आज मेरे पास कुछ भी नही है ,सिर्फ मेरी हिम्मत है ! "श्रीरामधुन"

आज मेरे पास कुछ नही है , सिर्फ
मेरी हिम्मत ही है --और मेरी हिम्मत ही मेरा सहारा बनी हुई है  । मेरी सकारात्मक उर्जा ही मुझे आगे बढ़ने से रोक नही पा रही है । मुझे
अपना लक्ष्य भेदन वाली मछली की आँख दिखाई दे रही है बस तरकस से तीर निकालकर लक्ष्य भेदन क्रिया को अंजाम देना है और वो समय जल्द ही आने वाला है बस थोड़ा समय जरुर लग रहा है ।मेरी हिम्मत मे री पत्नी व बच्चे भी शायद हो सकते है शायद  ।

             वर्षो पुराने नियमो और सिध्दांत पर चलते हुऐ नये निममो का धारण करना फिर उसको नियमित करने से नये नये रास्ते जरुर खुलेगे ।हमारे अनगिनत विचार आतै-जाते है । ये विचार अच्छे भी होते है और बुरे भी होते है
जो समयकाल देश परिस्थिति के अनुसार होते है । अच्छे  और बुरे विचार सतसंग करने से आते-जाते
रहते है । अच्छा सतसंग मोक्ष की प्रथम सिढ़ी होती है । बुरे सतसंग से हमेशा इंसान बुरा ही होता है । कभी कभी इन दोनो मे बीच का रास्ता  भी रास्ता होता है जो ज्ञानी पुरुष ही कर सकने सक्षम होता है ।इसे हम मैनेजमेंट का भी रास्ता कहते है । इस रास्ते की खोज करने
वाले लोग उस विषय मे पराक्रम कर हासिल करते है तभी उनका नाम इतिहास मे लिखा जाता है  और वे अमर हो जाते है । 
      आज मेरे साथ कोई भी नही है सब धीरे-धीरे छोड़कर जा रहे है जैसे मेरे माँ-बाप छोड़कर चले गये और मुझे अनाथ छोड़ गये अब हमारी बारी है हम चले जाऐगै तो हमारे बच्चे अनाथ हो जाऐगें ।यह
क्रम चलते रहेगा । दुनिया मे लोग आते रहेगें जाते रहेगे और दुनिया चलते रहेगी । यह आने-जाने का सिलसिला शदियो तक चलता रहेगा ।
       मैं अपने आने वाले कल को देखता हूं तो कुछ दिखाई नहीं देता है  । बीते हुए कल के बारे में सोचता हूं तो सोचता ही रहता हूं किंतु दिखाई कुछ भी नहीं देता है । समझ में कुछ भी नहीं आता है कि कैसे क्या हुआ ?  किंतु जब मैं वर्तमान को देखता हूं तो मुझे सब कुछ दिखाई देता है ।इसका मतलब यह है कि वर्तमान ही श्रेयस्कर है । वर्तमान में आपको सभी वस्तुओं का आभास होता है की कौन आ रहा है ,कौन जा रहा है ,कौन क्या कर रहा है ,कौन किसके बारे में क्या सोच रहा है, कौन सी पार्टी जीतेगी ,कौन सी पार्टी हारेगी, कौन राज करेगा कोन राज नहीं करेगा । आदि आदि ढेर सारी बातें वर्तमान समय में चल रही है । महंगाई बढ़ रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है आबादी बढ़ रही है यह एक कटु सत्य है।  हर कोई मानने  के लिए तैयार बैठा हुआ है । आज का समय एक ऐसा समय है जो हमें बतला रहा है कि कौन दोस्त है, कौन दुश्मन है, कौन रिश्तेदार हैं, कौन हमारे लिए क्या कर रहे हैं ,इस बात का एहसास दिलाता है ।  हमारा वर्तमान समय वर्तमान ही सर्वोपरि है । वर्तमान में जीना है और वर्तमान में ही मरना है और वर्तमान में ही सब अधूरे कार्य भी पूरे करने हैं । वर्तमान के लिए जियो और वर्तमान के लिए मरो ,यह भी एक कटु सत्य है । वर्तमान समय में सभी एक दूसरे को लूटने ,छीनने में लगे हुए हैं । कोई किसी तरह से लूट रहा है कोई किसी तरह से घसोट रहा है । दोनों स्थिति में इंसान की ही फजि़यत होने वाली है । इंसान को ही नुकसान होने वाला है। सब जानबूझकर समय पास कर रहे हैं। जब समय ही पास करना है तो किसी अच्छे कार्य में अपना तन मन धन लगाओ ताकि आने वाले समय मे दुनिया वाले आपको याद करेगे ।
      आज मेरे पास कुछ भी नही है और ना ही कोई चाहत रही फिर भी एक अनजाने भय मुझे क्यो सता रहा है । ऐसा 2-3 दिनो से हो रहा है। एक अजीब सी बैचेनी और डर सा मन मे लग रहा है उपरी मन तो फरफेक्ट है । ना कोई बीमारी ना कोई खाने पीने की कमी फिर भी छोड़ो यह मेरा वहम भी हो सकता है । मेरे कुछ काम है जिनकी जरुरत भी नही है फिर मन ने मान लिया है कि यह करना है और उसकी व्यवस्था होते होते नही हो पा रही है वह भी एक कारण हो सकता है । चूंकि मेरे साथ मेरी हिम्मत , होसला है और उससे निबटने के लिऐ ताकत भी है किन्तु भा। ग्य और समय मेरा साथ दे भी रहे है और नही भी यह  भी कारण हो सकता है । जो भी हो रहा है उसे
स्वीकार तो करना ही पड़ेगा । कोई भी किसी के साथ बुरा ना हो उसके लिऐ रोज रात्री  12 से 1 के बीच दुआ मांगता हूं । ये दुआ मेरे काम आने वाली ऐसा मुझे विश्वास है ।
    आज मेरे पास खोने के लिऐ कुछ नही बचा है ।सबका अपना अपना नसीब है ।वही होगा जो उसके नसीब मे है मै तो सिर्फ उसे रोकने के लिऐ उपाय बता सकता हूं और उपाय कर सकता हूं लेकिन कब तक । सब समय सीमा मे बंधे है ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
लेखक-आलोचक-काउंसलर- कथा
कार ।

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