धर्म और आस्था के नाम से भोपाल सबसे आगे - श्रीरामधुन
"धर्म और आस्था के नाम मे भोपाल सबसे आगे है " यह एक ऐसी खबर है सबको चौका देती है या नही समझ मे नही आता , समझ मे यह आता है कि आखिर इसकी जरूरत क्या थी इस 20 हजार करोड़ रु० खर्च कर दिया जाये । ये राजनीति मे आखिर चल क्या रहा है ? लोगो की धार्मिक भावनाओं को आघात् कर वोटो की राजनीति कार्य सराहनीय है :-
राजनीति और धर्मनीति दोनो अलग अलग चीजे है । हमारा देश
धर्मनिरपेक्ष देश है जहां सभी धर्मों को मानने की परम्परा रही हे तो सरकार सिर्फ एक ही धर्म का सपोर्ट किस अधार पर कर रही है और वो भी अपने ही कार्यकर्ताओं को लाभ कैसे पहुंचा सकती है । चलो इस बात को छोड़ देते है तो जनता के पैसो का खर्च किस आधार पर कर रही है । सरकार के पास अनेको प्रकरण पेडिंग मे है उन धार्मिक संस्थाओं को अनुदान ना देते हुऐ मंदिरों पर इतना खर्च करने के पीछे कोई ना कोई सरकार
का उद्देश्य छुपा है उसे भी आमजनो को बताना चाहिए ।
आज की ब्रेकिंग न्यूज़
चुनाव से पहले बनेंगे तेरा हजार करोड़ के 21 मंदिर कॉरिडोर इन में 11 मध्य प्रदेश के
2024 होगा धार्मिक साल शुरुआत अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से होगी ।
* ओमकारेश्वर में शाहरुख सर्वाधिक खर्च छिंदवाड़ा में हनुमान मंदिर लौक ।
* अभी तक 3347 करोड़ में धार्मिक स्थलों का कार्यकाल
लेखक -आलोचक
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