मूर्ख बनाने वालो की जय-जयकार हो!
"मूर्ख बनाने वालो की जय-जयकार हो "
इसी एक लाईन के अंतर्गत पूरा संसार चल रहा है । यह एक प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रुप से , जब से दुनिया है तभी से चला आ रहा है इतिहास मे इस बात के अनेको उदाहरण देखने को मिलते है । कोई भी समझना नही चाहता है और जो समझ रहे है वे इसका प्रतिरोध नही कर पा रहा है ।
अनेको लोगो से यह प्रशन्न किया गया कि पूजा किसकी की जाना चाहिए ?
किसी ने भगवान,किसी ने अल्लाह ,किसी ईशुमसीह की ,किसी गुरुग्रंथ साहिब की तो किसी ने अपने छत्तीस करोड़ देवी देवताओं के नाम बतलाऐ ।
इन लोगो मे से किसी ने भी सही नही बतलाया कि पूजा किसकी करनी चाहिए । उन्होने तो बिना जाने-पहचाने एक अदृश्य शक्ति का
नाम बतलाया है । देखा नही है । सिर्फ सुनी-सुनाई बाते बतलाई है।
उन्होंने यह नही बतलाया कि प्रकृति की ,पृथ्वी धरती माता, माता-पिता की पूजा करो । इनकी पूजा करने के लिऐ कही नही जाना पड़ेगा । ये सब लोग आपके मन मे है , हृदय मे
बसते है इनसे मांगकर तो देखो आपकी मनोकामना स्वत: पूरी ह़ो
जाऐगी । इन्ही लोगो के कारण आप हो आपका अस्तित्व है दुनिया देख रहे हो , खा रहे हो,पी रहै हो ।
प्रकृति ने आपको सभी चीजो को मुफ्त मे दे रखी है बस थोड़ा सा प्रयास और मेहनत तो आपको करनी होगी ।अब इन चीजो पूजा पाठ और भगवान कहा से आ गया
तो उसे माध्यम क्यो बनाते हो । प्रकृति ने आपको हवा,जल,अन्न,की सेवा मुफ्त मे दे रखी है तो उसका लाभ उठाऐ । किन्तु आज के इस युग मे हवा-पानी खरीदनी पड़ रही
है जबकि धर्मशास्त्र कहते है कि पानी पिलाने से पुन्य मिलता है । भूखे को खाना खिलाना बहुत ही सबसे ज्यादा पुण्य माना जाता है ।
लेकिन हम तो भगवान को भोग लगा कर पंडितों का पेट भर रहे है और यह थाली का भोग लगाने के
मंदिर कमेठी को जरुरत से ज्यादा पैसो का भुगतान कर रहे है और अपनी शान समझ रहे है ।यह कैसी शान है ? घर के माँ-बाप को तो खाना नही खिला रहे हो भगवान को भोग लगाना और पंडित क़ भोजन कराने के बाद माँ-बाप को खिलाओगे भले ही वे लोग इस इंतेजार की घड़ी मे उनके प्राण ही
यो ही निकल जाये ! क्या भगवान की भोग की थाली और पंडितों के भोजन खिलाने से माँ-बाप जीवित हो उठेगे ? कदापि नही जबकि भगवान कौन है ? वे आपके माता पिता ही आपके भगवान है जिनके कारण आज इस अवस्था मे हो ।
आपके हृदय की धड़कन मे भगवान बसता है चूकि यही धड़कन आपके माता पिता के कारण चल रही है वर्ना आप है कौन
कौन जानता है आपको । आपका अस्तित्व आपके मा-बाप के कारण
है भगवान मे कोई रोल नही है । भगवान ने आपको जीवनदान दे दिया उसे अपने कर्मो से अच्छा बनाओ या बुरा बनाओ ये सब आपके भागय मे लिख दिया गया है और लिखने वाला ही भगवान है । इस भगवान को आज तक किसी ने नही देखा है । यह एक आस्था है । भगवान श्रीकृष्ण ने भी इस पूजा पाठ करने वालो को नसीयत दी थी कि राजा इन्द्र की पूजा की जगह प्रकति की पूजा करो पर्वत गोवर्वन की पूजा करो । त्रेता युग मे भी भगवान श्रीराम ने भी ऐसे अनेको कार्य किऐ जो उन्हे नही करने चाहिए थे । जब श्रीराम जन्म पृथ्वी
मे लेने वाले तो सभी देवी-देवताओं ने भी किसी ना किसी रुप मे अवतरित हुऐ थे । उनके श्रीराम के अवतरण के पूर्व ही उन्होने अपने आपको अवतरित होकर उनकी सम्पूर्ण व्यवस्था निर्मित की थी ।
श्रीराम तो वैकुण्ठ धाम चले गये और इन्है यही छोड़ दिया । आज भी हम उन्ही पर आश्रित है और वे हम पर आश्रित है ,होकर जी रहे है जैसे पंचतत्व हवा,जल, अग्नि,अन्न और पृथ्वी उनमे से प्रमुख है । ये सभी सेवाऐ अभी भी
मुफ्त मे चल रही है और आगे भी चलते रहेगी । मनुष्य ने इन्है जीविका का साधन बना लिया है ।
इस तरह समय का परिवर्तन होते गया है । दुनिया अभी भी वैसी चल रही है । बदला है तो इंसानो की सोच । इस बदलाव के युग मे सबसे
इंसानो की सोच मे बदलावट आई है । यह दुनिया मे इंसानो ने अनेको प्रकार की प्रकृति को चैलेंज देकर अनेको प्रकार की रिसर्च कर नया युग का निर्माण किया है जो घातक भी है और नही भी ।
वर्तमान समय दिखावे और इतिहास बनाने का चल रहा है जिसमे सभी चीजो का मिश्रण वाला चल रहा है । सभी को सब कुछ चाहिए । मेहनत कोई नही करना चाहता, प्रयास भी नही करना नही चाहता । बुराइयों की मैली चादर ओढ़ रखी है उसे फैकने
समय आ चुका है । हमे हमारी सोच
फिर से पहले जैसी सोच लानी होगी । अच्छे आचरणो का पालन करना होगा । मा-बाप का सम्मान करना होगा । एकल परिवार की जगह संयुक्त परिवार के साथ जीवन होगा । अन्न,जल,वायु,अग्नि
और पृथ्वी की पूजा करके ग्रहण करना होगा ।जड़-चेतन जीव जन्तू के प्रति सचेत होकर उनकी सेवा करनी होगी । आज जीव-जन्तूओ को दछषित वातावरण से बचाना होगा । हम सुधरेगे तो भारत सुधरेगा ऐसी रणनीति बनानी होगी। पेड़ पोधो की रक्षा करनी होगी । दूपित वायु के बारे मे सोचना होगा । पृथ्वी मे जो छेद कर
दुरुपयोग किया जा रहा है उसे बंद करना होगा । थोड़े से लाभ के लिऐ
बड़ा नुकसान हो रहा है उसे बंद करना होगा । यह सभी हमी को करना है । सरकार का काम नही है । यह काम आमजनता का है सरकार तो इसमे सहयोग करेगी ही। सरकार भी यही चाहती है ।
आमजंनता को मूर्ख बनाने वालो से बचकर रहना है तभी भारत की तरक्की होगी ।
टीलेश्वर माहराज भोपाल म०प्र०
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