया जाता है  अतः इसे शक्ति से लागू किऐ जाने बाबत और भी कठोर कानून बनाना होगा ।
      कुछ असमाजिक तत्व गलत जानकारीयां देकर सरकार के साथ धोखाधड़ी तो कर ही रहे है साथ ही
आमजनता को भी धोखा दे रहे है ।
साथ ही साथ गलत दस्तावेज भी प्रस्तुत कर रहे है । एक के साथ एक फ्री फ्राड कर रहे है । ये सभी गलत जानकारी सरकारी योजनाओ मे उपयोग कर रहे है और यह काम करवा रहे सरकारी
अधिकारी व कर्मचारी व नेता लोग।
एक की गलती तो दूसरा गुनाहगार,
दोनो ही दोषी है । ऐसे लोगो की लिस्ट बनाई जाये और देशद्रोहीयो
की सूचि मे डाला जाऐ ।
      आज राशनकार्ड हो अथवा कई  
चुनाव से जुड़ी गलत जानकारी को रोकने के लिए नीतियां बनी हुई है उनका अध्ययन करके इनके ऊपर ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है
* आईपीसी सेक्शन 177 के अंतर्गत अफसरों को झूठी जानकारी देने पर लागू होती है आईपीएस की धारा 177
* आईपीसी सेक्शन 167 के अंतर्गत अगर गलत दस्तावेज तैयार करता है कोई आती है सरकारी अफसर तो उन पर इस धारा के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है
* अक्सर आपने आसपास हमें गाली गलौज बच्चों की काका जैसे मामले देखने को मिलते रहते हैं कई बार यह इतने बढ़ जाते हैं कि इनमें अप्रिय स्थिति और बड़े विवाद जैसी स्थिति पैदा हो जाती है ऐसे मामलों में धमकियां देना एक आम बात हो गई है इस प्रकार की घटनाओं को या तो नजर अंदाज कर दिया जाए या फिर समझौते के बाद बात को खत्म करने की कोशिश की जाए अगर कानून की नजर से देखते देखे तो अश्लील तरीके से गालियां देना बदसलूकी करना और जान से मारने की धमकी देना एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है ऐसा करने वालों पर संगीन मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।
* भारतीय दंड झंडा संहिता 2002 तथा राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 में अंतर्गत नियमों के कड़ाई से पालन के संबंध में कार्यवाही की जा सकती है
* भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की महत्वपूर्ण धाराएं नंबर 49 ऑब्लिक 1988 के अंतर्गत अध्ययन करने पर कार्यवाही की जा सकती है
* सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत किसी भी प्रकार की जानकारी संबंधित विभाग से मांग कर उन पर कार्रवाई की जा सकती है ।
* जल्द ही समान अधिकार नियम शीध्र सरकार लाने जा रही है जिसमे उक्त बातो का भी हल छुपा है ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
लेखक-आलोचक-वरिष्ठ समाजसेवी

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