भीतरीधात् भय का खौफ ! "श्रीरामधुन"
वर्तमान समय मे भीतरीधात् का भय सभी को कही ना कही से डरा
रहा है । यह जंग सभी इंसानो मे क्रियान्वयन है । हर इंसान जिसमे भी इंसानियत है वह अपने आप से खोफज़दा है आज गुरुवार का दिन है । यह दिन बहुत चमत्कारीक दिनो मे से एक दिन है । चूंकि गुरु के बगैर दुनिया चल ही नही सकती है । गुरु के ज्ञान
का महत्व बतलाने वाले भी गुरु का काम करते है जो सत्य
की राह दिखाने वाले है गुरुजीसत्यवादी श्री रामधुन
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन हो फिर भी जीने को मजबूर है । ऐसा लगता है जैसे जिस्म तो है ,सांसे भी
चल रही है किंतु ये सब एक बेईमानी लगती है । कभी कभी ऐसा लगता है जैसे इंसान ना चाहते हुए जिंदा क्यो है ? इसी वजय से आत्महत्याओं के प्रकरणों पर वृध्दि
हो रही है । इसका दोषी कौन है ?
कही ऐसा तो नही है कि हमारी सरकार की वजय से तो ऐसा नही हो रहा है ! किन्तु सरकार का इसमे कैसे दोष हो सकता है यह बात भी अलग है । सरकार चाहे तो इसका सर्वे करवा कर पता लगा सकती है वेसे इसका सर्वे का काम ट्रस्ट " माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट" भोपाल द्वारा करवाया जा रहा है । यह कार्य प्राईवेट है सरकार से इसका कौई लेना देना है । सर्वे रिपोर्ट आमजनो
के समझ पेश की जाऐगी ।टूस्ट को सरकार पर से भरोसा उठ चुका है ।
सरकार ने टूस्ट के लिऐ आज तक कुछ नही किया सिवाय गुमराह के अलावा ।
भीतरीधात् का अर्थ-
"जब कोई इंसान अपना बनकर सामने वाले को धोखा देता है और उसे पता नही चल पाता तो ऐसे आघात् को भीतरघात कहते है ।"
भीतरीधात् करने वाले ये लोग-
* दलितों की सरकार ने नहीं सुनी पर संगठन उनकी बात सुनेगा वर्तमान समय में दलित वर्ग खुद को असुरक्षित महसूस करता है दलितों की आवाज राज्य सरकार ने नहीं सुनी लेकिन लेख किस बात को लेकर केंद्र सरकार अथवा से कहां जा रहा है की दलित तो की आवाज राज सरकार ने नहीं सुनी लेकिन आप अगले चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार संघ सरकार जरूर इस बात पर ध्यान देगी ताकतवर हमेशा कमजोर को दबाते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा कई नेता लोकसभा चुनाव में भितरघात का आरोप लगा रहे यह आरोप कहां तक सही है अनुशासन बनाए रखना सबका दायित्व है कुछ गलतियां अवश्य हुई है ।
* भाज पप्पू भितरघात का खौफ- चुनाव प्रचार के तेज होने के साथ ही भाजपा भितरघात से निपटने आप भी डैमेज कंट्रोल करने में लगी हुई है निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले कार्यकर्ताओं को अपना नामांकन वापस लेने के लिए जाएं दी जा रही है तो वहीं बिना सूचना के एक बार फिर देर रात ना जा परदेसी अध्यक्ष बीडी शर्मा सागर पहुंचे और भाजपा की तैयारी पर चर्चा की
* संसदीय क्षेत्र में अपने-अपने प्रत्याशी तय करने के बाद अब दोनों प्रमुख सियासी दलों को गुटबाजी और भीतरघात का खौफ सता रहा है । भा जा पा कांग्रेश दोनों ने इस बार हारे हुए प्रत्याशियों पर दांव खेला है ।
* उत्तर प्रदेश चुनाव सपा को सता रहा है भीतरीघात का खौफ तो वही
हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी के लिए भी तरीका नथ
और भ्रष्टाचार से निपटना गंभीर बात है मध्य प्रदेश में बीजेपी विधायकों ने समर्थकों को नदी में खड़ा करके शपथ दिलाई है की पर भीतरीघात से सतर्क रहें ।
* इस प्रकार से सभी जगह भीतरी घात विद्धमान है ।
इसी प्रकार से भीतरीधात् किया जा रहा है । यह बात अभी से नही बहुत पहले से चली आ रही है , अभी भी चल रही हैऔर आगे भी चलती रहेगी ।
भीतरीधात् सभी दलो मे पाया जाता है यह बात सही भी है इसके अलावा सभी लोगो को भीतरीधात् से बचना चाहिए । घर परिवार मे भी भीतरीधात् चल रहा है । गाँव हो या शहर हो प्रदेश हो सभी जगह सभी जगहो पर भितरीघात् का बोलवाला है । आज जब इतिहास पढ़ते है तो भीतरीधात् करने वालो की अनेको दास्ताने मिलते है ।
* भीतिरीघात् करने वाले ये लोग कोई भी हो सकते है जैसे माँ-बाप, भाई-बहन, चाचा-चाची,या कोई भी रिस्तेदार, मोहल्ले-पड़ौसी ,यार-दोस्त,संगी-साथी और अन्य कोई भी ।
धार्मिक ग्रंथो मे भी इसका उल्लेख मिलता है । यह एक ऐसी बिमारी जो छुआछूत वाली बिमारी है अतः इस बिमारी से बचना आवश्यक है ।
इसके कोई विशेष कानून,सख्त कानून बनाए जाकर लागू किया जाये तभी यह रुक सकता ।
भीतिरीघात् करने वाले व्यक्ति
पर एक जूनून सवार होता है और वह सब कुछ भूल जाता है और उसको अंजाम दे देता है और बाद मे पछतावा करता पाया जाता है । इस हकीकत से भी लोग वाकिब है फिर भी ऐसा होता ही रहता है ।यह सदियों से होता आया है ,अभी अभी तो कुछ ज्यादा हो गया है । इसे अब रोक पाना असंभव प्रतीत हो रहा है ।
अब इसे रोकने के लिऐ सरकार ही कोई कदम उठा सकती है तभी संभव हो सकेगा ।
लेखक-आलोचक-ब्लागपोस्ट
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