साईकिल पर ब्रेड बेचने वाला की संक्षिप्त कहानी -
साईकिल पर ब्रेड बेचने वाले की लघुकृत कहानी - (1)
समय की कीमत की महत्ता बतलाता हुआ यह ब्रेड बेचने वाला
यह कहानी ग्राम जामई तहसील
जुन्नारदेव जिला छिंदवाड़ा म०प्र० मे रहने वाले एक परिवार की है जो वर्षो से साईकिल से घण्टी बजाता हुआ ब्रेड बेचने का कार्य करता है ।
सबसे पहले पैदल फिर साईकिल से
लगभग एक दशक से कर रहा है जो समयबध्दता का महत्त्व बतलाता है । उसे यह मालुम है कि किस सीज़न मे लोगो के घर मे चाय
बनती है ठीक उसी समय पर घण्टी बजाते हुए साईकिल से निकलता है। और जिसे ब्रेड लेना होता हो वो उससे ब्रेड ले लेते है । जबकि इस बदलते युग मे समान बेचने के लिऐ
नानाप्रकार के जतन कर रहा है किंतु इस इस ब्रेड बेचने वाले नियमो का पालन करता हुआ अपना वही पुराना पुस्तैनी धंधा कर
रहा है । इसमे लाभ होता है या नही किंतु वह इस कार्य को कर रहा है । इसका नाम ग्रिनीस बुक आँफ इंडिया मे दर्ज करने वाला हो सकता है । यह व्यक्ति हिन्दु है अथवा मुसलमान इससे कोई लेना देना लेकिन यह पांच वक्त की नमाज और मंदिरो मे होने वाली आरती मै जो समय निश्चित होता है ठीक इसी प्रकार से एक निश्चित समय पर रोजाना साईकिल पर संवार घण्टी बजाता हुआ यह ब्रेड बेचने का पुस्तैनी धंधा हकीकत मे तारीफेकाबिल है । जो आमजनता को यह शिक्षा देता है कि -कोई भी कार्य करो उसे निश्चित समय पर करो तो आप जीवन मे सफल हो सकते हो और उस समय तक मेहनत और लग्न के साथ करो झब आप सफल नही हो जाते । सफल होने के बाद भी पुस्तैनी काम करते रहो ताकि सफलता की उँचाई से गिर ना सको "।
लेखक-आलोचक-कहानीकार
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