इतिहास हमेशा सच बोलता है ऐसा नही है, झूठ भी छिपाता है ! श्रीरामधुन
"इतिहास हमेशा सच बोलता है ऐसा नहीं है झूठ भी छुपाता है " आज हम इसी बात पर एक लेख लिखकर यह बतला रहे है कि जो हम करते हैं वह तो अपनी जगह सत्य है ही किंतु समझने वाली और देखने वाली बात यह है कि हमने जो भी बोला है वह इतिहास में किस तरह के तरीके से पेश किया जाता है यह तो पेश करने वाला व्यक्ति ही बता सकता है इसी कारण से जो हम इतिहास में पढ़ते हैं वह जरूरी नहीं है कि वह सत्य हो झूठ ।
आज हम जो भी पढ़ते है उसका सच से सरोकार है कि नही हम ही समझ सकते कि वह सच है या सच पर अधारित है अथवा झूठ पर आधारित है । कितना सच है कितना झूठ है इसका पता लगाने बैठे तो जीवन कम पड़ जाऐगा ।
इतिहास बनाना हर इंसान का परम कर्तव्य है इतिहास उसे कितने दिनो तक याद रखेगा उसके कर्मो पर निर्भर करता है ।इतिहास रचने के लिऐ इंसान हर संभव कोशिश करता है और कोई जरुरी नहीं है कि इसमे हर व्यक्ति को सफलता ही मिलेगी । इसके लिऐ पूरा जीवन दांव पर लगाना पड़ता है जैसे हमारे देश की आजादी दिलाने मे बहुत से लोगो ने अपनी जाने दी है तभी उनके इतिहास को हम याद करके उनके नाम से जयंति और पुण्यतिथि मनाते है । जब से हमारे टूस्ट का गठन हुआ है तभी से हम इतिहास को अपने आपको अमर बनाने के लिऐ जयंती और पुण्यतिथि मनाने का आयोजन याद करते है और उसे फैसबुक, व्हाट्सएप पर तथा ब्लागपोस्ट काँम पर डालते है । हमारा टूस्ट गांधी-मोदी विचारक टूस्ट है ।मान०
मोदीजी के कारनामे इतिहास मे रचने वाले है जैसे गांधी जी अमर है
वैसे मोदीजी भी जीतै जी अमर हो गये है । इतिहास का दूसरा पहलू यह भी है इतिहास मे हिटलर, नाथूराम गोडसे, औरंगजेब आदि आदि का भी दर्ज है ।
अच्छे और बुरे लोगो ने अपना नाम इतिहास मे लिखवाया है और अमर हो गये है ।
लेखक-आलोचक
Comments
Post a Comment